पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान पर एक्शन से पहले एचएएल ने थलसेना और वायुसेना के एएलएच-ध्रुव हेलीकॉप्टर को फिर से उड़ाने की इजाजत दे दी है. एएलएच ध्रुव के हादसे के बाद उड़ान पर रोक लगाई गई थी, साथ ही एचएएल को आलोचना का भी सामना करना पड़ा था. अब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने बयान जारी करके बताया है कि डिफेक्ट इन्वेस्टीगेशन कमेटी (डीआईसी) के सुझाव पर थलसेना और वायुसेना के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर को फिर फ्लाइंग की परमिशन दे दी गई है.
इन एएलएच हेलीकॉप्टर को थलसेना, वायुसेना और नौसेना के साथ-साथ कोस्टगार्ड भी इस्तेमाल करती है.
पाकिस्तान को सबक सिखाने से पहले शुरु होगी ध्रुव की उड़ान
इस साल 5 जनवरी को भारतीय तटरक्षक बल (इंडियन कोस्ट गार्ड) का एक ध्रुव हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसके कारण एएलएच हेलीकॉप्टर के उड़ने पर रोक लगा दी गई थी. आपको बता दें कि भारतीय सेना (थलसेना) के पास एचएएल द्वारा निर्मित कुल 145 हेलीकॉप्टर हैं. एएलएच हल्के हेलीकॉप्टर है जिन्हें सैनिकों की आवाजाही और सैन्य उपकरण के ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
थलसेना ने करीब 75 एएलएच हेलीकॉप्टर अटैक रोल के लिए इस्तेमाल करती है. वहीं भारतीय वायुसेना के पास भी करीब 70 एएलएच हेलीकॉप्टर हैं जो पिछले चार महीनों से ग्राउंडेड थे. हालांकि जानकारी के मुताबिक, नौसेना के 40 और तटरक्षक बल के 16 एएलएच हेलीकॉप्टर की फ्लाइंग पर अभी भी रोक लगी रहेगी. सिर्फ थलसेना और वायुसेना पर लगी रोक हटाई गई है.
7 वर्षों में औसतन हर वर्ष हुआ एएलएच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त
आंकड़ों को देखा जाए तो अक्टूबर 2024 में बिहार में राहत बचाव के काम में जुटा भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर इंजन फेल होने के चलते पानी में डूब गया था. इससे पहले सितंबर 2024 को कोस्ट गार्ड के एक हेलिकॉप्टर की अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. वहीं मई 2023 में जम्मू और मार्च 2023 में मुंबई तट पर नौसेना का ध्रुव हेलिकॉप्टर और 26 मार्च को कोच्चि में कोस्ट गार्ड का हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ था.
एचएएल को 62 हजार करोड़ का ‘प्रचंड’ ऑर्डर, 12 सुखोई फाइटर जेट और 240 इंजन का भी मिला ऑर्डर
एचएएल को रक्षा मंत्रालय से हाल के सालों का सबसे बड़ा ऑर्डर मिला है. ये लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड का है. रक्षा मंत्रालय ने 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर का करार एचएएल से किया है. इस करार की कुल कीमत 62,700 करोड़ है. रक्षा मंत्रालय का किसी भी स्वदेशी कंपनी से ये अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है. यहां तक की फ्रांस से लिए 36 राफेल (रफाल) फाइटर जेट का सौदा भी 59 हजार करोड़ में हुआ था. इसके अलावा एचएएल को इस साल 12 सुखोई फाइटर जेट का ऑर्डर मिला है. साथ ही सुखोई के 240 एविएशन इंजन का ऑर्डर भी मिला है. 40 डोरनियर एयरक्राफ्ट के अपग्रेड की जिम्मेदारी भी एचएएल को मिली है. इसी साल एचएएल को ‘महारत्न’ का दर्जा मिला है. एचएएल, देश का पहला डिफेंस पीएसयू है जिसे महारत्न का दर्जा मिला है.