यूनुस सरकार ने बांग्लादेश को म्यांमार से जोड़ने के लिए चटगांव-राखिन कॉरिडोर की योजना बनाई है. ये कॉरिडोर बांग्लादेश से म्यांमार में रोहिंग्याओं तक सामान की सप्लाई के लिए बनाया जाना है. आर्मी को कॉन्फिडेंस में लिए बिना अंतरिम सरकार का इतना बड़ा फैसला किया जाना सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां को पसंद नहीं आ रहा है. बांग्लादेशी सेनाध्यक्ष ने इस कॉरिडोर को ‘ब्लडी कॉरिडोर’ बताते हुए कहा है कि इससे बांग्लादेश की सुरक्षा को खतरा होगा.
मोहम्मद यूनुस के विदेशी मामलों सलाहकार तौहीद हुसैन ने सेना को विश्वास में लिए बिना एकतरफा घोषणा कर दी थी कि अंतरिम सरकार ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त राखिन कॉरिडोर पर सहमति व्यक्त की है. कहा ये जा रहा है कि राखिन कॉरिडोर के जरिए अमेरिका अपना उल्लू सीधा कर रहा है ताकि बांग्लादेश पर कंट्रोल किया जा सके.
बांग्लादेश की संप्रभुता के खतरे में नहीं शामिल होगी सेना: आर्मी चीफ
बुधवार को यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को चेतावनी देते हुए आर्मी चीफ वकार-उज-जमां ने कहा, “बांग्लादेश की सेना कभी भी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगी, जो संप्रभुता के लिए हानिकारक हो. न ही किसी को ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी.” आर्मी चीफ ने यूनुस सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि सेना किसी भी तरह के ‘खूनी गलियारे’ को बर्दाश्त नहीं करेगी. देश में जल्द से जल्द चुनाव होने चाहिए और देश का भविष्य एक निर्वाचित सरकार तय करे
सेना देश में हिंसा-अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं करेगी: बांग्लादेशी आर्मी चीफ
आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमां ने अपने अधिकारियों के साथ एक मीटिंग बैठक में साफ कहा है कि सेना अब भीड़ हिंसा या अव्यवस्था को और बर्दाश्त नहीं करेगी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाएगी. बताया जा रहा है कि सेना के अधिकारी आर्मी चीफ के साथ मजबूती से खड़े हैं और जरूरत पड़ने पर उनके आदेशों का पालन करने को तैयार हैं. इससे बांग्लादेश में तख्तापलट की आशंका जताई जा रही है.
पाकिस्तान के इशारे पर थी आर्मी चीफ के तख्तापलट की तैयारी, खुद मुश्किलों में घिरी सरकार
बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार की गिनती अच्छे अफसरों में होती है. जब से शेख हसीना अपदस्थ हुई हैं और सत्ता में यूनुस सरकार आई है, पाकिस्तान से मेलजोल बढ़ गया है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की दखल बढ़ गई है. आईएसआई के अधिकारी बांग्लादेश के तमाम संवेदनशील इलाकों का दौरा कर चुके हैं, जो भारत के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं. लेकिन बिना आर्मी चीफ की इजाजत के पत्ता भी नहीं हिल पा रहा है. ऐसे में आर्मी चीफ वकार के खिलाफ पाकिस्तान परस्त सेना के लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान बगावत की तैयारी की थी. बांग्लादेश के आर्मी चीफ की हर एक मीटिंग और प्लानिंग की जानकारी पाकिस्तान से साझा कर रहे थे. इस खुलासे के बाद बांग्लादेश आर्मी चीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल रहमान को बांग्लादेश की सैन्य खुफिया डीजीएफआई की निगरानी में रख दिया गया था. मौजूदा आर्मी चीफ सख्त है और भारत के साथ अच्छे रिश्ते की पैरवी भी कर चुके हैं. ऐसे में पाकिस्तान चाहता है कि वकार उज जमां का तख्तापलट कर दिया जाए. इसके लिए बाकायदा लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान ने बगावत की प्लानिंग की. लेकिन आर्मी चीफ, पाकिस्तान और अंतरिम सरकार की इस प्लानिंग को जान गए.
भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं आर्मी चीफ वकार उज जमां
बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष जनरल वकार उज जमां ने इस साल की शुरुआत में भारत को महत्वपूर्ण पड़ोसी बताया था. जनरल वकार ने कहा था, “ढाका कई मायनों में दिल्ली पर निर्भर करता है. बांग्लादेश को समानता के आधार पर अच्छे संबंध बनाए रखने होंगे. हमारे संबंध निष्पक्षता पर आधारित होने चाहिए, अगर कोई देश किसी से लाभ प्रदान करता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है. अगर हम अपना लाभ उठाना चाहते हैं तो दोषी भी हम ही हैं. हमें इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए. हमें समानता के आधार पर अच्छे संबंध बनाने चाहिए. हम भारत के खिलाफ नहीं जा सकते.” बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने बेबाकी से कहा था कि “बांग्लादेश ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत के रणनीतिक हितों के खिलाफ हो. भारत और बांग्लादेश दोनों अपने हितों का समान महत्व के साथ ख्याल रखेंगे. यानी जब हम उनके हितों का ध्यान रखेंगे तो वे भी हमारे हितों का समान ध्यान रखेंगे.”