बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद पहली बार थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बांग्लादेशी सेना प्रमुख से बात की है. दोनों पड़ोसी देशों के सेना प्रमुखों ने वर्चयुली वार्ता की और ‘आपसी हितों’ से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.
भारतीय सेना के मुताबिक, बांग्लादेशी सेना प्रमुख वकार उज जमान के साथ थलसेनाध्यक्ष ने दोनों देशों के बीच ‘रक्षा सहयोग’ पर भी बात की.
इसी साल 5 अगस्त को हिंसा और अराजकता के चलते जनरल जमान के कहने पर बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भारत आना पड़ा था. जनरल जमान के कहने पर ही नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बांग्लादेश मे अंतरिम सरकार बनाई गई थी.
हाल में ऐसी खबरें भी सामने आई थी कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार जनरल जमान से नाराज हो गई है. इसका कारण ये था कि देश छोड़ने से पहले शेख हसीना ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं दिया था. ऐसे में बांग्लादेश में राजनीतिक संकट आ सकता है.
शेख हसीना के हटने के बाद से बांग्लादेश ने भारत को छोड़कर पाकिस्तान से नजदीकियां बढ़ाने शुरू कर दी हैं. पाकिस्तान ने बांग्लादेश को आरडीएक्स और दूसरा गोला-बारूद सप्लाई करना शुरू कर दिया है. यूनुस ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात की है.
ऐसे में जनरल जमान की भारतीय सेना के प्रमुख से वार्ता बेहद अहम हो जाती है. खास बात ये है कि जनरल द्विवेदी ने साउथ ब्लॉक के जिस हॉल में बैठकर जनरल जमान से वर्चूयली चर्चा की, उसके बैकग्राउंड में 1971 युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के भारतीय सेना के सामने सरेंडर करने की एक बड़ी तस्वीर लगी थी.
1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हराकर भारत ने नए राष्ट्र बांग्लादेश का निर्माण किया था. शेख हसीना के कार्यकाल (2009-अगस्त 2024) के दौरान भारत और बांग्लादेश के संबंध बेहद प्रगाढ़ थे.
अंतरिम सरकार के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुओं पर हुए अत्याचार को लेकर चिंता जताई है.
उधर, मंगलवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के नौसेना प्रमुखों से भी वर्चुयल कांफ्रेंस की. इस सम्मेलन में बांग्लादेश के अस्सिटेंट नेवल चीफ ने भी शिरकत की थी.