राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पहले यूरोप में हलचल बढ़ गई है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की है. पेरिस के ऐलिसी पैलेस (राष्ट्रपति ऑफिस) में पहुंचकर जेलेंस्की ने मैक्रों के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध पर कूटनीतिक वार्ता की है.
ये मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब एक दिन पहले ही फ्लोरिडा में अमेरिकी और यूक्रेनी वार्ताकारों में मध्यस्थता को लेकर बातचीत की गई थी.
जेलेंस्की से मुलाकात के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने बातचीत को ही युद्ध के समाधान का रास्ता बताया है और कहा है कि सफल बातचीत युद्ध समाप्ति के लिए टर्निंग प्वाइंट बन सकती है.
यूक्रेन के लिए ठोस गारंटी की पैरवी करते हैं मैक्रो
अमेरिका की ओर से रूस-यूक्रेन के युद्ध समाप्ति की मध्यस्थता को लेकर यूरोप आशंकित है. क्योंकि यूरोप को लग रहा है कि कहीं रूस की उन डिमांड को अमेरिका तवज्जो दे दे, जो यूक्रेन के साथ-साथ यूरोप के लिए भी खतरा बन जाए.
फ्लोरिडा में अमेरिका और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत को लेकर जेलेंस्की ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति से मुलाकात की. उन्हें अमेरिका की शांति योजना के बारे में बताया.
इस बातचीत के बाद मैक्रों ने कहा, कि “यूक्रेन में शांति के लिए जारी बातचीत एक ऐसा पल है, जो आगे चलकर टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है. करीब चार साल से जारी युद्ध के बीच यह कूटनीतिक गतिविधि उस दिशा में बढ़ते कदम के रूप में देखी जा रही है, जिसमें एक संभावित युद्धविराम के आधार तैयार किए जा रहे हैं.”
इससे पहले पिछले सप्ताह मैक्रों ने पश्चिमी सहयोगियों से आग्रह किया कि युद्ध विराम या शांति समझौता की स्थिति में यूक्रेन को ‘ठोस’ गारंटी मिलनी चाहिए. मैक्रों ने यूक्रेन का दृढ़तापूर्वक समर्थन किया है और अमेरिकी शांति योजना की उन शर्तों पर सवाल खड़े किए, जो रूस के पक्ष में थे.
मैक्रों-जेेलेंस्की ने की यूरोपीय सहयोगियों और ट्रंप के विशेष दूत से भी की बात
मैक्रों के कार्यालय ने जानकारी देते हुए कहा कि “राष्ट्रपति मैक्रों और जेलेंस्की ने ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड, इटली, नॉर्वे, फिनलैंड, डेनमार्क एवं नीदरलैंड के नेताओं तथा अन्य यूरोपीय भागीदारों के साथ बातचीत की है. वार्ता में यूरोपीय संघ के अधिकारी एंटोनियो कोस्टा और उर्सुला वॉन डेर लेयेन, और नाटो महासचिव मार्क रूट भी शामिल थे.”
वहीं मैक्रों के कार्यालय ने बताया कि “मैक्रों और जेलेंस्की ने अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ से भी फोन पर बात की है.”
आपको बता दें कि स्टीव विटकॉफ, ट्रंप के भरोसेमंद साथी हैं और ट्रंप उनपर आंख बंद करके भरोसा करते हैं. हाल ही में विटकॉफ की एक टेलीफोन कंन्वर्सेशन लीक हो गई थी. उस बातचीत में विटकॉफ में रूसी राष्ट्रपति के सलाहकार से कह रहे थे कि पुतिन को ट्रंप से बात मनवानी है तो तारीफ करनी होगी और ट्रंप को शांतिदूत बताकर खुश करना होगा.
फ्लोरिडा में अमेरिका-यूक्रेन के बीच युद्धविराम फ्रेमवर्क पर हुई मीटिंग
जेलेंस्की की पेरिस यात्रा से पहले यूक्रेनी और अमेरिकी अधिकारियों ने फ्लोरिडा में बैठक की थी, जिसे अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ‘सकारात्मक और उत्पादक’ बताया था.
मैक्रो रुबियो ने कहा, कि अभी भी कई अहम प्वाइंट पर काम करना बाकी है. लेकिन उम्मीद है कि जल्द से जल्द युद्ध रोका जाए. अमेरिका में हुई इसी बैठक के बाद अमेरिका द्वारा तैयार किए गए शांति प्रस्ताव में आवश्यक संशोधनों पर काम शुरू हुआ.
अमेरिका की योजना पर ईयू आशंकित, काजा कलास ने जताई चिंता
अमेरिका की शांति योजना पर ईयू खुश नजर नहीं आ रहा. शांति योजना में यूक्रेन की सेना के आकार पर सीमाएं लगाने, उसे नाटो में शामिल होने से रोकने और जमीन छोड़ने तक की शर्तें रखी थी.
यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कालास ने सोमवार को चिंता जताई कि “अमेरिका-रूस वार्ता के परिणामस्वरूप यूक्रेन को और अधिक रियायतें देनी पड़ सकती हैं, जैसे कि उस पर अपना क्षेत्र सौंपने का दबाव डालना. वहीं मैक्रों ने कहा कि यूक्रेन एक संप्रभु राष्ट्र है और अपने क्षेत्रों पर उसे ही निर्णय लेना है.”

