अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक बड़ा धमाका हुआ है. इस धमाके में तालिबान के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा खलील रहमान हक्कानी समेत 12 लोगों की मौत हो गई है. बुधवार को ये धमाका शरणार्थी मंत्रालय के परिसर में हुआ था. खलील हक्कानी, तालिबान सरकार में शरणार्थी मंत्री थे.
काबुल में ये धमाका ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले ही रूस ने तालिबान को आतंकी संगठनों की लिस्ट से बाहर किया है.
तालिबान के मंत्री हक्कानी की धमाके में मौत
तालिबान के शरणार्थी मंत्रालय में तेज धमाके के बाद अफरातफरी मच गई. ये धमाका ठीक उस वक्त हुआ जब प्रवासन मंत्री खलील रहमान हक्कानी खोस्त से आए लोगों के समूह की मेजबानी कर रहे थे. धमाके में मंत्री के अलावा उनके तीन बॉडीगार्ड्स की भी मौत हो गई. धमाके के बाद अफगानिस्तान में बाकी जगहों और मंत्रालयों में हाईअलर्ट है.
धमाके के पीछे कौन,आत्मघाती हमले का शक !
काबुल के मंत्रालय के धमाके को आत्मघाती हमला माना जा रहा है.पर धमाके के पीछे कौन था, ये जानकारी अबतक सामने नहीं आई है. धमाके के बाद मंत्रालय में मौजूद लोग इधर उधर भागते नजर आए तो वहीं मंत्री का मारा जाना तालिबान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. खलील हक्कानी तालिबान के शीर्ष नेताओं में से एक थे.
धमाके में मंत्री को ही मारने की थी साजिश
माना जा रहा कि काबुल में जो धमाका हुआ है वो एक टारगेटेड अटैक था. धमाके में हमलावर मंत्री को ही मारना चाहते थे. अभी तक धमाके की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है पर इससे पीछे आईएसआईएस का हाथ हो सकता है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में तालिबान और आईएस आतंकियों में संघर्ष चल रहा है.
धमाके पर तालिबान ने क्या कहा?
तालिबान सरकार ने मंत्रालय में हुए धमाके की निंदा की है. तालिबान सरकार ने कहा है कि धमाके का उद्देश्य उनके नेतृत्व को अस्थिर कराना था.
खलील उर रहमान के बारे में जानिए
धमाके के मारे गए मंत्री खलील उर रहमान हक्कानी, हक्कानी नेटवर्क (संगठन) के प्रमुख जलालुद्दीन हक्कानी के भाई और तालिबान के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा हैं. वैश्विक आतंकी होने के साथ-साथ खलील उर रहमान हक्कानी के अल कायदा से भी करीबी संबंध माने जाते हैं. तालिबान की सरकार बनने से पहले खलील हक्कानी नेटवर्क के लिए फंड जुटाने का काम करता था और कमांडर के तौर पर भी काम कर चुके हैं.
तालिबानी सत्ता आने से पहले कुछ रिपोर्ट्स ये दावा किया गया था कि खलील ने पाकिस्तान, चीन, सऊदी अरब से हक्कानी नेटवर्क के लिए पैसे इकट्ठा किया था. बाद में खलील को अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता वापसी के बाद शरणार्थियों के कार्यवाहक मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया था.