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ट्रंप का भारत में नया राजदूत, snake-catcher के नाम से भारत को जानती है दुनिया

भारत के साथ चल रही तनातनी के बीच अमेरिका ने अपने नए राजदूत की नियुक्ति कर दी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाने वाले डिप्लोमैट सर्जियो गोर को नई दिल्ली में 26वें अमेरिकी राजदूत के पद पर नियुक्त किया गया है. 

सर्जियो गोर को ट्रंप की टीम में पर्दे के पीछे से काम करने का एक्सपर्ट माना जाता है. गोर ने चुनाव में ट्रंप की पार्टी के लिए खूब चंदा इकट्ठा करके राष्ट्रपति से करीबी बनाई. 

व्हाइट हाउस में प्रभावशाली व्यक्ति माना जाता है क्योंकि सारी नियुक्तियां गोर के जरिए ही होती है. वहीं मशहूर उद्योगपति एलन मस्क, गोर की तुलना सांप से कर चुके हैं. 

राष्ट्रपति ट्रंप ने की भारत में नए राजदूत की घोषणा, कहा, करता हूं भरोसा, अमेरिका को महान बनाएंगे सर्जियो

राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिए ऐलान करते हुए कहा कि, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं सर्जियो गोर को भारत का अगला अमेरिकी राजदूत और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत के रूप में नियुक्त कर रहा हूं. 

ट्रंप ने लिखा, “सर्जियो मेरे बेहतरीन दोस्त हैं, जो कई सालों से मेरे साथ है. उन्होंने मेरे ऐतिहासिक इलेक्शन कैंपेन पर काम किया, मेरी बेस्टसेलिंग किताबें पब्लिश कीं और हमारे आंदोलन का समर्थन करने वाले सबसे बड़े सुपर पीएसी (पॉलिटिकल एक्शन कमेटी) में से एक चलाया. उन्होंने मेरे दूसरे कार्यकाल के लिए स्टाफ चुनने में अहम योगदान दिया.”

ट्रंप ने कहा, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि मेरे पास कोई ऐसा व्यक्ति हो जिस पर मैं अपने एजेंडे को पूरा करने और अमेरिका को फिर से महान बनाने में हमारी मदद करने के लिए पूरी तरह भरोसा कर सकूं. सर्जियो एक अद्भुत राजदूत बनेंगे. बधाई हो सर्जियो!”

वहीं ट्रंप की घोषणा के बाद सर्जियो गोर ने कहा, किसी देश में अमेरिका का नेतृत्व करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है.

सांप हैं सर्जियो गोर- एलन मस्क

टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने सर्जियो गोर को सांप बताया था. मस्क और ट्रंप के बीच बढ़े विवाद का कारण सर्जियो गोर को माना जाता है. सर्जियो गोर ने इस विवाद में पीछे रहकर मस्क के लिए मुश्किलें खड़ी की थीं. मस्क के सरकारी दक्षता विभाग के प्रमुख रहते हुए एलन मस्क और सर्जियो गोर में तनातनी की खबरें सामने आईं थी, जिसके बाद जून 2025 में एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सर्जियो गोर को सांप कहकर उनकी आलोचना की थी.

मस्क ने कहा था कि गोर जो हजारों कर्मचारियों की जांच परख का काम देखते हैं, वो  खुद अपनी सिक्योरिटी क्लीरिएंस के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स पूरे नहीं किए है.

कम वक्त में चुनावी चंदे से बने ट्रंप के खासमखास

साल 2008 में कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद गोर अमेरिकी सीनेटर और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जॉन मैककेन के साथ 2008 में एक राष्ट्रपति अभियान के कार्यकर्ता के रूप में जुड़े थे. जॉन मैककेन का मुकाबला उस वक्त बराक ओबामा से था. 

फिर साल 2020 में गोर ने ट्रंप विक्ट्री फाइनेंस कमेटी के चीफ स्टाफ का कार्यभार संभाला और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के सलाहकार और पुस्तक प्रकाशन प्रबंधक के रूप में काम करना शुरू कर दिया. 

नवंबर 2024 में ट्रंप ने जीत के बाद गोर के काम से इंप्रेस होकर व्हाइट हाउस राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय का निदेशक नियुक्त किया. इसके पीछे वो चंदा था, जो चुनाव के दौरान गोर के कारण पार्टी को मिला था.

जन्म स्थान को लेकर सस्पेंस, मां को बताते हैं इजरायली, गोर ने किया था रूस का सीक्रेट दौरा

बताया जाता है कि सर्जियो गोर का जन्म ताशकंद में हुआ था, जो उस समय सोवियत यूनियन के उज्बेक सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक का हिस्सा था. लेकिन गोर के जन्मस्थान को लेकर स्पष्टता नहीं है. वाशिंगटन डीसी की रिपोर्ट में गोर को माल्टा से आया हुआ प्रवासी बताया. हालांकि गोर ने अपने जन्मस्थान को लेकर सिर्फ इतना कहा है कि उनका जन्म रूस में नहीं हुआ है. 

इसके अलावा गोर की मां ने 1994 में एक माल्टीज कंपनी बनाई, जिसमें उन्होंने अपनी राष्ट्रीयता इजरायली बताई. 

इसके अलावा साल 2018 में गोर ने अमेरिकी सीनेटर पॉल के साथ मास्को की यात्रा की थी. यह यात्रा रूस-अमेरिका संबंधो पर शोध और चर्चा के लिए बताई गई. 

लीक हुए एक रूसी रिकॉर्ड में बताया गया कि गोर एक साल पहले भी मास्को गए थे. रिकॉर्ड में इस बात का कुछ भी जिक्र नहीं था कि वह मास्को क्यों गए थे. 

20 जनवरी से भारत में नहीं है कोई अमेरिकी राजदूत, बिगड़े रिश्तों के बीच क्या है गोर के लिए चुनौतियां

सर्जियो गोर के पास कार्मिक अनुभव है, लेकिन कोई राजनयिक अनुभव नहीं है. विदेश नीति के बारे में बहुत कम ज्ञान है, बावजूद इसके ट्रंप ने गोर को भारत का राजदूत बनाकर बड़ा दांव खेला है.

सर्जियो गोर ऐसे समय में नई दिल्ली भेजे जा रहे हैं, जब अमेरिका के मनमाने टैरिफ को लेकर तनाव है. 50 प्रतिशत टैरिफ के आगे भारत ने झुकने से मना कर दिया है. वहीं अमेरिका के खिलाफ भारत के साथ परममित्र रूस ही नहीं, चीन भी खड़ा हुआ है. 

सर्जियो की भूमिका भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर हामी कराने की होगी. साथ ही रूस के साथ भारत के अच्छे संबंधों को गोर को बेहद ही संवेदनशीलता से हैंडल करना होगा. 

इसके अलावा भारत की चीन के साथ करीबी भी इन दिनों अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है. 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के दौरे पर जा रहे हैं, जो बेहद अहम है. माना जा रहा है कि रूस-भारत-चीन एक त्रिपक्षीय गुट की घोषणा कर सकते हैं, जो अमेरिका के लिए सिरदर्द बन सकता है.