कुछ साल पहले बॉलीवुड की एक फिल्म आई थी ‘कहानी’. जिसमें एक चलती मेट्रो में बच्चे के दूध की बोतल में खतरनाक केमिकल छिपाया गया था. बोतल खुली, और खतरनाक केमिकल पूरी बोगी में फैल गई. बोगी में मौजूद 100 से ज्यादा लोगों की एक साथ मौत हो गई. ये सब सुनने और सोचने में खौफनाक लग रहा है.
रील के जगह रियल में भी रची जा रही थी ऐसी घातक साजिश. चीन से एमबीबीएस करके गुजरात आया डॉक्टर अहमद मोहिउद्दीन सैयद ‘रिसिन’ नाम का एक ऐसा घातक केमिकल बना चुका था, जिसके जरिए गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को दहलाने की साजिश थी. इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईकेपी) से संबंधित डॉक्टर मोहिउद्दीन समेत 03 लोगों को गुजरात में गिरफ्तार किया था, जो देश में बायोलॉजिकल हमले की बेहद खतरनाक प्लानिंग कर चुके थे.
लिक्विड केमिकल से थी दहलाने की साजिश, अहमदाबाद, दिल्ली, लखनऊ को नुकसान पहुंचाने की थी प्लानिंग
गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद से एक ऐसे डॉक्टरी की पढ़ाई कर चुके मोहिउद्दीन नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है, जो भारत में केमिकल के जरिए बड़ा आतंकी हमला करने की साजिश रच रहा था. हैदराबाद का रहने वाला मोहिउद्दीन आतंकी संगठन आईएसकेपी से सीधे संपर्क में था.
खुफिया जानकारी के बाद एटीएस ने मोहिउद्दीन को ट्रैक किया, निगरानी रखी, उसके संपर्क सूत्रों पर कड़ी नजर रखी गई. सबूत इकट्ठा होने के बाद एटीएस ने मोहिउद्दीन को सिल्वर रंग की गाड़ी अहमदाबाद-मेहसाणा रोड के पास एक टोल प्लाजा पर रोका.
गाड़ी की तलाशी के बाद एजेंसियों के होश फाख्ता हो गए, क्योंकि मोहिउद्दीन ने अपने साथियों के साथ मिलकर भारत के खिलाफ रची थी बायोलॉजिकल हमले की साजिश.
अहमद मोहिउद्दीन की गाड़ी से एक संदिग्ध ‘लिक्विड केमिकल’ बरामद हुआ. ‘रिसिन’ नामक खतरनाक रासायनिक पदार्थ है, जो सायनाइड से भी ज्यादा जहरीला बताया जा रहा है.
रिसिन से रची थी खतरनाक साजिश, आईएसकेपी के हैंडलर अबू खदीजा से संपर्क में था
35 वर्षीय अहमद मोहिउद्दीन चीन से एबीबीएस करने के बाद भारत लौटा था. कुछ महीनों पहले सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले कि वह ऑनलाइन कट्टरपंथी समूहों से जुड़ गया है. जांच में खुलासा हुआ कि अहमद विदेश में बैठे आईएसकेपी हैंडलर्स के संपर्क में था और उन्हें भारत में ‘केमिकल वारफेयर’ जैसा हमला करने का जिम्मा मिला था.
पूछताछ में अहमद मोहिउद्दीन ने बताया है कि उसका हैंडलर अबू खदीजा है जो आईएसकेपी का कमांडर है.
मोहिउद्दीन ने जांच में खुलासा किया है कि सने हथियार गुजरात के कालोल को पास एक सूनसान इलाके से उठाए थे. वो भारत में एक घातक जहर रिसिन तैयार कर रहा था. उसने इस जहर को बनाने के लिए रॉ मटीरियल और केमिकल प्रोसेस शुरु कर दिया था. यानि चीन से एमबीबीएस करने के बाद मोहिउद्दीन मेडिकल साइंस के लिए आतंकियों की मदद कर रहा था.
यूपी से दो और संदिग्धों की गिरफ्तारी, ड्रोन के जरिए
एटीएस के अधिकारियों ने मोहिउद्दीन के मोबाइट डेटा के जरिए यूपी से दो और आरोपियों सुलेमान शेख और सुहैल को पकड़ा गया. सुलेमान यूपी के शामली में दर्जी का काम करता था और सुहैल लखीमपुर खीरी का रहने वाला है और छात्र है. दोनों की उम्र 20 और 23 वर्ष है.
अधिकारियों के मुताबिक इन तीनों संदिग्धों पर पिछले कुछ महीनों से पैनी नजर रखी जा रही थी. इन तीनों ने लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद के कई संवेदनशील स्थानों की रेकी की थी. आतंकी हमले की योजना तैयारी थी, लेकिन सही वक्त पर तीनों की गिरफ्तारी करके बड़ा केमिकल हमला नाकाम कर दिया गया.
जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि हथियार राजस्थान के हनुमानगढ़ से मंगवाए गए थे. हथियार ड्रोन के जरिए मंगवाए गए थे. एटीएस ये पता कर रही है कि ये इन हथियारों को भारत में किस नेटवर्क के जरिए भेजा गया था.
आरएसएस दफ्तर और आजादपुर मंडी की रेकी की
आशंका जताई जा रही है कि रिसिन नाम के केमिकल को हवा में सीरींज के जरिए, या फिर खाद्य पदार्थ या पानी में मिलाकर देने की साजिश हो सकती है. आतंकियों ने लखनऊ में संघ के दफ्तर और दिल्ली के आजादपुर सब्जी मंडी के रेकी की थी. माना जा रहा है कि एजेंसियों की सतर्कता के चलते जब आतंकी संगठन हमला करने में नाकाम हैं तो हवा-पानी-खाने के जरिए बायोलॉजिकल जहर जैसे अटैक की नापाक साजिश रच रहे हैं.

