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शेख हसीना को सजा-ए-मौत, ढाका की कंगारू कोर्ट का फैसला

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को सुनाई गई है मौत की सजा. बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ने शेख हसीना को बड़ा झटका देते हुए, ये मान लिया कि पिछले साल जुलाई विद्रोह में निहत्थे नागरिकों पर शेख हसीना ने गोली चलवाई थी. कोर्ट ने ढाका में हुए छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी पाया है. 

वहीं शेख हसीना ने फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आईसीटी निष्पक्ष अदालत नहीं है और इसे ऐसी सरकार चला रही है जिसे जनता का कोई जनादेश प्राप्त नहीं है. फैसला अमान्य है.

बांग्लादेश में जज ने सुनाया शेख हसीना का ऑडियो

शेख हसीना को तीन आरोपों (तीन काउंट) में दोषी पाया गया है और मौत की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने कहा कि तीनों आरोपों के लिए हमने एक ही मौत की सजा देने का फैसला लिया है.

कोर्ट ने फैसला सुनाते वक्त हसीना का वो ऑडियो भी जारी किया, जो बांग्लादेश में खूब वायरल हुआ था. इस ऑडियो में हसीना पुलिस प्रमुख से लोगों पर गोलियां चलाने के लिए कह रही हैं. कोर्ट ने फैसला सुनाते वक्त मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट का भी जिक्र किया.

शेख हसीना ने लोगों को भड़काया: कोर्ट

अदालत ने कहा, “शेख हसीना का वो आदेश जब उन्होंने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ड्रोन, हेलिकॉप्टर और खतरनाक हथियार इस्तेमाल करने का आदेश दिया. शेख हसीना ने लोगों को भड़काया है. कोर्ट ने कहा, शेख हसीना ने लोगों को भड़काया. वह निवारक और दंडात्मक उपाय करने में फेल रहीं.”

बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल पिछले साल जुलाई में हुए  आंदोलन के मामले में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा चला रही थी. इनमें  शेख हसीना के अलावा पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस चौधरी अब्दुल्ला अल मामून शामिल र्हैं.

पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित है फैसला: शेख हसीना

शेख हसीना अगस्त 2024 के बाद से ही बांग्लादेश छोड़कर भारत में रह रही हैं. शेख हसीना ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. शेख हसीना ने अपने बयान में कहा, “ये फैसला ‘पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित’ है. उन्होंने कहा कि ये फैसला बिना किसी लोकतांत्रिक जनादेश वाले एक ‘धांधलीपूर्ण’ न्यायाधिकरण ने दिया है.:

हसीना ने कहा कि, “अंतरिम सरकार के उग्र तत्व उन्हें और अवामी लीग को राजनीति से समाप्त करना चाहते हैं. आईसीटी निष्पक्ष अदालत नहीं है और इसे ऐसी सरकार चला रही है जिसे जनता का कोई जनादेश प्राप्त नहीं है.”

आवामी लीग ने किया बंद का ऐलान, ढाका में बढ़ी सुरक्षा

कोर्ट के इस फैसले के बाद हसीना की मुश्किलें बढ़ सकती है. कोर्ट के फैसले के बाद कानून-व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है. शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने बंद का ऐलान किया है. बांग्लादेश में तनाव का माहौल है. 

ये फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब बांग्लादेश में होने वाले हैं चुनाव. आपको बता दें कि शेख हसीना पिछले साल से ही भारत में निर्वासित जीवन जी रही हैं. 

शेख हसीना भारत में मौजूद हैं. फैसले के बाद अब बांग्लादेश की सरकार इंटरपोल के जरिए गिरफ्तारी वारंट जारी करेगी. 

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