By Nalini Tewari
साल 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण बताए गए थे. नार्सिसिस्ट एक ऐसा मानसिक विकार है, जिसमें मरीज को खुद से बहुत ज्यादा प्यार होता है और वह खुद को दूसरों से बेहतर समझता है. साल 2017 की बेस्टसेलर “द डेंजरस केस ऑफ डोनाल्ड ट्रम्प: 27 साइकियाट्रिस्ट्स एंड मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स असेस ए प्रेसिडेंट” में योगदान दे चुके डॉक्टर जॉन गार्टनर के मुताबिक, नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के मरीज (ट्रंप) को दूसरे के दर्द और अपमान पर आनंद आता है.”
सच में यही हाल है ट्रंप का. बार-बार फर्जी दावे करना, बार-बार अपने मन से कुछ भी बयान दे देना, बाद में अपने दावे से पलट जाना सत्ता में आने के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति यही तो कर रहे हैं.
अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नया दावा किया है कि भारत पर लगे टैरिफ के कारण पुतिन मिलने को तैयार हुए, क्योंकि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया था. जिसके बाद रूस ने
हद है, भारत कह चुका है कि रूस से तेल खरीदा जा रहा है, बावजूद इसके खुद राष्ट्रपति ही दुष्प्रचार कर रहे हैं.
भारत पर टैरिफ लगाने का असर, पुतिन बैठक के लिए तैयार हुए:ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ताजा बयान में कहा, मुझे लगता है कि हर चीज का असर होता है. जब हमने भारत से कहा कि ”हम आपसे शुल्क लेंगे, क्योंकि आप रूस से तेल खरीद रहे हैं तो इस स्थिति में भारत को रूस से तेल खरीदना बंद करना पड़ा.”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ”फिर रूस ने फोन किया, और मिलना चाहा. लेकिन निश्चित रूप से जब आप अपना दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक खो देते हैं, और शायद आप अपना पहला सबसे बड़ा ग्राहक भी खो सकते हैं, तो मुझे लगता है कि टैरिफ लगाने में इसकी भी एक भूमिका थी. भारत, रूस से तेल खरीदने का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक था, और चीन के काफी करीब पहुंच रहा था. चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है.”
गुरुवार को ही विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था, कि भारत ने रूस से तेल खरीदना नहीं बंद किया है.
भारत-पाकिस्तान शायद एक दूसरे पर गिरा देते परमाणु हथियार: ट्रंप
बेशर्मी की हद है. एक बार फिर से ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एक-दूसरे को गिरा रहे थे. छह-सात विमान गिराए गए. हालात इतने तनावपूर्ण थे कि वे शायद परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने तक तैयार थे, लेकिन हमने यह मामला सुलझा लिया. मैंने दोनों परमाणु ताकत वाले देशों से कहा कि अगर वे लड़ाई बंद कर देंगे तो अमेरिका उनके साथ बहुत व्यापार करेगा.
जबकि भारत साफ-साफ बता चुका है कि युद्धविराम सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान की डीजीएमओ की गुहार लगाने के बाद ही किया गया था. बावजूद इसके ट्रंप घिसे पिटे टेप की तरह सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश करते रहते हैं.