दुनिया की बड़ी एविएशन कंपनी बोइंग की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. बोइंग (डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी) के सीईओ टेड कॉलबर्ट को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है. पिछले 15 सालों से बोइंग-डिफेंस में कार्यरत कॉलबर्ट के छोड़ने का कारण नहीं बताया गया है लेकिन माना जा रहा है कि कंपनी ने खराब प्रदर्शन के चलते उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया है.
बोइंग कंपनी के राजस्व में डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा रहता है. लेकिन पिछले कुछ समय से एयरक्राफ्ट के प्रोडक्शन और विमानों की लागत ज्यादा होने के चलते कंपनी मुश्किल में थी. ऐसे में पिछले दो सालों से बोइंग डिफेंस के सीईओ कॉलबर्ट को कंपनी ने इस्तीफा देने के लिए बाध्य कर दिया.
अमेरिकी राष्ट्रपति (व्हाइट हाउस) के लिए बोइंग-747 को ‘एयर फोर्स वन’ में तब्दील करने को लेकर भी कुछ साल पहले बड़ा विवाद हुआ था.
वर्ष 2019-20 में इंडोनेशिया और इथोपिया में हुए क्रैश के चलते बोइंग कंपनी को अपने 737 मैक्स एयरक्राफ्ट को दुनियाभर में ग्राउंड करना पड़ गया था. इसी साल जनवरी में अलास्का की एक फ्लाइट में डोर निकलने का मामला भी सामने आया था.
कंपनी पर छह बिलियन डॉलर का कर्ज भी है. इसके अलावा कंपनी की खामियों को उजागर करने वाले ‘व्हिसलब्लोअर’ (कर्मचारियों) की संदिग्ध मौत को लेकर भी बोइंग चर्चा में रहती है. (बोइंग के whistle-blower की संदिग्ध मौत !)
इसी साल जून में बोइंग का ‘स्टारलाइनर’ स्पेस (अंतरिक्ष) से नासा के एस्ट्रोनॉट्स को वापस लाने में असफल रहा था. ऐसे में पिछले महीने, ‘स्पेसएक्स’ के क्रू-9 व्हीकल को अंतरिक्ष में इस काम के लिए लगाया गया था.
बोइंग का हाल ही में ब्राजील की बड़ी एविएशन कंपनी एम्ब्रेयर से भी विवाद रहा है. ब्राजील की एविएशन इंडस्ट्री ने अदालत में केस दर्ज किया है कि बोइंग कंपनी एम्ब्रेयर से बेहतरीन इंजीनियर्स और टेक्नीशियन को अपनी कंपनी में ले जाने की साजिश रच रही है.
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