बांग्लादेश के साथ टकराव और बंदरगाहों पर विद्रोही संगठन अराकान आर्मी के कब्जे के बीच म्यांमार की नौसेना ने अपने सबसे बड़े युद्धपोत किंग थालुन को समुद्र में उतारा है.
म्यांमार ने अपने दो 63 मीटर एंटी-सबमरीन विध्वंसक जहाजों को ऐसे समय में लॉन्च किया है जब बांग्लादेश और म्यांमार के बीच अराकान आर्मी को लेकर तनातनी है. म्यांमार ने सबमरीन किंग थालुन को 77वें नौसेना दिवस पर लॉन्च करके अपनी ताकत दिखाई है.
अराकान आर्मी से संपर्क साध रही यूनुस सरकार
जून की शुरुआत में बांग्लादेश की सेना ने सेंट मार्टिन द्वीप के पास युद्धपोत तैनात किया था. म्यांमार में गृहयुद्ध का फायदा बांग्लादेश उठाना चाह रहा है, लिहाजा म्यांमार की सेना ने समंदर में किंग थालुन को उतारा है. म्यांमार की नौसेना लगातार विकास कर रही है, क्योंकि ये समय की जरूरत है. (https://x.com/Aryan_warlord/status/1872493169084182811)
शेख हसीना सरकार के कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश ने खुद को म्यांमार से दूर ही रखा था. लेकिन म्यांमार से सटे बांग्लादेशी बंदरगाहों पर चीन और पाकिस्तान के कार्गो जहाज आने से स्थितियां बदल रही है. पाकिस्तान ने बांग्लादेश के चटगांव (चटोग्राम) बंदरगाह पर हथियार और गोला-बारूद से भरा जहाज भेजा है. इस गोला-बारूद का इस्तेमाल म्यांमार के रखाइन प्रांत में अराकान आर्मी के खिलाफ इस्तेमाल किया जाना है. ऐसे में म्यांमार की नौसेना को बंगाल की खाड़ी में अपनी निगरानी मजबूत करने की जरूरत पड़ रही है.
बांग्लादेश पर म्यांमार की पैनी नजर
म्यांमार की नौसेना बांग्लादेश पर नजर रख रही है. जिस दिन घातक युद्धपोत को लॉन्च किया गया थानलिन में नेवी डॉकयार्ड पर हुए समारोह में म्यांमार के कमांडर इन चीफ जनरल मिंग आंग हलिंक भी मौजूद थे. म्यांमार के नए युद्धपोत किंग थालुन का नाम एक ऐतिहासिक राजा के सम्मान में रखा गया है। म्यांमार नेवी ने इसे समुद्री सुरक्षा और नवाचार के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है.