बुधवार को भारतीय वायुसेना ने राजधानी दिल्ली के करीब हिंडन एयरबेस पर अपना 93वां स्थापना दिवस मनाया. इस वर्ष का एयर फोर्स डे पूरी तरह से ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित रहा.
हिंडन एयरबेस के आसमान में ऑपरेशन सिंदूर का झंडा
हिंडन एयरबेस पर पारंपरिक सैन्य परेड का आयोजन किया गया. परेड की शुरुआत आसमान में तीन एमआई-71 हेलीकॉप्टर की उड़ान से की गई. इन तीन हेलीकॉप्टर पर राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा), वायुसेना का फ्लैग और एक पर ऑपरेशन सिंदूर का झंडा था.
वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने एयर फोर्स की अलग-अलग टुकड़ियों की परेड की सलामी ली. पहली बार सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के साझा मिलिट्री बैंड को भी परेड में शामिल किया गया.
महज 04 दिनों में पाकिस्तान पर पाई विजय
वायु-योद्धाओं को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए बधाई दी और बताया कि किस तरह महज चार दिनों (7-10 मई) में पाकिस्तान पर विजय हासिल की.
एयरचीफ मार्शल ने आजादी के बाद हर युद्ध में वायुसेना की निर्णायक भूमिका का भी अपने संबोधन में जिक्र किया.
हिंडन एयरबेस पर ऑपरेशन सिंदूर में हिस्सा लेने वाले एयरक्राफ्ट और सैन्य प्रणालियों की प्रदर्शनी
एयरबेस पर स्टेटिक-डिस्प्ले में उन लड़ाकू विमानों और सैन्य प्रणालियों को प्रदर्शित किया गया, जिन्होनें ऑपरेशन सिंदूर में हिस्सा लिया था. इनमे रफाल (राफेल), सुखोई और मिग-29 लड़ाकू विमान शामिल थे. साथ ही में मिग-21 फाइटर जेट भी था जिसे पिछले महीने ही वायुसेना से रिटायर किया गया है. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मिग-21 की नाल (राजस्थान) स्थित स्क्वाड्रन को अलर्ट पर रखा गया था.
स्टेटिक-डिस्प्ले में आकाश मिसाइल सिस्टम, इंद्रा रडार, अपाचे और एएलएच हेलीकॉप्टर, सी-17 और सी-130 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी शामिल थे.
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाली कॉम्बैट यूनिट को प्रशस्ति-पत्र
समारोह के दौरान ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले रफाल फाइटर जेट की गोल्डन ऐरो स्क्वाड्रन, ब्रह्मोस से लैस सुखोई स्क्वाड्रन, एस-400 मिसाइल यूनिट और लोएटरिंग म्युनिशन की यूनिट को इस वर्ष वायुसेना दिवस पर विशेष प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया गया.
ऑपरेशन सिंदूर (6-10 मई) के दौरान अंबाला स्थित रफाल (राफेल) की गोल्डन ऐरो स्क्वाड्रन ने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के बहावलपुर और मुरीदके स्थित मुख्यालयों पर बमबारी कर तबाह किया था. रूस में निर्मित एस-400 मिसाइल यूनिट (ट्रायम्फ) ने पाकिस्तान के पांच (05) एफ-16 और जेएफ-17 क्लास फाइटर जेट सहित एक टोही विमान को मार गिराया था. ऐसे में ट्रायम्फ यूनिट को भी वायुसेना प्रमुख के हाथों प्रशस्ति पत्र हासिल हुआ.
सुखोई की जिस टाइगर-शार्क स्क्वाड्रन को सम्मानित किया गया, उसके लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के दो (02) रनवे, दो (02) कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और (03) हैंगर को ब्रह्मोस मिसाइल के जरिए बर्बाद किया था. इसके अलावा पाकिस्तानी वायुसेना के चार (04) रडार स्टेशन को लोएटरिंग म्युनिशन (कामेकाजी ड्रोन) के जरिए बर्बाद करने वाली क्रिस्टल यूनिट को भी सम्मानित किया जाएगा.
इसके अलावा एएन-32 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की यूनिट और 7 बेस डिपो को भी प्रशस्ति-पत्र दिया गया. यूनिट को प्रशस्ति पत्र के अलावा, इस वर्ष कुल 97 वायु-योद्धाओं को भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए एयरफोर्स डे पर सम्मानित किया गया (इनमें 02 मरणोपरांत शामिल थे).
पूरे तीन वर्ष बाद, वायुसेना दिवस समारोह राजधानी दिल्ली में लौटा है. वर्ष 2022 में वायुसेना दिवस को चंडीगढ़ में मनाया गया था तो 2023 में प्रयागराज और पिछले वर्ष (2024) में चेन्नई में. हालांकि, इस वर्ष वायुसेना दिवस के मौके पर फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर की फ्लाई पास्ट को हिंडन पर आयोजित नहीं किया गया है. 9 नबम्बर को गुवाहटी (असम) में ब्रह्मपुत्र नदी की एयर-स्पेस में फ्लाई पास्ट का आयोजन किया जाएगा.