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पैसों के लिए एंजेलिना गई थी यूक्रेन, ओरबान ने फिर गिराया बॉम्बशेल

हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने ये कहकर बम गिरा दिया है कि यूएसएड ने हॉलीवुड स्टार एंजेलिना जोली को जंग के शुरुआती महीनों में यूक्रेन जाने के लिए 20 मिलियन डॉलर दिए थे. ओरबान के मुताबिक, जंग के दौरान यूक्रेन को समर्थन देने के लिए एंजेलिना को ये रकम दी गई थी.

ओरबान का आरोप है कि एंजेलिना के अलावा हॉलीवुड के कई दूसरे ए-स्टार्स को यूनाइटेड स्टेट एजेंसी ऑफ डेवलपमेंट (यूएसएड) ने यूक्रेन के समर्थन के लिए मोटी रकम दी थी. इन स्टार्स में वैन डैम, सीन पेन, बेन स्टिलर और ऑर्लेंडो ब्लूम शामिल थे.

युद्ध के शुरूआती हफ्तों में एंजेलिना गई थी यूक्रेन के विस्थापित लोगों से मिलने

युद्ध के शुरुआती हफ्तों में एंजेलिना जोली ने यूक्रेन के ल्वीव शहर का दौरा कर विस्थापित नागरिकों से मुलाकात की थी. एंजेलिना को उस वक्त यूएन रिफ्यूजी एजेंसी का एंबेसडर बनाकर यूक्रेन भेजा गया था ताकि दुनियाभर का ध्यान यूक्रेन संकट की तरफ खींचा जा सके. 

उस दौरान, लवीव रेलवे स्टेशन पर मिसाइल अटैक का अलार्म भी बजा था. ऐसे में एंजेलिना को लोगों के साथ भागते हुए दिखाया गया था. बाद में पता चला कि लवीव में कोई मिसाइल अटैक नहीं हुआ है. ये एक फॉल्स अलार्म था. (https://x.com/ThePollLady/status/1521017973431021568)

ओरबान ने यूएसएड फंडिंग को पॉलिटिकल फंडिंग करार देते हुए पश्चिमी देशों का सबसे बड़ा स्कैंडल बताया है. हंगरी के प्रधानमंत्री का आरोप है कि हॉलीवुड स्टार्स ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से कीव पहुंचकर जो मुलाकात की थी, वो हमदर्दी के लिए नहीं बल्कि पैसों के चलते की थी.

इन आरोपों पर एंजेलिना जोली या फिर किसी दूसरे स्टार की तो प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है लेकिन स्टिलर ने इसे रूसी प्रोपेगेंडा करार दिया है.

ट्रंप और एलन मस्क ने बंद कर दिया है यूएसएड विभाग

दुनियाभर में लोकतांत्रिक सरकारों को गिराने के लिए कुख्यात, अमेरिकी फेडरल एजेंसी यूएसएड (यूएसएआईडी) को अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भरोसेमंद सिपहसालार एलन मस्क ने ‘क्रिमिनल ऑर्गेनाइजेशन’ करार देते हुए बंद कर दिया है.

एलन मस्क ने तो यूएसएड पर चीन की वुहान लैब को दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने तक के गंभीर आरोप लगा डाले. खास बात ये है कि यूएसएड की वेबसाइट भी डाउन करा दी गई है.

सीआईए की कठपुतली है यूएसएड?

‘यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड) को दुनियाभर में अलग-अलग एनजीओ को मदद करने और विकासशील कार्यक्रम को बढ़ावे देने के लिए खड़ा किया गया था. लेकिन एजेंसी पर सीक्रेट तरीके से अमेरिका की खुफिया एजेंसी, सीआईए (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) के इशारे पर काम करने के आरोप लगते रहे हैं.

माना जाता है कि जिस देश की सरकार को सीआईए गिराने की साजिश रचती है, उसके लिए उस देश के अल्ट्रा-एनजीओ को फंडिंग शुरू कर देती है. ये फंडिंग कॉरपोरेट कंपनियों और मीडिया तक को की जाती है. वर्ष 2023 में यूएसएड का कुल बजट 40 बिलियन डॉलर था.

यूक्रेन में मैदान क्रांति रही थी सफल

भारत में भी यूएसएड के दखल के आरोप लगे हैं. अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के नए मंत्री रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने तो यहां तक आरोप लगाए थे कि यूएसएड ने ही वर्ष 2014 में यूक्रेन में दंगे (‘मैदान क्रांति’) कराई थी रूस समर्थित सत्ता को हटाकर अमेरिका के पिछलग्गू को राष्ट्रपति बना दिया जाए.

कैनेडी ने बांग्लादेश में अराजक-प्रदर्शन के जरिए बांग्लादेश में भी सत्ता परिवर्तन का आरोप लगाया था. हालांकि, कैनेडी ने कहा था कि ऐसी साजिश (किसान आंदोलन की आड़ में) भारत में नाकाम हो गई थी.