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मिलिट्री-डिप्लोमेसी में भारत की बड़ी जीत !

INS Karanj submarine at Colombo port.

श्रीलंका ने चीन की नौसेना को तो एक पूरे एक साल के लिए बैन कर दिया है लेकिन भारत की पनडुब्बी इन दिनों कोलंबो पोर्ट में है. श्रीलंका के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय नौसेना की सबसे आधुनिक पनडुब्बियों में से एक आईएनएस करंज की मौजूदगी भारत के लिए मिलिट्री-डिप्लोमेसी में एक बड़ी जीत मानी जा रही है. ये ऐसा समय में हुआ है जब हिंद महासागर का दूसरा पड़ोसी देश मालदीव, चीन के करीब जा रहा है और भारत से संबंध तल्ख हो रहे हैं. 

कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने तस्वीर साझा करते हुए बताया कि श्रीलंकाई नौसेना ने आईएनएस करंज का स्वागत किया है. ऑपरेशन्ल टर्न-अराउंड के लिए आईएनएस करंज का ये पहला विदेशी पोर्ट कॉल था. श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त ने खुद आईएनएस करंज पहुंचकर क्रू से मुलाकात की थी. श्रीलंकाई नौसेना के 100 नौसैनिकों ने भी करंज का दौरा कर पनडुब्बी के बारे में जानकारी हासिल की. 

4 फरवरी यानी रविवार को श्रीलंका का 76 वां स्वतंत्रता दिवस था. इस मौके पर भारत ने अपनी स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन को कोलंबो भेजकर स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लिया. फ्रांस की मदद से तैयार की गई स्वदेशी कलवरी क्लास सबमरीन आईएनएस करंज वर्ष 2021 में भारतीय नौसेना की जंगी बेड़े में शामिल हुई थी. मुंबई स्थित मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा बनाई गई छह स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन में आईएनएस करंज तीसरे नंबर पर थी. 

खास बात ये है कि जब आईएनएस करंज कोलंबो पोर्ट में थी तब चीन का ओसियन रिसर्च (जासूसी) जहाज शियांग यांग हॉन्ग-03 मालदीव के रास्ते में था. दोनों के बीच मात्र 250 नॉटिकल मील की दूरी थी. मालदीव में मोहम्मद मुइज्जु के नेतृत्व में बनी नई सरकार चीन की पिछलग्गू मानी जाती है. यही वजह है कि मुइज्जु ने मालदीव में तैनात भारतीय नौसैनिक और क्रू स्टाफ को वापस बुलाने का दबाव डाला है. ये क्रू मालदीव में तैनात तीन भारतीय हेलीकॉप्टर पर तैनात रहता है. पिछले हफ्ते राजधानी दिल्ली में हुई दोनों देशों की एक उच्च स्तरीय बैठक में इस बात का फैसला लिया गया कि 10 मार्च तक एक हेलीकॉप्टर पर तैनात सैन्यकर्मियों को बदल दिया जाएगा. बाकी दो हेलीकॉप्टर का स्टाफ भी 10 मई तक बदल दिया जाएगा. हालांकि, ये साफ नहीं है कि अब इन सैन्यकर्मियों की जगह दूसरे मिलिट्री-क्रू तैनात किया जाएगा या फिर सिविलियन. 

पिछले साल तक चीन की जासूसी जहाज लगातार श्रीलंका पहुंचते थे और बंगाल की खाड़ी में भारत द्वारा किए जाने वाली मिसाइल परीक्षणों की जानकारियां इकठ्ठा करते थे. लेकिन भारत के ऐतराज जताने के बाद श्रीलंका ने एक साल तक के लिए चीन के सभी तरह के युद्धपोत और पनडुब्बियों को अपने देश में आने पर रोक लगा दी है. ऐसे में आईएनएस करंज का कोलंबो पोर्ट पहुंचना भारत की एक राजनयिक जीत के तौर पर देखी जा सकती है. 

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