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आसियान में खुला नया वॉर फ्रंट, थाईलैंड-कंबोडिया भिड़े

आसियान में युद्ध की आहट है. भारत के दो पड़ोसी देशों थाईलैंड और कंबोडिया में पहले से बढ़ा तनाव उस वक्त और बढ़ गया, जब गश्त के दौरान बारूदी सुरंग के चपेट में थाई सैनिक आ गए. 

इस घटना के बाद थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ अपनी उत्तर-पूर्वी सीमा के कई रास्ते बंद कर दिए और अपने राजदूत को वापस बुलाने के साथ-साथ कंबोडिया के राजदूत को भी निष्कासित करने का ऐलान कर दिया है. 

जवाब में कंबोडिया ने सभी थाई राजनयिकों को निकाल दिया. थाईलैंड और कंबोडिया दोनों देशों ने एक-दूसरे पर सुरंगें बिछाने और समझौते तोड़ने का आरोप लगाया है.

थाईलैंड-कंबोडिया में बढ़ा सीमा विवाद, थाई सेना का आरोप सुरक्षित जगहों पर कंबोडिया ने बिछाई बारूदी सुरंग

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच मई में सीमा पर गोलीबारी के बाद टेंशन बढ़ गई थी. थाईलैंड की फायरिंग में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हुई थी, जिसके बाद कूटनीतिक रिश्ते भी डीरेल हो गए थे. ताजा मामला ये है कि सीमा पर बारूदी सुरंग फटने से थाईलैंड के कई सैनिक घायल हुए हैं.

थाई सेना के मुताबिक, “बुधवार को उबोन रत्चाथानी प्रांत में हुए बारूदी सुरंग विस्फोट में 5 सैनिक घायल हो गए, जिसमें एक सैनिक का पैर उड़ गया. इससे पहले भी पिछले हफ्ते एक और विवादित इलाके में बारूदी सुरंग फटने से 3 थाई सैनिक घायल हुए थे, और इस घटना में भी सीमा पर गश्त कर रहे एक सैनिक का पैर उड़ गया था.”

थाईलैंड का दावा है कि “ये सुरंगें हाल ही में बिछाई गई थीं और ये उन रास्तों पर थीं, जिन्हें दोनों देशों ने गश्त के लिए सुरक्षित माना था. अधिकारियों का कहना है कि ये रूस निर्मित बारूदी सुरंगें हैं, जो थाई सेना के पास नहीं हैं.”

कंबोडिया ने ओटावा संधि का उल्लंघन किया, घटना की जिम्मेदारी ले- थाईलैंड के कार्यवाहक पीएम

थाईलैंड सेना ने बयान जारी कर कंबोडिया से इस घटना की जिम्मेदारी लेने की मांग की है. सेना ने कहा, ‘यह घटना दोनों देशों की सीमा पर अमन और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है. कंबोडिया ने 1997 के ओटावा संधि का उल्लंघन किया है, जो बारूदी सुरंगों के उत्पादन और इस्तेमाल पर रोक लगाती है.

थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायचाई ने कहा कि विदेश मंत्रालय कंबोडिया के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज करेगा और आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा. 

कंबोडिया की जमीन पर हुआ धमाका, थाईलैंड के आरोप बेबुनियाद: कंबोडियाई सेना

कंबोडिया की सेना ने थाईलैंड के सारे आरोपों को नकार दिया है. कंबोडिया का कहना है कि “यह विस्फोट उनके प्रियह वियार प्रांत में हुआ.”

कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचिता ने कहा, “विस्फोट कंबोडिया की जमीन पर हुआ और थाई सैनिक 2000 के समझौते का उल्लंघन करते हुए तय रास्तों से भटककर कंबोडिया के इलाके में चले गए. सीमा पर मौजूद कई बारूदी सुरंगें 20वीं सदी के युद्धों और अशांति की देन हैं, न कि हाल में बिछाई गई हैं.”

कूटनीतिक रिश्ते भी बिगड़े, दोनों देशों ने एकदूसरे पर लगाए प्रतिबंध

कंबोडिया के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर सभी कूटनीतिक कर्मचारियों को देश छोड़ने और अपने बैंकॉक दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुलाने का आदेश दिया. 

मई से ही दोनों देशों ने कई सीमा चौकियां बंद कर हैं. कंबोडिया ने थाईलैंड से फल, सब्जियां, ईंधन और गैस का आयात रोक दिया है. इसके अलावा, थाई फिल्मों और टीवी शो पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और कुछ अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट और बिजली आपूर्ति लिंक भी बंद कर दिए गए हैं. 

थाईलैंड की पीएम शिनावात्रा की बातचीत लीक से मचा था बवाल, चली गई कुर्सी

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच ताजा विवाद 28 मई हो हुआ था. इस विवाद को लेकर थाईलैंड में जमकर बवाल हुआ था, क्योंकि झड़प को लेकर थाईलैंड की पीएम शिनावात्रा ने कंबोडिया के स्पीकर हुन सेन से फोन पर बात की थी. 17 मिनट की इस बातचीत को हुन सेन ने इंटरनेट पर लीक कर दिया था, जिसमें पीएम शिनावात्रा हुन सेन को अंकल कहती हैं और अपने ही सेना के अफसर को गलत ठहराती हैं. 

बातचीत लीक होने के बाद राष्ट्रवादियों ने पीएम शिनावात्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और कहा था कि उनके कारण थाईलैंड का सिर कंबोडिया के आगे झुक गया. मामला कोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद कोर्ट ने शिनावात्रा को सस्पेंड कर दिया, 

कंबोडिया को चीन का बैकअप, थाईलैंड-कंबोडिया में किसकी सेना भारी

कंबोडिया में चीन ने हाल ही में एक नेवल बेस बनाया है साथ ही चीन, कंबोडिया में अपनी उपस्थिति और प्रभाव बढ़ा रहा है. कंबोडिया को चीन हथियारों की सप्लाई भी करता है. 

वहीं कंबोडिया और थाईलैंड की सेना की बात की जाए तो आंकड़ों के मुताबिक थाईलैंड के पास 3 लाख से ज्यादा सैनिक हैं वहीं कंबोडिया के पास 2 लाख सैनिक हैं. अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के लिए कंबोडिया ने इसी महीने हर नागरिक को सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य किया है. थाईलैंड के साथ ताजा विवाद के बाद नागरिकों को सैन्य ट्रेनिंग लेनी होगी ताकि जरूरत पड़ने पर लोग देश की रक्षा कर सकें.

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