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नाटो देश में ट्रंप से मिलेंगे पुतिन, युद्ध पर बढ़ेगी बात

By Nalini Tewari

व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगली मीटिंग पर मुहर लगाई गई है. ट्रंप ने दावा किया है कि वो और पुतिन जल्द हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में मिलेंगे. ट्रंप ने एक बार फिर से रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने की उम्मीद जताई.

ट्रंप ने ऐलान किया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो अगले हफ्ते रूस के बड़े सलाहकारों से मुलाकात करेंगे ताकि बातचीत को आगे बढ़ाया जा सके. ट्रंप और पुतिन के बीच ये बातचीत ऐसे वक्त में हुई है, जब ये कहा जा रहा है कि अमेरिका, यूक्रेन को टॉमहॉक जैसी लंबी दूरी की मिसाइल दे सकता है.

ट्रंप-पुतिन के बीच 2 घंटे तक हुई बात, क्या निकला?

अगस्त को अलास्का में हुई ट्रंप और पुतिन की मुलाकात के बाद रूस-यूक्रेन के बीच जस के तस हालात बने हुए हैं. ट्रंप लगातार रूस पर दबाव बना रहा है लेकिन रूस ने साफ-साफ कह दिया है कि जब तक उनकी शर्तें नहीं मानी जाएगी तब तक वो अपने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़ता रहेगा.  

ट्रंप की ओर से एक बार फिर से बातचीत की पहल की गई है. ट्रंप और पुतिन के बीच तकरीबन 2 घंटे तक बातचीत की गई है. ट्रंप ने ये बातचीत यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात से पहले की है. 

ट्रंप ने बातचीत को सकारात्मक बताते हुए ट्रुथ सोशल पर लिखा है, पुतिन से बातचीत काफी हद तक सकारात्मक रही है. दोनों के बीच यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने को लेकर बातचीत हुई है. इसके अलावा भविष्य में व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भी विस्तार से चर्चा हुई है. पुतिन ने सभी मामलों को गंभीरतापूर्वक सुना है और जल्द ही मिलने की बात कही है.

मैं और राष्ट्रपति पुतिन हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में मिलेंगे: ट्रंप

इस बातचीत के अंत में सहमति बनी है कि अगले हफ्ते दोनों मुल्कों की उच्चस्तरीय अधिकारियों की बैठक होगी. अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो इसकी अगुवाई करेंगे. यह बैठक कहां होगी, अभी इसकी जगह निर्धारित नहीं हुई है लेकिन इस बैठक के बाद मेरी और राष्ट्रपति पुतिन की हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में बैठक होगी. यह बैठक रूस और यूक्रेन की जंग खत्म कराने के लिए होगी. 

मिडिल ईस्ट में शांति के लिए पुतिन ने मेरी तारीफ की: ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया, कि बातचीत के दौरान पुतिन ने मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करने की दिशा में अमेरिका की भूमिका की सराहना की ट्रंप ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित कराने की सफलता रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराने में भी मदद करेगी.

ट्रंप ने लिखा, पुतिन ने कहा कि यह काम सदियों से कोई नहीं कर पाया था, उसे अमेरिका ने करके दिखाया है. 

नाटो से तल्खी, लेकिन पुतिन ने नाटो देश हंगरी ही क्यों चुना?

पिछली बार जब पुतिन ने ट्रंप से मुलाकात की थी, तो उस वक्त भी पुतिन ने ही मुलाकात की जगह चुनी थी. और कहा जा रहा है कि इस वक्त भी पुतिन अपनी पसंदीदा जगह पर ही मुलाकात के लिए तैयार हुए हैं.

ट्रंप की बातों पर यकीन किया जाए तो अगली मुलाकात हंगरी में होगी. हंगरी एक नाटो देश है, बावजूद इसके पुतिन बुडापेस्ट में क्यों मिलना चाहते हैं.

दरअसल यूरोपीय देश हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान, जेलेंस्की के धुर विरोधी हैं और युद्ध के दौरान जितनी बार भी ईयू या नाटो देशों की बैठक में फैसला लिया गया है, उसमें पीएम ओर्बान ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन का पक्ष लिया है. ओर्बान ने यूक्रेन को सैन्य मदद और यूरोप के सैन्यीकरण के किसी प्रस्ताव का भी पुरजोर विरोध किया था. मार्च के महीने में ईयू ने सबसे बड़ा रक्षा बजट पेश किया था तो रूस के समर्थक हंगरी ने वीटो लगा दिया. 

अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए प्रसिद्ध हंगरी के पीएम विक्टर ओर्बान ने ईयू की बैठक में रूस को विजेता बताया था. ओर्बान ने यहां तक“यूक्रेन युद्ध हार चुका है. अब यह देखना होगा कि पश्चिमी देश इस सच्चाई को कब और किन परिस्थितियों में स्वीकार करते हैं.”

विक्टर ओर्बन ने ये भी कहा था कि, “यूरोप ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के दौरान पुतिन के साथ बातचीत करने का मौका गंवा दिया. यूरोप इस जोखिम में है कि उसका भविष्य उसकी भागीदारी के बिना ही तय हो जाएगा.” 

यही कारण है कि पुतिन, हंगरी को पसंद करते हैं और ट्रंप के साथ अगली बैठक के लिए बुडापेस्ट में तैयार हुए हैं.

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