पाकिस्तान की ही राह पर चल चुका है बांग्लादेश. हम ये यूं ही नहीं कह रहे, बल्कि पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा में जो खुलासा हुआ है, वो चौंकाने वाला है. जांच एजेंसी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को बताया कि बंगाल में वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा की शुरुआती जांच में ढाका के उपद्रवियों की संलिप्तता पाई गई है. बांग्लादेशी कट्टरपंथियों ने ही मुर्शिदाबाद और 24 परगना के इलाके में हिंसा भड़काई और हिंसा फैलाई है. बांग्लादेश बॉर्डर के बेहद करीब है मुर्शिदाबाद, लिहाजा घुसपैठियों ने एक साजिश के तहत ही हिंसा भड़का कर अराजकता फैलाई है.
बांग्लादेश में 3 महीने से चल रही थी हिंसा फैलाने की साजिश
आशंका है कि इस हिंसा के पीछे बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन अंसार उल बांग्ला टीम (एबीटी) का हाथ है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे इलाकों में एबीटी के स्लीपर सेल सक्रिय हैं, जो लंबे समय से इस घटना की योजना बना रहे थे. पिछले 3 महीनों से इलाके के लोग इस घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे. इन उपद्रवियों को विदेश से फंडिंग भी मिली थी. केंद्रीय जांच एजेंसियों ने जांच में जो बताया है, उसके मुताबिक बांग्लादेशी उपद्रवियों ने रामनवमी पर हिंसा फैलाने की साजिश की थी, लेकिन सख्त सुरक्षा के बीच वो नाकाम रहे, लेकिन संशोधिक वक्फ कानून के खिलाफ बांग्लादेश में आयोजित प्रदर्शनों के दौरान बांग्लादेशी बदमाशों को ये मौका मिल गया.
बंगाल के 4 जिलों में हिंसा भड़काने की साजिश रची गई
प्रारंभिक जांच में जांच एजेंसियों को ये पता चला है कि कई डिजिटल और वित्तीय ट्रांजैक्शंस के जरिए बांग्लादेशी उपद्रवियों को स्पॉन्सर किया गया. हिंसा के लिए विदेशों से पैसे भेजे गए. सबूत मिले हैं जो संकेत देते हैं कि हिंसा को अंजाम देने के लिए विदेशी स्रोतों से पैसे भेजे गए. इन पैसों का इस्तेमाल भीड़ जुटाने, सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज फैलाने में किया गया.एजेंसियों को यह भी आशंका है कि मुर्शिदाबाद के अलावा, नदिया, मालदा, उत्तर 24 परगना और कूचबिहार जैसे सीमावर्ती जिलों में भी हिंसा फैलाने की साजिश रची जा रही है. जांच के बाद केंद्रीय एजेंसियों को हाईअलर्ट पर रखा गया है.
हिंसा के पीछे आईएसआई और बांग्लादेशी आतंकी और कट्टरपंथी?
बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों ने बीएसएफ को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों से शुरू हुई. ये हिंसा बांग्लादेश स्थित चरमपंथी समूह जमात-ए-इस्लामी से प्रभावित थी. बीएसएफ का मानना है कि ये प्रदर्शन खुद से नहीं किया गया था, बल्कि बाहरी तत्वों की ओर से भड़काया गया था. ये हिंसा जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) जैसे चरमपंथी संगठन है. कुछ दिनों पहले ऐसा अलर्ट भी जारी किया गया था कि जेएमबी और एबीटी, आईएसआई के साथ मिलकर कुछ बड़ा प्लान कर रहे हैं और सीमा पर सक्रिय हैं.
हिंसाग्रस्त इलाकों में बीएसएफ और सीआरपीएफ ने संभाला मोर्चा
हिंसा के बाद जंगीपुर, धुलियान, सुती और शमशेरगंज जैसे संवेदनशील इलाकों में बीएसएफ, सीआरपीएफ, राज्य सशस्त्र पुलिस और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं. गनीमत है कि पिछले 48 घंटों में कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई है. धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. अबतक 180 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.