भारत को ज्यादा से ज्यादा ‘काली माता’ जैसी मजबूत महिला-सैनिकों की आवश्यकता है. ऐसी महिला सैनिक जो दयालु के साथ-साथ ‘मेच्योर’ (परिपक्व) हैं और अपने कार्यों में कुशल हैं. ये मानना है देश के थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का.
थलसेना प्रमुख ने अपने ही एक सैन्य कमांडर की महिला-सैन्य अधिकारियों को लेकर दिए गए बयान को नकार दिया है. जनरल द्विवेदी ने कहा कि ये (उन) कोर कमांडर का ‘पर्सेप्शन’ है. साथ ही आर्मी हेडक्वार्टर ने कोर कमांडर की उस चिट्ठी के लीक होने पर भी ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ के आदेश दे दिए हैं.
दरअसल, उत्तर-पूर्व में तैनात सेना के एक कोर कमांडर ने ईस्टर्न कमांड (कोलकाता) को पत्र लिखकर महिला कमांडिंग ऑफिसर्स (सीओ) के व्यवहार और कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. कमांडर ने महिला अधिकारियों के ट्रेनिंग पर भी जोर दिया था. ये पत्र सेना का ‘इंटरनल-कम्युनिकेशन’ था जो मीडिया में लीक हो गया था.
सेना दिवस से पहले सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि “मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि महिला (सैन्य) अधिकारी सभी कार्य दक्षता से करती हैं.”
जनरल द्विवेदी ने अपने उत्तरी कमान के कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर पूर्वी लद्दाख में तैनात बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) की पहली महिला सीओ कर्नल पोनुंग डोमिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट की रहने वाली अधिकारी ने कामयाबी की झंडे गाड़ दिए हैं.
कर्नल डोमिंग के नेतृत्व में बीआरओ चीन सीमा से सटे चुमार सेक्टर (पूर्वी लद्दाख) में दुनिया की सबसे ऊंची सड़क, मिग-ला (19,400 फीट) दर्रे पर बनाने में जुटी है. महिला अधिकारी की देखरेख में ही उमलिंग-ला दर्रे (19,024 फीट) पर बीआरओ ने सड़क का निर्माण किया है. (देश की बेटियां सिखा रहीं चीन को सबक (TFA Spl))
जनरल द्विवेदी ने बताया कि इस समय भारतीय सेना में कुल 115 महिला सीओ हैं. इसके अलावा 18 महिला अधिकारी सीओ बनने के लिए तैयार हैं. थलसेना प्रमुख के मुताबिक,16 महिला अधिकारी इनदिनों स्टाफ कॉलेज (वेलिंगटन) में कोर्स कर रही हैं. कोर्स पूरा होने पर ये महिला अधिकारी भी सेना में कमांडिंग ऑफिसर के पद पर तैनात हो सकती हैं.
इस वक्त भारतीय सेना में कुल 1732 महिला अधिकारी और 310 महिला जवान (अग्निपथ सहित) हैं. अगर इनमें एएमसी में तैनात डॉक्टर्स और एमएनसी को जोड़ दिया जाए तो ये संख्या करीब आठ हजार तक पहुंच जाती है.
जनरल द्विवेदी ने कहा कि ठसेना में हर तरह की महिला अधिकारी हो सकती हैं. लेकिन एक उदाहरण से सभी महिलाओं के बारे में धारणा नहीं बनाई जा सकती है.ठ सेनाध्यक्ष ने कहा कि इस समय करीब 1700 युवतिया, सैनिक स्कूल, आर्मी स्कूल और आरएमसी (राष्ट्रीय मिलिट्री कॉलेज) में अध्यनरत हैं. इनमें से अधिकतर सेना में शामिल हो सकती हैं. ऐसे में भारतीय सेना को ‘मजबूत’ महिला-सैनिकों की जरूरत है.