अगले सप्ताह कज़ान में होने वाली ब्रिक्स बैठक से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की एक बार फिर सराहना की है. पुतिन ने पश्चिमी देशों को भारत का उदाहरण देकर बड़ा बयान दिया है. पुतिन ने कहा है कि ब्रिक्स ‘पश्चिम विरोधी’ नहीं, बल्कि सिर्फ एक ‘गैर-पश्चिमी’ ग्रुप है.
पुतिन ने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रिक्स का अहम सदस्य भारत भी यही सोचता है. भारत पश्चिम या यूरोप विरोधी नहीं है.
वेस्ट विरोधी नहीं है ब्रिक्स: पुतिन
रूस के कज़ान में 22-22 अक्टूबर को ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन किया गया है. जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी समेत अन्य सदस्य हिस्सा ले रहे हैं. ब्रिक्स बैठक से पहले पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एस जयशंकर के उस बयान को दोहराया है कि ब्रिक्स ‘पश्चिम विरोधी’ नहीं है. यह सिर्फ एक ‘गैर-पश्चिम’ समूह है.
पुतिन ने कहा, ये समझना जरूरी है कि ब्रिक्स कोई पश्चिम विरोधी नहीं है. पर इस ग्रुप में कोई पश्चिमी देश शामिल नहीं है. ब्रिक्स का उद्देश्य कभी किसी के खिलाफ होना नहीं है. (https://x.com/ANI/status/1847274766979473708)
रूस-यूक्रेन युद्ध में हम भारत की सराहना करते हैं- पुतिन
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने यूक्रेन के साथ लड़े जा रहे युद्ध का और युद्ध शांति की कोशिशों का भी जिक्र किया. व्लादिमीर पुतिन ने कहा, पीएम मोदी हमेशा जब बातचीत करते हैं तो हर बार युद्ध के मुद्दे को उठाते हैं और अपनी सलाह देते हैं. इसके लिए हम पीएम मोदी के आभारी हैं. रूस इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीकों से समाप्त करने में रुचि रखता है. मगर यह हम नहीं थे, जिन्होंने इस पर बातचीत रोकी थी, बल्कि यह यूक्रेनी पक्ष था जो शांति नहीं चाहता है.
सहयोगियों की मदद कर 15 साल पीछे गया अमेरिका: पुतिन
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने अमेरिका पर जमकर निशाना साधा है साथ अमेरिका पर चीन के विकास रोकने का भी आरोप लगाया है. पुतिन ने कहा, अमेरिका ने लगातार प्रतिबंध लगाकर रूस के साथ अपने रिश्ते खराब कर लिए हैं. और प्रतिबंध लगाने का अमेरिका पर बुरा प्रभाव पड़ा है क्योंकि पूरी दुनिया ये सोच रही है कि क्या अमेरिका का डॉलर इस्तेमाल करने लायक है. अमेरिका 15 साल पीछे चला गया है क्योंकि उसके पारंपरिक सहयोगियों ने भी अपना डॉलर भंडार कम कर दिया है. चीन का विकास रोका जा रहा है पर ये ऐसा है जैसा की सूरज को कहा जा रहा है कि उगना बंद कर दे. पर ऐसा नहीं होगा.
ब्रिक्स में शामिल होने के लिए बिलबिला रहा पाकिस्तान
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका से शुरू हुए इस संगठन में अब कुल 10 सदस्य देश शामिल हो गए हैं. अब मिस्र, सऊदी अरब, ईरान, यूएई और इथियोपिया भी ब्रिक्स के सदस्य देश हैं. रूस ने ब्रिक्स सम्मेलन में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति महमूद अब्बास को भी आमंत्रित किया है. ब्रिक्स की ताकत देखते हुए समूह में शामिल होने के लिए देशों में होड़ मच गई है. ब्रिक्स में शामिल होने के लिए पाकिस्तान भी बिलबिला रहा है. तकरीबन 34 देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए अप्लाई किया है, जिसमें पाकिस्तान, तुर्की, अजरबैजान और म्यांमार, बेलारूस, बांग्लादेश जैसे देश शामिल है. (West को चिढ़ाने आ गया BRICS समिट, रूस में 24 राष्ट्राध्यक्षों का जमावड़ा)