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थाईलैंड-मलेशिया को ASEAN पर भरोसा, ट्रंप की हुई किरकिरी

आसियान अध्यक्ष मलेशिया के विदेश मंत्री मोहम्मद हसन ने दावा किया है कि थाईलैंड और कंबोडिया सीजफायर के लिए मान गए हैं. मलेशिया में सोमवार को कंबोडिया के पीएम हुन मानेट और थाईलैंड के कार्यवाहक पीएम फुमथाम वेचायाचाई के बीच अहम बैठक होनी है. इस बैठक से पहले मलेशिया ने घोषणा की है कि दोनों देशों में सीजफायर हो चुका है, अब दोनों देश एकदूसरे पर हमले नहीं करेंगे.

मलेशिया से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की कोशिश की थी. दोनों की देशों के पीएम से बात की थी और व्यापार को लेकर धमकाया. लेकिन ट्रंप से बातचीत के बाद दोनों देशों ने एकदूसरे पर तोप ने भयंकर गोले दाग कर ट्रंप को दरकिनार कर दिया.

कंबोडिया-थाईलैंड की मांग, मलेशिया के अलावा दूसरे किसी देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं

मलेशिया विदेश मंत्री हसन ने कहा, “थाईलैंड और कंबोडिया, दोनों देशों ने मलेशिया पर पूरा भरोसा जताया है और मुझे मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए कहा है. मैंने थाईलैंड और कंबोडिया  के विदेश मंत्री से बात की है और उन्होंने भी शांति की बात करते हुए कहा है कि इस मामले में किसी अन्य देश को शामिल नहीं किया जाना चाहिए.”

आपको बता दें कि मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, जो आसियान मंच के अध्यक्ष हैं, उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीजफायर का प्रस्ताव रखा था.  

मलेशियाई पीएम की ओर से क्या जानकारी दी गई?

मलेशिया प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता जिरायु हुआंगसाप ने कहा, कि मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के क्षेत्र में शांति प्रयासों पर चर्चा के निमंत्रण पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाईवार्ता में शामिल होंगे. जिरायु ने कहा, फुमथम के कंबोडियाई समकक्ष हुन मानेट भी वार्ता में शामिल होंगे.

ट्रंप की सीजफायर की धमकी के बाद कंबोडिया-थाईलैंड में तोपों से अटैक

डोनाल्ड ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया को सीजफायर की धमकी दी थी. ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि “मैंने दोनों देशों को पीएम से बातचीत में कहा है कि युद्ध रोको नहीं तो व्यापार नहीं करेंगे. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था, हम इन दोनों देशों के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अगर वे युद्ध कर रहे हैं तो हम इनमें से किसी के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते. और मैंने उन्हें यह साफ बता दिया है. कंबोडिया के साथ बात पूरी हो गई है. मैं इस जटिल स्थिति को आसान बनाने की कोशिश कर रहा हूं.”

ट्रंप ने ये भी दावा किया कि दोनों देशों में सीजफायर हो गया है. लेकिन कंबोडिया और थाईलैंड ने एक-दूसरे पर तोपखाने से हमला किया. कंबोडियाई तोप के गोले सुरिन प्रांत में एक नागरिक के घर पर गिरे. भारी हथियारों की आवाजें सुनी गईं.

और सांकेतिक तौर पर बता दिया कि उन्हें अमेरिका की मध्यस्थता नहीं चाहिए.

थाईलैंड-कंबोडिया के बीच शिव मंदिर को लेकर पुराना विवाद

इस साल फरवरी के बाद से कंबोडिया और थाईलैंड के बीच छिटपुट झड़प होती रही है. मई में सीमा पर थाईलैंड की फायरिंग में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई. जिसके बाद तनाव बढ़ गया. दोनों देशों ने अपने-अपने राजनयिकों को बुला लिया साथ ही सीमा बंद करके व्यापार रोक दिया गया. पिछले सप्ताह मामला उस वक्त बिगड़ गया जब सीमा पर बने शिव मंदिर के आसपास कंबोडियाई सैनिक देखे गए, जिन्होंने थाईलैंड के सैनिकों पर फायरिंग की. बाद में दोनों देशों ने एक दूसरे पर एयरस्ट्राइक कर दी, जिसमें 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुए, जबकि तनाव देखते हुए लाखों लोग विस्थापित किए गए. 

दरअसल दोनों देशों के बीच विवाद का जड़ 900 साल पुराना शिव मंदिर है, जो कंबोडिया में प्रिहा विहार में डांगरेक पहाड़ों में 525 मीटर ऊंची चट्टान पर स्थित है. 12 वीं शताब्दी में खमेर साम्राज्य के दौरान बनाए गए इस मंदिर पर कंबोडिया के साथ-साथ थाईलैंड दावा करता है. यूएन ने मंदिर पर कंबोडिया को अधिकार दिया है, लेकिन थाईलैंड ने मंदिर के आसपास अपनी सेना तैनात कर रखी है.

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