मणिपुर में ड्रोन अटैक के बाद फिर से भड़की हिंसा के बीच असम राइफल्स ने एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात कर दिए हैं. सीआरपीएफ ने भी रौग-ड्रोन से निपटने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात कर दिए हैं. शनिवार को राज्य में एक बार फिर से भड़की हिंसा में आधा दर्जन लोगों के मारे जाने की खबर है.
मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स और सीआरपीएफ द्वारा एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात करने की जानकारी साझा की है. अपने आधिकारिक बयान में मणिपुर पुलिस ने ये भी बताया कि राज्य पुलिस ने भी एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदने की प्रक्रिया शुरु कर दी है.
असम राइफल्स ने उग्रवादियों के ड्रोन हमलों को निष्क्रिय करने के लिए मणिपुर के कई इलाकों में एंटी-ड्रोन प्रणाली तैनात की है. सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) ने फिलहाल एक एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया है लेकिन माना जा रहा है कि जल्द अधिक ऐसी तकनीक को इस्तेमाल किया जाएगा. (https://x.com/manipur_police/status/1832470367593480320)
1 सितंबर को इम्फाल वेस्ट जिले के एक गांव पर ड्रोन के जरिए हुए हमले में दो लोगों की मौत हुई थी और आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल भी हुई थे. उसके अगले दिन यानी 2 सितंबर (सोमवार) को भी करीब के सेंजम चेरांग में एक ड्रोन अटैक में तीन लोगों के घायल हो गए थे. (मणिपुर में ड्रोन अटैक इंटरनेशनल साजिश ?)
पिछले एक साल से ज्यादा जारी हिंसा में मणिपुर में 200 लोग मारे गए हैं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और विस्थापित भी हुए हैं. राज्य के कुकी और मैतेई समुदाय एक दूसरे के खून के प्यासे हैं. केंद्र और राज्य सरकार की कोशिशों के बावजूद हिंसा रोकने का नाम नहीं ले रही है.
इस बीच राज्य में राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पिछले 24 घंटे में दो बार राज्यपाल एल आचार्य से मुलाकात की है. खुद मुख्यमंत्री ने सभी सत्तारुढ़ दल के विधायकों से कानून-व्यवस्था को लेकर अहम बैठक की है.
इस बीच शनिवार को मणिपुर के जिरीबाम जिले में भड़की हिंसा में पांच लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट सामने आई है. ये हिंसा दो समूहों की आपसी फायरिंग में सामने आई है.