देश में जात-पात, धर्म को लेकर चल रही राजनीति के बीच सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने बड़ा बयान देते हुए कहा, कि फौज ही एक ऐसी जगह है जहां नहीं चलता है भाई भतीजावाद. सीडीएस ने कहा कि फौज में हर सैनिक की पहचान उसकी मेहनत और काबिलियत से होती है, न कि किसी व्यक्तिगत संबंध या सिफारिश से.
युवाओं में सीडीएस ने भरा जोश, अनुशासन-समर्पण को बताया सेना की ताकत
झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे सीडीएस अनिल चौहान ने सेना को भाई-भतीजावाद से दूर बताया है. सीडीएस ने कहा, “फौज अकेली संस्था है जहां भाई-भतीजावाद या किसी प्रकार का पक्षपात नहीं चलता. सेना में हर सैनिक की पहचान उसकी मेहनत और काबिलियत से होती है, न कि किसी व्यक्तिगत संबंध या सिफारिश से.”
जनरल अनिल चौहान ने कहा, “सेना में यदि आप ईमानदारी और मेहनत से काम करेंगे, तो आपकी काबिलियत को पहचान मिलेगी. यहां पद और अवसर हर किसी को उसके प्रदर्शन और योग्यता के आधार पर मिलते हैं. अनुशासन, समर्पण और ईमानदारी सेना की सबसे बड़ी ताकत हैं, जो इसे अन्य संस्थानों से अलग करती हैं.”
सेना में नहीं चलती मनमानी या व्यक्तिगत पसंद: सीडीएस
सीडीएस ने स्पष्ट किया कि “सेना में किसी भी प्रकार की मनमानी या व्यक्तिगत पसंद से फैसले नहीं लिए जाते. इंडियन आर्मी में शामिल होना केवल एक करियर नहीं, बल्कि देश के प्रति जिम्मेदारी और सेवा का मौका है. देश की सुरक्षा में योगदान देने का अनुभव किसी भी अन्य पेशे से कहीं अधिक सम्मानजनक और आत्मसंतोष देने वाला होता है.”
देशसेवा को प्राथमिकता दें युवा: सीडीएस
रांची में मौजूद युवाओं और छात्रों से जनरल अनिल चौहान ने कहा, “युवा अपने करियर में देशसेवा को प्राथमिकता दें और सेना में शामिल होकर अपने देश की सुरक्षा में योगदान दें. भारतीय सेना में अवसर सबके लिए समान हैं. चाहे कोई किसी भी पृष्ठभूमि से आता हो. यदि युवा मेहनती और काबिल हैं, तो आपको आगे बढ़ने का पूरा मौका मिलेगा. अगर आप देश की सेवा करना चाहते हैं और देश और दुनिया की खोज करना चाहते हैं, तो आपको सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा रखनी चाहिए.”
नेवी के मार्कोस को जम्मू-कश्मीर और पंजाब में तैनात किया गया था: सीडीएस
सीडीएस ने ऑपरेशन सिंदूर में इंडियन नेवी की अहम भूमिका की तारीफ की. कहा, “नेवी ने भी सटीक हमले किए, जबकि विशेष बल मार्कोस को जम्मू-कश्मीर और पंजाब में तैनात किया गया था. यह पूरी कार्रवाई सेना की तैयारी, रणनीति और उच्च तकनीक उपकरणों के इस्तेमाल का एक उदाहरण थी. हमारी प्राथमिकता हमेशा सैनिकों और नागरिकों की सुरक्षा है.”
नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए रात में किया ऑपरेशन सिंदूर: सीडीएस चौहान
सीडीएस अनिल चौहान ने बताया कि आखिर पहलगाम के गुनहगारों को मिट्टी में मिलाने के लिए रात में क्यों ऑपरेशन लॉन्च किया गया था. सीडीएस ने बताया कि “नागरिकों को किसी तरह के नुकसान से बचाने के लिए 7 मई को सुबह 1 बजे पहला हमला किया गया था.”
सीडीएस ने कहा, “रात के दौरान लंबी दूरी के लक्ष्यों पर सटीक हमले के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता होती है.”
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया गया था. भारतीय सेना के पाकिस्तान में किया गया ये ऑपरेशन अचूक था. जैश-लश्कर के 9 आतंकी ठिकानों, मुख्यालय औ ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त कर दिया गया था.