संसद से UN तक बांग्लादेशी हिंदुओं की चिंता
बांग्लादेश में भले ही नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाल ली है लेकिन हिंदुओं पर हुए अत्याचार की गूंज दूर-दूर
बांग्लादेश में भले ही नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाल ली है लेकिन हिंदुओं पर हुए अत्याचार की गूंज दूर-दूर
यूक्रेन जंग के ढाई साल बाद पहली बार रूस को युद्ध की तपन महसूस हो रही है. क्योंकि यूक्रेन की सेना ने पहली
बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के पीछे किस तरह विदेशी ताकतें काम कर रही थीं इसका खुलासा हो चुका है. अमेरिका और
रूस-यूक्रेन वॉर जोन से एक बड़ा उलटफेर सामने आया है. यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में कई किलोमीटर अंदर घुसकर जमीनी हमला
शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भागने से बांग्लादेश आर्मी भी संदेह के घेरे में खड़ी दिखाई पड़ रही है. सवाल
बांग्लादेश में गृह युद्ध जैसी स्थिति बनती जा रही है. सेना ने अंतरिम सरकार का गठन जरुर किया है लेकिन अब बांग्लादेश पुलिस
क्या बांग्लादेश की (पूर्व) प्रधानमंत्री शेख हसीना को रूस से नजदीकियां भारी पड़ गई. ये सवाल इसलिए क्योंकि रूस पर लगे प्रतिबंधों के
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता छोड़कर भारत आना, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की एक बड़ी साजिश मानी जा रही है. क्योंकि
बांग्लादेश में अराजकता के पीछे गुस्साए छात्र और कट्टरपंथियों के साथ-साथ विदेशी ताकतों के हाथ होने के सबूत भी सामने आने लगे हैं.
पिछले हफ्ते जम्मू कश्मीर के माछिल सेक्टर में एलओसी पर जिस पाकिस्तानी घुसपैठिए को ढेर किया गया था उसकी पहचान नुमान जियाल्लुह के