अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगे-पीछे घूम रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने थमाई है रेवड़ी. हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ तेल संसाधन विकसित करने का समझौता किया है, उस तेल की लालच में प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न बलूचिस्तान की आजादी मांग रहे बीएलए को आतंकवादी घोषित किया है. अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करके पाकिस्तान को खुश करने की कोशिश की है.
मजीद ब्रिगेड आतंकी संगठन घोषित, अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने अपने बयान में क्या कहा?
आपको पाकिस्तान में रचा जा रहा अमेरिकी चक्रव्यूह का एक-एक राज़ बताएंगे, उससे पहले बताते हैं कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से क्या कहा गया है.
अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो की ओर से जारी बयान में कहा गया, “अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और उसके उपनाम, मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) घोषित कर रहा है और मजीद ब्रिगेड को बीएलए के नाम में एक उपनाम के रूप में जोड़ रहा है. बीएलए को साल 2019 में कई आतंकवादी हमलों के बाद स्पेशली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेरेरिस्ट (एसडीजीटी) घोषित किया गया था. 2019 के बाद से, बीएलए ने मजीद ब्रिगेड सहित कई अन्य हमलों की जिम्मेदारी ली है.
“2024 में बीएलए ने कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी परिसर के पास आत्मघाती हमले करने का दावा किया था. 2025 में बीएलए ने मार्च में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 31 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए थे और 300 से ज़्यादा ट्रेन यात्रियों को बंधक बना लिया गया था.
“स्टेट डिपार्टमेंट की तरफ से की गई कार्रवाई आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. आतंकवादी घोषित करना इस अभिशाप के विरुद्ध हमारी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन को कम करने का एक प्रभावी तरीका है.”
तेल के चक्कर में ट्रंप ने पूरी की मुनीर की मुराद, अमेरिका का पूरा खेल समझिए
आपको बता दें भारत के साथ रूसी तेल को लेकर अमेरिका से चल रही तनातनी के बीच ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ तेल संसाधन खोजने का समझौता किया है. बड़बोले ट्रंप ने अपने एक बयान में ये कहा था कि क्या पता एक दिन भारत भी पाकिस्तान से तेल खरीदे.
बीएलए को आतंकी संगठन घोषित करने के पीछे दरअसल एक बड़ा खेल है. पाकिस्तान में जिस तेल को खोजने की बात ट्रंप कह रहे हैं, वो उस बलूचिस्तान में है, जहां पर पाकिस्तान की सेना और पुलिसवालों का काल बनकर बैठे हैं बलोच लड़ाके.
बलूचिस्तान अपनी आजादी की मांग करता है. चीन भी बलूचिस्तान में कॉरिडोर निर्माण कर रहा है, जिसका बीएलए और बलूचिस्तान के लोग विरोध करते हैं. आए दिन बलोच लड़ाके आईएसआई से जुड़े लोगों पर हमला करते हैं और पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ते हैं. हालत ये है कि पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और असीम मुनीर शोक संदेश देते देते थक गए हैं. दोनों की हालत इतनी खराब हो गई कि एक भी अटैक को रोक पाना तो दूर, उसकी प्लानिंग की भनक तक नहीं आईएसआई को नहीं लग पाती है.
बलूचिस्तान में रेयर खनिजों का भंडार है, जिस पर अभी कुछ हिस्सों में चीन ने निवेश कर रखा है. बलूचिस्तान में लगातार चीन का निवेश होने से अमेरिका अपने प्रभुत्व के खतरे की तरह से देखता है. बीएलए के हमले के बाद चीन ने तो यहां तक कह दिया था कि वो चीनी सेना पाकिस्तान में भेजेगी. ऐसे में अमेरिका, पाकिस्तान को अपने पक्ष में करके चीन को धीरे-धीरे पाकिस्तान से कट ऑफ करना चाहता है, ताकि चीन की जड़ों को काटकर अमेरिका अपना अधिकार जमा पाए. अमेरिका दुर्लभ खनिजों पर अधिकार पाना चाहता है, इसलिए रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए ट्रंप ने यूक्रेन के साथ खनिज डील की, साथ ही ग्रीनलैंड पर भी कब्जे की बात कह चुके हैं.
बलूचिस्तान के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश
हाल ही में लश्कर के प्रॉक्सी टीआरएफ जिसने पहलगाम नरसंहार को अंजाम दिया था, उस संगठन को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करके अमेरिका ने पाकिस्तान को झटका दिया था. ऐसे में जब पाकिस्तान की कलई पूरी दुनिया में खुली तो पाकिस्तान को खुश करने और दोनों देशों के बीच बैलेंस बनाने के लिए पाकिस्तानी सेना पर हमला करने वाले बीएलए के खिलाफ अमेरिका ने एक्शन लिया है.
पाकिस्तान अक्सर भारत पर बीएलए को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है, हालांकि भारत ने इन दावों को खारिज किया है. बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं, और हाल ही में उनके बड़े नेता ने भारत से मदद मांगी थी. यहां तक कि बलोच लोगों ने ऑपरेशन सिंदूर का भी समर्थन किया था.
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाने का क्रेडिट न दिए जाने से भारत के साथ संबंध बिगाड़ने पर तुले ट्रंप, हर ओर से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं
मोदी समर्थक है बीएलए, बड़बोले बिलावल के बिगड़े बोल
आए दिन भारत को गीदड़ भभकी देने वाले बिलावल भुट्टो ने कहा है कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, तब बीएलए और मजीद ब्रिगेड ने खुलकर मोदी का समर्थन किया था. अब अमेरिका ने इस बात का समर्थन किया है, वो आतंकी हैं, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ी सफलता है. हमें संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से इन्हें आतंकवादी घोषित करने का प्रयास करना चाहिए.”