भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के रूस पहुंचने और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद अमेरिका जल भुन गया है. मॉस्को में रूस के साथ व्यापार को लेकर जयशंकर की अमेरिका और यूरोप के पोलखोल के बाद अमेरिका से आई है ऊलजलूल टिप्पणी.
व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार और राजनयिक ने भारत को लेकर विवादास्पद बयान दिया है. अमेरिका की भारत पर प्रेशर टेक्टिस फेल होने के बाद अमेरिकी प्रशासन बकवास करने लगा है.
ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को लेकर तीखी टिप्पणी करते हुए भारत को रूस की धुलाई मशीन बताते हुए कहा है, कि 6 दिन और रूक जाओ, लगने वाला है सेकेंडरी टैरिफ.
पीटर नवारो ने ट्रंप को भड़काते हुए कहा है कि भारत, यूक्रेन युद्ध के रक्तपात में भारत अपनी भूमिका को स्वीकार नहीं करना चाहता. भारत जो अभी कर रहा है कि वह शांति स्थापित करने का नहीं, बल्कि युद्ध को बढ़ावा देने वाला है.
ट्रंप के सलाहकार ने दी भारत को धमकी, कहा, 27 अगस्त से देखिए क्या होता है
भारत विरोधी माने जाने वाले ट्रंप के आर्थिक सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को चेतावनी दी है. नवारो ने कहा, “रूस से कच्चा तेल खरीदने की सजा के तौर पर भारत पर शुल्क दोगुना करने की 27 अगस्त की समयसीमा को आगे नहीं बढ़ाएंगे. इसमें अब सिर्फ छह दिन का वक्त बचा है.”
नवारो बोले, “अब से सिर्फ छह दिन बाद, आप देखिएगा कि 27 अगस्त को सेकेंडरी टैरिफ लागू होने जा रहे हैं. ऐसा लगता है कि भारत इस रक्तपात में अपनी भूमिका स्वीकार नहीं करना चाहता. भारत पर 25 फीसदी टैरिफ इसलिए लगाए गए क्योंकि वे रूसी तेल के कारण हमें व्यापार में धोखा दे रहे हैं.”
शी जिनपिंग से करीबी बढ़ा रहा भारत, रूस की मशीन की तरह काम करता है:नवारो
नवारो ने पत्रकारों से कहा, “भारत शी जिनपिंग के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है, यही वह कर रहा है. भारत को रूसी तेल की जरूरत नहीं है. यह रिफाइनिंग की मुनाफाखोरी की योजना है. भारत हमें सामान बेचकर जो पैसा कमाता है, उससे वह रूसी तेल खरीदता है. फिर रूसी इस पैसे का इस्तेमाल और हथियार बनाने और यूक्रेनियों को मारने में करते हैं. यह पागलपन है. नई दिल्ली कम कीमतों रूस से कच्चा तेल खरीद खरीदकर उसे रिफाइन करके दुनिया भर में प्रीमियम कीमत पर बेचकर क्रेमलिन के लिए कपड़े धोने की मशीन की तरह काम कर रहा है.”
टैरिफ के मामले में महाराजा है भारत, यूक्रेन में शांति का रास्ता दिल्ली से होकर जाता है: पीटर नवारो
पीटर नवारो यहीं नहीं रुके, कहा “टैरिफ के मामले में भारत ‘महाराजा’ है. उनके हाई टैरिफ हैं. हमारा उनके साथ भारी व्यापार घाटा है. इससे अमेरिकी कामगारों और अमेरिकी व्यवसायों को नुकसान पहुंचता है. फिर वे हमें सामान बेचकर मिलने वाले पैसे से रूसी तेल खरीदते हैं. फिर इसे बेचकर खूब पैसा कमाते हैं. राष्ट्रपति ट्रंप शतरंज की बिसात को खूबसूरती से देखते हैं. यूक्रेन में शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर जाता है. भारत को मास्को को आर्थिक लाइफ देना बंद करना चाहिए.”
एस जयशंकर ने मॉस्को में ऐसा क्या कहा, जिससे अमेरिका जलभुन गया
गुरुवार को मॉस्को में रूसी तेल और अमेरिकी टैरिफ को लेकर जयशंकर ने बेबाकी से बात की थी. तेल व्यापार पर उठे सवालों पर जयशंकर ने कहा, “हम रूसी तेल के सबसे बड़े बायर नहीं हैं, वह चीन है, हम एलएनजी के सबसे बड़े खरीदार भी नहीं हैं, वह यूरोपीय संघ है. साल 2022 के बाद रूस के साथ व्यापार में सबसे तेज बढ़त भी हमारे साथ नहीं हुई, बल्कि दक्षिण के कुछ अन्य देशों के साथ हुई है.”
जयशंकर ने कहा, “हम एक ऐसा देश हैं, जिसे अमेरिकी प्रशासन खुद कहता आया है कि हमें वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए हर जरूरी कदम उठाने चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीदना भी शामिल है. वैसे, हम अमेरिका से भी तेल खरीदते हैं और वह मात्रा बढ़ रही है, इसलिए, ईमानदारी से कहूं तो जो तर्क मीडिया की ओर से दिया गया है, वह हमें पूरी तरह से उलझाने वाला और अस्पष्ट लगता है.”
पीटर नवारो के बयान से अमेरिकी एक्सपर्ट्स नाखुश
पीटर नवारो ने ये कोई पहली बार भारत विरोधी बयान नहीं दिया है. हाल ही में नवारो ने कहा था कि भारत साइलेंट तरीके से चीन की तरह काम कर रहा है. अमेरिका में लोगों की नौकरियों पर कब्जा कर रहा है. नवारो के ताजा बयान के बाद एक्सपर्ट्स ने कहा है कि “नवारो, भारत और अमेरिका के बीच और खाई बढ़ाना चाहते हैं और संबंधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.”