जासूसी के आरोप में रशिया ने मॉस्को में तैनात एक ब्रिटिश डिप्लोमेट को देश से निकाल दिया है. विल्कस एडवर्ड प्रयोर नाम का ये डिप्लोमेट यूके एंबेसी की पॉलिटिकल डिपार्टमेंट में सेकंड-सेक्रेटरी के पद पर तैनात था.
रूसी सिक्योरिटी एजेंसी एफएसबी का आरोप है कि ब्रिटिश डिप्लोमेट की इंटेलिजेंस और सबर्विसव (विध्वंस) गतिविधियों से रूस की सुरक्षा को खतरा हो रहा था.
फेडरल सिक्योरिटी ब्यूरो (एफएसबी) के मुताबिक, एडवर्ड को यूके के विदेश विभाग के डायरेक्टरेट ऑफ ईस्टर्न यूरोप एंड सेंट्रल एशिया के जरिए भेजा गया था. एडवर्ड ने उन छह खुफिया एजेंट्स की जगह ली थी जिन्हें रशिया ने इसी साल अगस्त के महीने में निष्कासित कर दिया था.
ब्रिटिश डिप्लोमेट को ऐसे समय में मॉस्को से निष्कासित किया गया है जब, कुछ दिन पहले ही कुर्स्क में यूक्रेन की तरफ से लड़ते हुए एक ब्रिटिश लड़ाके को रूस ने जिंदा पकड़ लिया था.
साथ ही ब्रिटिश मिसाइल के जरिए यूक्रेन के हमलों से रूस का गुस्सा सांतवे आसमान पर है. रूस ने नाटो देशों के मिलिट्री बेस और फैसिलिटी पर हमला करने की चेतावनी दी है.
रूसी विदेश मंत्रालय ने मॉस्को में ब्रिटिश राजदूत को तलब कर डिप्लोमेट की गतिविधियों को लेकर अपना विरोध जताया है. रूस ने ब्रिटिश एम्बेसी की इन गतिविधियों को तुरंत खत्म करने की चेतावनी दी.
रूस ने ब्रिटिश मिलिट्री कमांडर सहित, राजनीतिज्ञों और पत्रकारों पर प्रतिबंध लगा रखे हैं. इनमें इंग्लैंड (यूके) के डिप्टी प्रधानमंत्री रैयनर, गृह सचिव कूपर और एक्चेकर के चांसलर रीवस सहित द टाइम्स और डेली मेल के पत्रकार भी शामिल हैं. (यूक्रेन पर दागी थी हाइपरसोनिक मिसाइल, Putin ने खुद किया ऐलान)