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पुतिन के बाद जेलेंस्की का कॉल, मोदी से मांगा समर्थन जताया विश्वास

इसी सप्ताह 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली बैठक से पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति ने की है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात.

वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पीएम मोदी के साथ फोन पर चर्चा के साथ समर्थन मांगा. जेलेंस्की ने भारत के समर्थन के लिए आभार जताया तो पीएम मोदी ने शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर एक बार फिर से जोर दिया है. 

8 अगस्त को ही राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को यूक्रेन में चल रहे ताजा घटनाक्रमों की विस्तार से जानकारी दी थी. पुतिन और पीएम मोदी ने भारत और रूस के बीच की खास और मजबूत दोस्ती को और गहरा करने का भरोसा जताया. वहीं पीएम मोदी ने एक बार फिर सलाह दी कि युद्ध और टकराव का हल शांति और बातचीत से निकालें. 

ट्रंप-पुतिन की मुलाकात से पहले जेलेंस्की ने किया पीएम मोदी को कॉल

अलास्का में होने वाली ट्रंप-पुतिन की पहली बैठक में यूक्रेन को आमंत्रित न किए जाने से जेलेंस्की शक्तिशाली देशों से समर्थन मांग रहे हैं. यूक्रेन की राष्ट्रपति का कहना है कि वार्ता में उन्हें न शामिल करके युद्ध का स्थाई समाधान निकल ही नहीं सकता. इसी कड़ी में जेलेंस्की ने पीएम मोदी को कॉल किया और लंबी बातचीत की.

जेलेंस्की ने एक्स पर लिखा, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मेरी लंबी बातचीत हुई. हमने सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें हमारे द्विपक्षीय सहयोग और समग्र कूटनीतिक स्थिति शामिल हैं. मैं प्रधानमंत्री का हमारे लोगों के प्रति उनके गर्मजोशी भरे समर्थन के लिए आभारी हूं.”

संघर्ष के शांंतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता:पीएम मोदी

नरेद्र मोदी ने लिखा, “राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करके और हाल के घटनाक्रमों पर उनके विचार जानकर मुझे खुशी हुई. मैंने संघर्ष के जल्द और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर भारत की दृढ़ स्थिति से उन्हें अवगत कराया. भारत इस संबंध में हर संभव योगदान देने के साथ-साथ यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.”

हमारी भागीदारी का समर्थन कर रहा है भारत, पीएम मोदी से सितंबर में हो सकती है मीटिंग: जेलेंस्की

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, कि “यह महत्वपूर्ण है कि भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन कर रहा है और इस स्थिति से सहमत है कि यूक्रेन से संबंधित हर चीज का निर्णय यूक्रेन की भागीदारी से ही लिया जाना चाहिए. पीएम मोदी और मैंने, रूस के खिलाफ प्रतिबंधों पर भी विस्तार से चर्चा की. मैंने कहा कि इस युद्ध को जारी रखने के लिए वित्तपोषण की उसकी क्षमता को कम करने के लिए रूसी ऊर्जा, विशेष रूप से तेल के निर्यात को सीमित करना आवश्यक है. यह जरूरी है कि रूस पर ठोस प्रभाव रखने वाला हर नेता मॉस्को को इसी तरह के संकेत भेजे. हम सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान एक व्यक्तिगत बैठक की योजना बनाने और यात्राओं के आदान-प्रदान पर काम करने पर सहमत हुए हैं.”

पीएम मोदी को यूक्रेन के नुकसान के बारे में बताया

जेलेस्की ने पीएम मोदी को रूस की ओर से किए जा रहे अटैक के बारे में भी जानकारी दी. जेलेंस्की ने एक्स पर एक लंबी पोस्ट में लिखा, “मैंने पीएम मोदी को जापोरिज्जिया के बस अड्डे पर हुए हमले के बारे में भी जानकारी दी. यहां शहरी सुविधा पर रूस द्वारा जानबूझकर बमबारी की गई है, जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए हैं. यह ऐसे समय में है जब युद्ध को खत्म करने की कूटनीतिक संभावना है. युद्धविराम के लिए तत्परता दिखाने के बजाय, रूस सिर्फ कब्जा और हत्याएं जारी रखने की अपनी इच्छा दिखा रहा है.”

रूस से तेल खरीदने पर ट्रंप ने भारत पर लगाया है 50 प्रतिशत टैरिफ

पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाया है. अमेरिका ने कहा है कि भारत रूस से तेल खरीदकर युद्ध में मदद पहुंचा रहा है. अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ और जुर्माना लगाया है. लेकिन भारत ने भी अमेरिका पर पलटवार करते हुए पोल खोली है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने आंकड़े पेश करते हुए बताया है कि भारत पर आरोप लगाने वाला अमेरिका खुद रूस के साथ व्यापार कर रहा है. न्यूक्लियर फ्यूल और अन्य सामान ले रहा है. युद्ध के बाद रूस-अमेरिका का व्यापार और बढ़ चुका है. 

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