नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच फायरिंग के बाद तनातनी बढ़ गई है. उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन फायरिंग की घटना के बाद भड़क गए हैं और दक्षिण कोरिया को अंजाम भुगतने की धमकी दी. नॉर्थ कोरिया की ओर से कहा गया है कि गोलीबारी एक गंभीर उकसावे वाला कदम है. उत्तर कोरिया का आरोप है कि जब सैनिक सीमा पर बैरियर लगा रहे थे तो दक्षिण कोरिया के सैनिकों ने गोलियां चलाईं.
नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच तनाव ऐसे वक्त में हुआ है, जब हजारों अमेरिकी सैनिक साउथ कोरिया में हो रहे ज्वाइंट एक्सरसाइज में हिस्सा ले रहे हैं, वहीं, साउथ कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे म्योंग, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए व्हाइट हाउस जाने वाले हैं.
बॉर्डर को सील करते वक्त चलाई गई गोली: नॉर्थ कोरियाई सेना
नॉर्थ कोरिया पीपुल्स आर्मी के वाइस चीफ ऑफ स्टाफ जोंग चोल के मुताबिक गोलीबारी दक्षिण कोरिया-अमेरिका के सैन्य अभ्यास के साथ हुई. उत्तर कोरियाई सैनिक कोरियाई देशों के बीच क्षेत्र को पूरी तरह से अलग करने के लिए दक्षिणी सीमा को स्थायी रूप से सील कर रहे थे. इस परियोजना के तहत सीमा पर काम चल रहा है, तभी दक्षिण कोरिया ने एक ऑडियो चेतावनी दी और चेतावनी के बाद गोलीबारी की.
किम जोंग के सैनिक सीमा पर बिछा रहे हैं बारुदी सुरंग
दरअसल इन दिनों दक्षिण कोरिया से बढ़ते तनाव के बीच उत्तर कोरियाई सैनिक सीमा सुरक्षा मजबूत करने के लिए टैंक रोधी अवरोध और बारूदी सुरंगें बिछाने जैसे निर्माण कार्य कर रहे हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल जोंग चोल ने कहा, “उत्तर कोरिया ने आकस्मिक झड़पों को रोकने के लिए 25 जून और 18 जुलाई को सीमा पर कार्य करने की अपनी योजना के बारे में दक्षिण में अमेरिकी सेना को सूचित कर दिया है. दक्षिणी सीमा प्रबंधन और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कमांडिंग अधिकारी के रूप में मैं मांग करता हूं कि दक्षिण कोरिया इस खतरनाक उकसावे को तुरंत रोके. इसका उद्देश्य दक्षिणी सीमा पर किलेबंदी परियोजना के जरिए तनाव बढ़ाने का बहाना बनाना है. ये योजना हमारी संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक है.”
दक्षिण कोरिया ने आरोपों पर क्या जवाब दिया?
दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने फायरिंग की पुष्टि की है. दक्षिण कोरिया ने कहा है कि “उत्तर कोरियाई सैनिक, उनकी सीमा में घुसपैठ कर रहे थे, जिसके बाद उत्तर कोरियाई सैनिकों पर चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाईं. जिस वक्त गोलियां वॉर्निंग के तौर पर चलाई गईं, नॉर्थ कोरियाई सैनिक मध्य सीमा क्षेत्र में सैन्य सीमांकन रेखा को पार कर गए थे. दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि सैनिक बिना किसी घटना के उत्तर कोरियाई क्षेत्र में लौट आये। उत्तर कोरिया ने भी जवाबी गोलीबारी नहीं की.”
दक्षिण कोरिया की नई सरकार ने की बातचीत की कोशिश, नॉर्थ कोरिया नहीं तैयार
दोनों देशों में कचरा फेंकना, गुब्बारे उड़ाना, लाउडस्पीकर से प्रोपेगेंडा फैलाना, पर्चे और गाने के पेन ड्राइव फेंकना आम है.
दक्षिण कोरिया की नई सरकार लगातार तनाव कम करने की कोशिश कर रही है. नए राष्ट्रपति ने लाउडस्पीकर हटाने के आदेश दिए थे, ताकि नॉर्थ कोरिया को खुश किया जा सके. लेकिन नॉर्थ कोरिया अपनी नीति से टस से मस नहीं हुआ है.
राष्ट्रपति ली ने नॉर्थ कोरिया के साथ बिना किसी शर्त के बातचीत जारी रखने का वादा किया है. पिछले हफ्ते राष्ट्रपति ली ने कहा था कि “उनकी सरकार तनाव कम करने और विश्वास बहाली के लिए लगातार कदम उठाएगी.”
लेकिन किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने कहा कि “उनका देश साउथ कोरिया के साथ संबंध नहीं सुधारना चाहता दोनों कोरिया तकनीकी रूप से युद्ध ही कर रहे हैं. क्योंकि 1950-53 का कोरियाई युद्ध शांति संधि के बजाय युद्धविराम के साथ खत्म हुआ था.”
दक्षिण कोरिया-अमेरिका ने किया संयुक्त युद्धाभ्यास
दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने इसी सप्ताह की शुरुआत में अपना वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘उल्ची फ्रीडम शील्ड’ शुरू किया. 10 दिवसीय इस युद्धाभ्यास में 21 हजार सैनिक भाग ले रहे हैं. अमेरिका और साउथ कोरिया ने इस एक्सरसाइज को रक्षात्मक बताया है, लेकिन उत्तर कोरिया ने युद्धाभ्यास को क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने का कदम बताया. किम जोंग उन ने ये ऐलान किया कि परमाणु क्षमता को बढ़ाया जाएगा.
रूस की ओर से जंग लड़ने गए सैनिक वापस प्योंगयांग लौटे
कुर्स्क क्षेत्र में लड़ाई में भाग लेने वाले उत्तर कोरियाई कमांडर और अधिकारियों की टुकड़ी वापस उत्तर कोरिया लौटी है, जिनके सम्मान में तानाशाह ने एक समारोह का आयोजन किया. इस दौरान रूस की ओर से लड़ने वाले शहीद सैनिकों के परिवार भी मौजूद थे. अपने भाषण में, किम जोंग ने सैनिकों को “महान नायक और देशभक्त” कहा है.
आपको बता दें कि रूस यूक्रेन के खिलाफ अपने युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात किया. पहली टुकड़ी (लगभग 12,000 सैनिक) अक्टूबर 2024 में मोर्चे पर पहुँची थी.