सोमवार से बेंगलुरु के येलहंका बेस पर शुरू हो रही एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस प्रदर्शनी, ‘एयरो इंडिया 2025’ में देश-विदेश की कुल 900 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. इनमें से 150 विदेशी कंपनियां हैं. साथ ही 30 देशों के रक्षा मंत्रियों सहित कुल 78 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.
एयरो इंडिया-2025, भारत के एयरोस्पेस प्रदर्शनी का 15वां संस्करण है, जिसे दो साल में एक बार बेंगलुरु में आयोजित किया जाता है. इसे ऐतिहासिक संस्करण के रूप में डिजाइन किया गया है जिसे विमान निर्माण तकनीक, अंतरिक्ष (एयरोस्पेस) और रक्षा प्रौद्योगिकी में नए क्षेत्रों को दर्शाते हुए अपने पूर्ववर्तियों की सफलता का लाभ मिलता है.
एयरो इंडिया 2025 का आयोजन 10 से 14 फरवरी तक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के येलहंका एयर फ़ोर्स स्टेशन में किया जा रहा है. शो के पहले तीन दिन व्यावसायिक आगंतुकों के लिए समर्पित हैं, जबकि अंतिम दो दिन आम जनता के लिए खुले हैं. ये प्रदर्शनी करीब 42 हजार स्क्वायर मीटर के एरिया में आयोजित की जा रही है. (https://x.com/AeroIndiashow/status/1877698618540626162)
पांच दिवसीय एयर शो में एक उद्घाटन समारोह, रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन, सीईओ गोलमेज सम्मेलन, आईडेक्स स्टार्ट-अप कार्यक्रम, शानदार एयर शो और भारतीय मंडप सहित एक विशाल प्रदर्शनी क्षेत्र तथा विमान निर्माण कंपनियों का एक व्यापार मेला शामिल है.
एयरो शो का मुख्य आकर्षण रोजाना येलहंका बेस पर आयोजित हवाई प्रदर्शनी है जिसमें देश-विदेश के लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे. भारत के स्वदेशी एलसीए तेजस का एडवांस वर्जन एलसीए-मार्क 1ए पहली बार एयर शो में हिस्सा लेगा. भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे. (AeroIndia: एलसीए मार्क-1ए का होगा आगाज, बाधाओं के बावजूद तैयार)
दुनियाभर की निगाहें हालांकि, रूस और अमेरिका के स्टील्थ फाइटर जेट पर लगी है, जो पहली बार एक साथ किसी एयर शो में हिस्सा ले रहे हैं. रूस का सु-57 बेंगलुरु पहुंचा है तो अमेरिका का एफ-35 फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट हिस्सा लेगा. (सु-57 Vs एफ-35, एयरो-इंडिया में दुनिया की सबसे बड़ी ‘डॉग फाइट’)