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मिडिल-ईस्ट में आयेगी कयामत, हमास ने अगर नहीं छोड़े इजरायली बंधक

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास आतंकियों को बंधकों को छोड़ने के लिए शपथ ग्रहण तक का समय दिया है. ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अगर 20 जनवरी तक इजरायली बंधकों को नहीं रिहा किया गयी तो मिडिल-ईस्ट में कयामत आ जाएगी.

ट्रंप ने मार-ए-लागो में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए हमास को वॉर्निंग देते हुए कहा है, “अगर मेरे पद ग्रहण करने से पहले बंधक वापस नहीं आए तो सब कुछ बिगड़ जाएगा.” ट्रंप ने हमास को ये चेतावनी अपने विशेष दूत स्टीव चार्ल्स विटकाफ के सामने दी है, जो हाल ही में मिडिल ईस्ट में बातचीत करके लौटे हैं.

ट्रंप ने बंधकों की रिहाई के लिए दिया 12 दिन का समय

हमास और इजरायल के बीच चल रही वार्ता के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को कड़ी चेतावनी दी है. हमास को अपने शपथ ग्रहण यानी 20 जनवरी से पहले-पहले बंधकों को छोड़ने को कहा है.

ट्रंप ने कहा, “यह हमास के लिए अच्छा नहीं होगा और सच कहूं तो यह किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा. सब कुछ बर्बाद हो जाएगा. मुझे और कुछ कहने की जरूरत नहीं है लेकिन ऐसा ही है. उन्हें बहुत पहले ही बंधकों को रिहा कर देना चाहिए था. सात अक्टूबर जैसा हमला कभी नहीं होना चाहिए था.”

आखिरी चरण में है हमास और इजरायल में समझौता: विशेष दूत

मध्य पूर्व में अमेरिका स्पेशल दूत स्टीवन चार्ल्स विटकॉफ, मिडिल ईस्ट के दौरे से लौटे हैं. स्टीवन चार्ल्स ने कहा, “मेरा मानना है कि हम इसके कगार पर हैं, मैं इस बारे में चर्चा नहीं करना चाहता कि इसमें देरी किस वजह से हुई, किसी भी तरह से नकारात्मक होने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि जो राष्ट्रपति ने कहा है कि वे क्या उम्मीद करते हैं, उन्होंने जो लाल रेखाएं खींची हैं, यही इस वार्ता को आगे बढ़ा रही हैं.”

हमास नेता ने दी ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया 

हमास को चेतावनी दिए जाने के बाद हमास ने कहा है कि “डोनाल्ड ट्रंप को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर दबाव डालना चाहिए कि वो युद्ध विराम समझौते को स्वीकार करें, ताकि समझौते को एक समय सीमा पर पूरा किया जा सके. अगर नेतन्याहू और उनकी सरकार समझौते को रोकने और बाधा डालना बंद कर दें, तो हम तुरंत समझौते पर पहुंच सकते हैं.”

गौरतलब है कि कतर और मिस्र की मध्यस्थता में हमास और इजरायल के बीच कई राउंड बातचीत हो चुकी है. समझौता कराने में अमेरिका भी अहम भूमिका निभा रहा है. बाइडेन प्रशासन की कोशिश है कि उनके कार्यकाल में ही बंधक रिहा किए जाएं, जो कि उनकी एक बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी. हमास की मांग है कि इजरायली सेना गाजा से वापस हो जाए पर नेतन्याहू ने एक-दो प्वाइंट पर हटने से मना कर दिया है. माना जा रहा है यही शर्त बंधकों की रिहाई के बीच रोड़ा बना हुआ है. (34 इजरायली बंधकों की लिस्ट आउट, हमास पर doubt)

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