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Biden नहीं होंगे गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल, भारत अमेरिका के संबंध एक बार फिर दोराहे पर

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले का असर अब सीधे तौर से भारत और अमेरिका के संबंधों पर पड़ता हुआ दिखने लगा है. अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अगले महीने राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाले सालाना गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है. साथ ही अमेरिका ने दिल्ली में होने वाली क्वाड समूह की मीटिंग को भी अगले साल के अंत में करने का आग्रह किया है. भारत जनवरी के आखिरी हफ्ते में ही क्वाड सम्मेलन को आयोजित करने का इच्छुक था. 

हालांकि, अमेरिका की तरफ से बाइडेन के भारत में आने को लेकर कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया गया है लेकिन माना जा रहा है कि इसका कनेक्शन पन्नू की हत्या की साजिश से जुड़ा है. बाइडेन ने 26 जनवरी के कार्यक्रम में ना आने की जानकारी ऐसे समय में दी है जब एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रेय इनदिनों भारत के दौरे पर हैं. 

इसी साल सितंबर के महीने में जब बाइडेन जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने दिल्ली आए थे तब भारत ने उन्हें गणतंत्र दिवस समारोह (26 जनवरी 2024) में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने का निमंत्रण दिया था. खुद अमेरिका के राजदूत ने बाद में बाइडेन के भारत आने की पुष्टि भी की थी. लेकिन अब बाइडेन ने गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने से इंकार कर दिया है. 

बाइडेन के गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने के चलते ही भारत ने क्वाड समूह की अहम बैठक भी जनवरी के आखिरी हफ्ते में करने की पेशकश की थी. क्योंकि आस्ट्रेलिया और जापान के अलावा भारत और अमेरिका, दोनों ही क्वाड समूह का हिस्सा हैं. जानकारी के मुताबिक, अमेरिका ने क्वाड समूह के शीर्ष नेताओं की मीटिंग को 2024 के अंत में करने का आग्रह किया है. लेकिन अब क्वाड की मीटिंग को टालने के साथ-साथ भारत को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए किसी दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रित करना होगा. ऐसे में जापान या  फिर आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से अभी तक इस पर साफ तौर से कोई जानकारी नहीं दी गई है. जनवरी के महीने में अमेरिका में राष्ट्रपति बाइडेन का स्टेट ऑफ द यूनियन अभिभाषण हैं. ऐसे में अमेरिका उसका बहाना बना सकता है. लेकिन पन्नू के मामले के बाद से दोनों देशों के संबंधों में खटास आई है. 

पिछले महीने ही अमेरिका ने चेक गणराज्य से भारतीय मूल के एक नागरिक निखिल गुप्ता को खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए एक भाड़े के हत्यारे को खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया था. अमेरिका की पुलिस के मुताबिक, निखिल गुप्ता ने जिस भाड़े के हत्यारे को पैसे देकर खरीदने की कोशिश की थी वो दरअसल, अमेरिका का एक ही अंडरकवर एजेंट था. अमेरिकी पुलिस ने इस मामले में भारत के एक सरकारी अधिकारी को भी आरोपी बनाया है. 

गौरतलब है कि इन दिनों अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी, एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) के डायरेक्टर भी भारत आए हुए हैं. भारत में उनके आने का मकसद भारत की दो सबसे बड़ी जांच एजेंसी, एनआईए और सीबीआई के डायरेक्टर के साथ वार्ता करना है. एनआईए के मुताबिक, एफबीआई चीफ के साथ बैठक में सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य-दूतावास पर खालिस्तानी आतंकियों के हमले को लेकर विस्तृत चर्चा हुई है. हालांकि, एनआईए की तरफ से पन्नू मामले के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है. लेकिन माना जा रहा है कि आतंकवाद (खालिस्तान और इस्लामिक आतंकवाद) पर गहन चर्चा की गई है. 

आपको बता दें कि हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका का दौरा कर बाइडेन से मुलाकात की थी जिसके बाद दोनों प्रतिद्वंद्वी देशों के संबंध एक बार फिर से पटरी पर आते दिखाई पड़ रहे हैं. अमेरिका दौरे के दौरान जिनपिंग ने ताइवान पर आक्रमण से इंकार कर दिया था. जिसके बाद बाइडेन ने चीन को एक जिम्मेदार-देश के तौर पर संबोधित किया था. यही वजह है कि बाइडेन क्वाड समूह की मीटिंग को भी टाल रहे हैं. क्योंकि क्वाड को लेकर चीन अपनी नाराजगी पहले ही जारी कर चुका है और इससे इंडो-पैसिफिक नाटो (मिलिट्री गठजोड़) का नाम दे चुका है. 

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