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सूडान में गृह-युद्ध, अस्पताल पर हमले में 70 की मौत

अफ्रीकी देश सूडान में एक अस्पताल पर हुए हमले में 70 लोगों की मारे जाने की खबर है. हमले का आरोप, विद्रोही पैरा-मिलिट्री फोर्स पर लगाया जा रहा है.

सूडान के अल फाशर शहर में एक अस्पताल में धमाके के बाद चीखपुकार मच गई. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हमले में 70 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई लोग गंभीर है. मृतकों में अधिकतर मरीज और उनके तीमारदार हैं.

हमले का आरोप विद्रोही गुट ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ (आरएसएफ) बताया जा रहा है.  आरएसएफ को सूडानी सेना और जनरल अब्देल-फतह बुरहान के नेतृत्व वाली सेनाओं के हाथों युद्ध में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. माना जा रहा है कि सेना की कार्रवाई के विरोध ने आरएसएफ ने अस्पताल को निशाना बनाया है.

विद्रोहियों ने मरीजों को बनाया निशाना

रविवार को सूडान के अल फाशर के अस्पताल में जब मरीजों की खचाखच भीड़ थी, तभी तेज धमाके से चीखपुकार मच गई. डब्ल्यूएचए के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयसस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, ‘सूडान के अल फाशर में सऊदी अस्पताल पर हुए भयावह हमले में मरीजों और उनके साथियों सहित 19 लोग घायल हुए और 70 की मौत हो गई. मृतकों में महिलाओं और बच्चों की संख्या ज्यादा है.

24 घंटे में दूसरा बड़ा हमला, आरएसएफ पर आरोप

बताया जा रहा है कि अल फाशर में हमले से पहले शनिवार को भी एक अस्पताल पर हमला किया गया था. विद्रोही संगठन आरएसएफ ने अल मल्हा में भी स्वास्थ्य सुविधा पर अटैक किया था. मई 2024 में सूडान के शहर अल फाशर पर विद्रोही संगठन आरएसएफ का कब्जा है.

पिछले कुछ दिनों में सूडान की सेना ने आरएसएफ के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना शुरु किया है. संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि आरएसएफ ने सूडानी सशस्त्र बलों से फौरन अल फाशर खाली करने के लिए कहा था. आरएसएफ ने चेतावनी दी थी कि अगले 48 घंटे में सेना अल फाशर से नहीं गई तो हमले किए जाएंगे. 

सेना और आरएसएफ में क्या है विवाद, जानिए
साल 2019 में सूडान के राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के खिलाफ जनता ने विद्रोह कर दिया था. जिसके बाद अक्टूबर 2021 में सेना ने अल-बशीर की सरकार का तख्तापलट कर दिया. सूडान में तख्तापलट के बाद से ही सेना प्रमुख जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान देश की कमान संभाल रहे हैं. वहीं अर्द्धसैनिक बल आरएसएफ के प्रमुख हमदान दगालो यानी हेमेदती, सूडान के दूसरे नंबर के नेता हैं.

तख्तापलट के बाद सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच एक समझौता हुआ. समझौते के तहत एक सोवरेनिटी काउंसिल बनी. सेना प्रमुख जनरल बुरहान काउंसिल के अध्यक्ष तो जनरल दगालो उपाध्यक्ष बने. इस काउंसिल ने तय किया कि अक्टूबर 2023 के आखिर में चुनाव कराए जाएंगे पर दोनों जनरल में सहमति नहीं बनने से संघर्ष बढ़ गया. संघर्ष इतना बढ़ गया कि दोनों ने बख्तरबंद गाड़ियां और टैंक एक दूसरे के खिलाफ सड़क पर उतार दिए थे.

सेना की कोशिश है कि आरएसएफ का सेना में विलय हो जाए. लेकिन आरएसएफ विलय का विरोध कर रही है. सूडान की सेना में लगभग तीन लाख सैनिक हैं, जबकि आरएसएफ में एक लाख से ज्यादा जवान हैं. सेना और पैरा-मिलिट्री फोर्स का विलय है गृह युद्ध का कारण बना है.

भारत का ऑपरेशन कावेरी

साल 2023 के अप्रैल के महीने में जब सूडान की सेना और आरएसएफ के बीच गृह युद्ध छिड़ा था, तब भारत ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ के जरिए वहां फंसे 750 भारतीय नागरिकों को नौसेना और वायुसेना की मदद से सुरक्षित निकाला था. 

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