बांग्लादेश, नेपाल, के बाद एक अफ्रीकी देश की सेना ने राष्ट्रपति का तख्तापलट कर दिया है. राष्ट्रपति लापता हैं और दावा किया जा रहा है सेना ने राष्ट्रपति को हिरासत में ले लिया है. तख्तापलट की ये घटना पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी-बिसाऊ की है, जहां बुधवार को एक व्यापक सैन्य विद्रोह ने राजनीतिक हड़कंप मच गया था.
खूब बवाल और विद्रोह के बाद सेना ने नेशनल टेलीविजन पर आकर ये घोषणा कर दी है कि अब सत्ता में सेना का कब्जा है. सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित बयान में सैन्य उच्च कमांड ने खुद को “व्यवस्था की बहाली के लिए उच्च सैन्य कमांड” घोषित किया.
राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों से पहले सेना ने किया तख्तापलट
दोपहर करीब 1 बजे गिनी-बिसाऊ के राष्ट्रपति भवन के आसपास तेज गोलीबारी की आवाजें सुनाई दीं, थोड़ी ही देर में सेना ने राष्ट्रपति भवन को घेर लिया. यह घटना राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की घोषणा से ठीक एक दिन पहले घटी. इसके बाद सेना ने राष्ट्रीय टीवी पर आकर घोषणा की कि उन्होंने राष्ट्रपति उमरू सिसोको एम्बालो को हिरासत में लेकर देश की सत्ता पर पूर्ण कब्जा कर लिया है.
राष्ट्रपति एम्बोलो ने फ्रांस के जरिए सुनाई आपबीती
एम्बालो ने खुद फ्रांसीसी पत्रकार को फोन करके अपनी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. राष्ट्रपति एम्बालो ने आरोप लगाया कि यह विद्रोह सेना प्रमुख जनरल ब्रेमा बेसोरा ने किया है.
एम्बालो ने कहा, “मैं अभी भी राष्ट्रपति हूं, लेकिन सैनिकों ने मुझे हिरासत में ले लिया है. यह लोकतंत्र पर हमला है.”
साल 2020 में एम्बालो सत्ता में आए थे, लेकिन सैन्य हस्तक्षेप और ड्रग तस्करी की समस्या के कारण देश में अस्थिरता रही. हाल ही में अक्टूबर में भी एक कथित तख्तापलट प्रयास विफल हो चुका था.
वहीं तख्तापलट के बाद सेना ने सेना ने तत्काल प्रभाव से चुनावी प्रक्रिया को निलंबित कर दिया और देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बंद करने का आदेश जारी किया.
हमने देश की सारी शक्तियां अपने हाथ में ले ली है: सेना
सेना के प्रवक्ता डिनिस एन तचमा ने कहा, “हमने गिनी-बिसाऊ गणराज्य की सभी राज्य शक्तियां अपने हाथ में ले ली हैं. यह कदम देश को अस्थिर करने की चल रही साजिश के जवाब में उठाया गया है, जिसमें कुछ राष्ट्रीय राजनेता और एक कुख्यात ड्रग बैरन शामिल हैं.”
विद्रोहियों ने राष्ट्रपति को हटाने, संसद भंग करने, चुनाव प्रक्रिया निलंबित करने, सभी सीमाएं बंद करने, हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने और कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की. सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि वे “संवैधानिक व्यवस्था बहाल होने तक” सत्ता संभालेंगे.
पुर्तगाल से स्वतंत्र होकर बना था गिनी बिसाऊ
गिनी-बिसाऊ पुर्तगाल से 1974 में आजाद हुआ था. तब से देश में 4 बार तख्तापलट किया जा चुका है. और कई बार तख्तापलट की कोशिशें हो चुकी हैं. पश्चिम अफ्रीकी देशों का संघ ने विद्रोह की निंदा की है और संवैधानिक व्यवस्था बहाल करने की मांग की. संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने भी चिंता जताई. अमेरिका और फ्रांस ने अपनी राजनयिकों को सतर्क रहने को कहा है.

