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मुर्शिदाबाद हिंसा का बांग्लादेशी कनेक्शन, गृह मंत्रालय अलर्ट

बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ बिल को लेकर भड़की हिंसा के पीछे क्या बांग्लादेशी हैं, क्या बंगाल में हिंसा के पीछे बांग्लादेश के कट्टरपंथी हैं, क्या ये हिंसा सिर्फ वक्फ के खिलाफ है, या कोई है जो बंगाल के जरिए भारत में अशांति और अराजकता फैलाना चाह रहा है. ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि मुर्शिदाबाद, बांग्लादेश सीमा के बेहद करीब स्थित है.

मुर्शिदाबाद में हालात तनावपूर्ण हैं. शुक्रवार को भड़की हिंसा पर काबू नहीं पाया जा सकता है. लोगों ने आगजनी, तोड़फोड़ और पत्थरबाजी की, जिसके चलते बीएसएफ के जवानों को भी सड़कों पर उतारा गया है.  

हिंसा के पीछ पीएफआई, सिमी और अंसारुल बांग्ला टीम जैसे उग्रवादी संगठन हैं: शुभेन्दु अधिकारी

वक्फ बिल के विरोध प्रदर्शन में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है तो वो है मुर्शिदाबाद का. मुर्शिदाबाद में सरकारी संपत्ति की तोड़फोड़ और आगजनी की गई है. अशांति राज्य के बाकी हिस्सों में भी फैल रही है. बंगाल में हिंसा में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है, जबकि पुलिसकर्मियों समेत 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

बीजेपी नेता और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी कहा है कि “पूरा मुर्शिदाबाद जिला अब सांसदों और विधायकों के नियंत्रण में नहीं है, बल्कि मालदा और मुर्शिदाबाद में कट्टरपंथी समूह पीएफआई, सिमी और अंसारुल बांग्ला टीम जैसे उग्रवादी संगठनों के नियंत्रण में है.  यह विरोध का काम नहीं था, बल्कि इस हिंसा को पूर्वनियोजित तरीके से तैयार किया गया था. जिहादी ताकतों का लोकतंत्र और शासन पर हमला था. ये अपने प्रभुत्व का दावा करने और हमारे समाज के दूसरे समुदायों में डर फैलाने के लिए अराजकता फैलाना चाहते हैं.”

हिंसा फैलाने वाले लोग प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे, स्थानीय लोगों का दावा

मुर्शिदाबाद में दूसरे राज्यों की तरह ही वक्फ बिल के खिलाफ जुलूस और प्रदर्शन किया गया. लेकिन शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद अचानक से हिंसा भड़क गई. पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की जाने लगी, संस्थानों में आगजनी की गई, ट्रेनों पर पत्थरबाजी की गई, जिसके चलते कई ट्रेनों को डायवर्ट तक करना पड़ा. हिंसाग्रस्त मुर्शिदाबाद के कुछ स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिन लोगों ने हिंसा भड़काई वो प्रदर्शन में शामिल नहीं थे. पुलिस जांच कर रही है, उन लोगों की तस्वीरें सीसीटीवी और वीडियो से निकाले जा रहे हैं जिन्होंने हिंसा भड़काई थी. स्थानीय लोगों ने वीडियो में शामिल लोगों को पहचानने से इनकार कर दिया है. जिससे इस थ्योरी को बल मिल रहा है कि इसके पीछे बांग्लादेश का हाथ हो सकता है. क्योंकि बांग्लादेश के कट्टरपंथी तो इसी ताक में बैठे हैं कि भारत को कैसे नुकसान पहुंचाया जाए. 

केंद्रीय गृह सचिव ने की डीजीपी और मुख्य सचिव से बात, हाईकोर्ट ने केंद्रीय सुरक्षाबलों के तैनाती के आदेश दिए

केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य प्रशासन को अन्य संवेदनशील जिलों पर भी कड़ी नजर रखने और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने की सलाह दी. केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि केंद्र भी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और राज्य को जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जाएगी. वहीं वक्फ बिल के विरोध में हिंसा के मद्देनजर कलकत्ता हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने मुर्शिदाबाद के अशांत क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा,  मुर्शिदाबाद में जो कुछ हो रहा है, अदालत उस पर आंखें मूंद नहीं सकती. हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य दोनों से ही 18 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी है.

मुर्शिदाबाद बांग्लादेश में बीएसएफ की तैनाती, बांग्लादेश के करीब है हिंसाग्रस्त इलाका 

प्रशासन के अनुरोध के बाद बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी बीएसएफ के जवानों को भेजा गया. बताया जा रहा है कि लगभग 300 बीएसएफ जवानों ने हालात संभालने की कोशिश की. बीएसएफ के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक कुल 2 कंपनियों को हालात संभालने के लिए मुर्शिदाबाद में संवेदनशील जगहों पर भेजा गया. मुर्शिदाबाद अंतर्राष्ट्रीय सीमा (बांग्लादेश) के करीब है. यह इलाका अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में आता है, जहां बीएसएफ की अधिकारिता लागू होती है. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में बीएसएफ एक्ट 1968 में संशोधन कर बीएसएफ की अधिकारिता को सीमा से 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक बढ़ा दिया था. जिसे लेकर भी विरोध किया गया था. ये क्षेत्र बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आते हैं क्योंकि मुर्शिदाबाद अंतर्राष्ट्रीय सीमा से तकरीबन 42 किलोमीटर दूर है.

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