ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान से चल रहे तनाव और संघर्ष के बीच वायुसेना प्रमुख ने चौंकाने वाला बयान दिया है. एयरफोर्स चीफ मार्शल एपी सिंह ने रक्षा सौदों पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि हथियारों की डिलीवरी समय पर नहीं मिलती है. एयरफोर्स चीफ ने ये बयान देश के छोटे-बड़े उद्योगों के सबसे बड़े समूह में से एक सीआईआई के कार्यक्रम दिया है.
ऐसा कोई प्रोजेक्ट नहीं, जो समय से पूरा हुआ हो: एयरफोर्स चीफ
एयरफोर्स चीफ मार्शल एपी सिंह अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं, जो पहले भी रक्षा सौदों और फाइटरजेट को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं. सीआईआई के वार्षिक समारोह में एयर चीफ मार्शल ने डिफेंस सिस्टम की खरीद और डिलीवरी में हो रही देरी पर सवाल खड़े किए हैं. एयर चीफ मार्शल ने कहा, “ऐसा एक भी प्रोजेक्ट नहीं है, जो समय पर पूरा हुआ हो. ये सोचने वाली बात है कि हम ऐसा वादा क्यों करते हैं, जिसे पूरा ही नहीं किया जा सकता.”
वायुसेना प्रमुख ने ये भी कहा कि “कई बार कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय ही पता होता है कि ये समय पर नहीं होगा, फिर भी साइन कर देते हैं, जिससे पूरा सिस्टम खराब हो जाता है.”
टाइम-लाइन बड़ा मुद्दा, पड़ता है ऑपरेशनल तैयारियों पर असर:वायुसेना प्रमुख
एपी सिंह ने कहा कि ‘टाइम-लाइन’ एक बड़ा मुद्दा है. समय से डिफेंस प्रोजेक्ट पूरा न होने की वजह से ऑपरेशनल तैयारी पर असर पड़ता है.
वायुसेना प्रमुख का डिफेंस प्रोजेक्ट में देरी को लेकर बयान ऐसे वक्त में आया है, जब उनसे पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट एमका के बारे में अहम घोषणा की हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि देश में एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमका) के पांच अलग-अलग प्रोटोटाइप विमान तैयार किए जाएंगे. उसके बाद फैसला लिया जाएगा कि कितने तरह के पांचवी पीढ़ी के एयरक्राफ्ट भारत तैयार करेगा.
2029 के आखिर में मिलेगा पहला स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट
चीन और पाकिस्तान जैसे देशों से भारत को सुरक्षित रखने के लिए वायुसेना को मजबूत होना बेहद आवश्यक है. पाकिस्तान को जल्द ही चीन से पहला स्टील्थ फाइटर जेट जे-35 मिलने जा रहा है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के चैयरमेन समीर कामथ ने बयान दिया है कि स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट का पहला प्रोटोटाइप 2029 के आखिर तक ही उड़ान भर पाएगा. एमका स्टील्थ फाइटर जेट 2034 तक ही पूरी तरह तैयार हो पाएगा और उसका मास-प्रोडक्शन यानी निर्माण 2035 तक ही संभव है. यानि कहीं ना कहीं वायुसेना चीफ की चिंता सही है क्योंकि पाकिस्तान के पास स्टील्थ फाइटर जेट होगा और भारत इससे पीछे रहेगा.
एलसीए तेजस प्रोजेक्ट में देरी पर वायुसेना प्रमुख ने उठाए थे सवाल
ये पहली बार नहीं है कि वायुसेना प्रमुख ने फाइटर जेट समेत वायुसेना के हथियारों डिलीवरी को लेकर सवाल खड़े किए हैं. इसी साल फरवरी में बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया प्रदर्शनी के दौरान भी एयर चीफ मार्शल ने एलसीए तेजस प्रोजेक्ट में हो रही देरी को लेकर सार्वजनिक बयान दिया था. दरअसल अमेरिका से एविएशन इंजन में मिलने में हो रही देरी के चलते एलसीए प्रोजेक्ट दो साल पीछे चल रहा है. वहीं वायुसेना, लड़ाकू विमानों की लगातार कम हो रही स्क्वाड्रन को लेकर भी अपनी चिंता सरकार को जता चुके हैं.