भारत और अमेरिका अगले 10 साल के डिफेंस फेमवर्क के लिए तैयार हुए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के बीच हुई बातचीत को लेकर पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) ने जारी किया है बयान. पेंटागन की ओर से कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए 10 साल के नए समझौते पर सहमति जताई गई है.
वॉशिंगटन में जयशंकर और पीट हेगसेथ की भी मीटिंग हुई है, जिसमें दोनों ने इस फ्रेमवर्क पर अगली उच्चस्तरीय बैठक में हस्ताक्षर करने की पुष्टि की है.
भारत-अमेरिका के बीच ये सैन्य सहयोग बढ़ाने पर बातचीत ऐेसे वक्त में हुई है जब डोनाल्ड ट्रंप के ऊलजलूल बयानों पर भारत की प्रतिक्रिया से दोनों देशों में थोड़ी तल्खी आई थी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का फर्जी क्रेडिट लिए जाने का भारत ने विरोध करते हुए गलत बताया था.
अगली बैठक में राजनाथ-हेगसेथ करेंगे 10 साल की सैन्य साझेदारी पर हस्ताक्षर:पेंटागन
राजनाथ सिंह और पीट हेगसेथ के बीच बड़ी सहमति बनी है. भारत और अमेरिका के बीच सैन्य और रणनीतिक साझेदारी के विस्तार को लेकर अहम बातचीत हुई है. मंगलवार को राजनाथ सिंह और पीट हेगसेथ के बीच फोन पर बात हुई थी. दोनों नेताओं ने दस साल के रक्षा समझौते पर सहमति जताई है. पेंटागन की ओर से ऐसे वक्त में बयान जारी किया गया है, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर और पीट हेगसेथ के बीच द्विपक्षीय बैठक भी की गई है.
पेंटागन ने कहा है कि “यह समझौता दोनों नेताओं की फोन पर हुई बातचीत के बाद तय हुआ है और इसे इस साल होने वाली अगली मुलाकात में साइन किया जाएगा.”
तेजस विमान के इंजन की डिलीवरी तेज करने की डिमांड
पेंटागन की ओर से कहा गया कि “राजनाथ सिंह ने पीट हेगसेश से तेजस लड़ाकू विमान में इस्तेमाल होने वाले इंजन जीई एफ 404 की डिलीवरी में तेजी लाने को कहा है. बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिका की जीई कंपनी और भारत की एचएएल के बीच एफ 414 इंजन के संयुक्त निर्माण को लेकर समझौते को भी जल्दी पूरा करने की बात कही है.”
आपको बता दें कि अमेरिकी इंजन की डिलीवरी के कारण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भारतीय वायुसेना को तेजस मार्क-1ए विमान तय समय पर नहीं दे पाया है.
तेजस के इंजन की डिलीवरी में इसलिए हुई थी देरी
एचएएल ने वर्ष 2021 में जीई कंपनी से 99 एफ-404 इंजन का करार किया था. इस सौदे की कीमत 5375 करोड़ थी. 2023 से कंपनी को इंजन की सप्लाई करनी थी. लेकिन रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध के चलते ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित होने और फिर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश के चलते भारत-अमेरिका संबंधों में आई खटास के चलते, इंजन की सप्लाई में देरी हो गई थी.
दो साल के इंतजार के बाद ट्रंप प्रशासन की वापसी के बाद, अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस ने स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के मार्क-1ए वर्जन के लिए पहले एविएशन इंजन (एफ 404-आईएन 20) की डिलीवरी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को कर दी है. जीई कंपनी, हर साल 11 इंजन की सप्लाई करने के लिए तैयार है. ऐसे में एचएएल, इस साल (2025) के आखिर तक भारतीय वायुसेना को एलसीए-मार्क-1ए फाइटर जेट की सप्लाई शुरु कर सकता है.
पीएम मोदी- ट्रंप के रक्षा लक्ष्यों की प्रगति पर हुई चर्चा:पेंटागन
पेंटागन ने अपने बयान में कहा, “राजनाथ सिंह और पीट हेगसेथ दोनों नेताओं ने फरवरी 2025 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तय किए गए रक्षा लक्ष्यों की प्रगति की भी समीक्षा की. साथ ही इस सहयोग को और मजबूत करने की योजना पर भी बात की. अमेरिका भारत को दक्षिण एशिया में अपना सबसे अहम रक्षा साझेदार मानता है. दोनों देशों ने रक्षा उपकरणों की बिक्री, रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग, और लॉजिस्टिक्स, प्रशिक्षण व संयुक्त सैन्य अभ्यास को बढ़ाने पर बातचीत की.”
वॉशिंगटन में जयशंकर-हेगसेथ की मुलाकात, इंडो पैसिफिक में चीन को लेकर चर्चा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को वॉशिंगटन स्थित पेंटागन में अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से मुलाकात की. दोनों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा चुनौतियों से मिलकर निपटने पर चर्चा की गई है.
इस द्विपक्षीय बैठक में अमेरिकी रक्षा मंत्री हेगसेथ ने कहा कि “भारत और अमेरिका दोनों इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा चिंताओं को जानते हैं और मिलकर इन खतरों से निपटने की क्षमता रखते हैं. अमेरिका, भारत को जरूरी तकनीक और रक्षा उपकरण उपलब्ध कराने को तैयार है ताकि भारत क्षेत्रीय खतरों का सामना कर सके.”
हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका भारत को अपने प्रमुख रक्षा साझेदारों में से एक मानता है. हेगसेथ ने भारत को बड़े और लंबित रक्षा सौदे जल्द पूरे किए जाने पर सहमति जताई, दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योगों में सहयोग और संयुक्त उत्पादन पर भी बातचीत की गई.
जयशंकर और हेगसेथ ने मिलकर अगले 10 वर्षों के लिए एक नई रक्षा रूपरेखा पर हस्ताक्षर करने की योजना पर सहमति जताई है. यह समझौता इस साल होने वाली अगली उच्चस्तरीय मुलाकात में किया जाएगा. इसके साथ ही हेगसेथ और जयशंकर ने अगली इंडस-एक्स रक्षा तकनीक सम्मेलन में भागीदारी की पुष्टि की.