July 5, 2024
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England भी अमेरिका की राह, राजदूत पहुंची POK

अमेरिका की तरह अब ब्रिटेन ने भी भारत से दगाबाजी की है. एक तरफ जहां इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर रहे थे तो दूसरी तरफ पाकिस्तान में इंग्लैंड की राजदूत जेन मैरिएट पीओके के मीरपुर का दौरा कर रही थीं. वही पाकिस्तान के गैरकानूनी कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) का मीरपुर जिसे भारत अपना अभिन्न अंग मानता है. 

हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ब्रिटेन के दौरे पर गए थे. लंदन में राजनाथ सिंह का जोरदार स्वागत किया गया. रक्षा के क्षेत्र में ब्रिटेन से सहयोग पर चर्चा हुई. 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और राजनाथ सिंह में मुलाकात हुई. भारत-ब्रिटेन के मजबूत संबंधों पर बातें हुईं. 22 साल बाद भारत के किसी रक्षा मंत्री ने ब्रिटेन का दौरा किया था. सब कुछ अच्छा अच्छा चल रहा था पर ब्रिटेन ने पीओके को लेकर भारत के साथ एक बड़ी चाल चली है. पीओके को लेकर ब्रिटेन ने भारत के पीठ पर ऐसा खंजर घोंपा है, जिसे भारत कभी माफ नहीं करेगा. पाकिस्तान में ब्रिटेन की राजदूत जेन 10 जनवरी को पीओके के मीरपुर गई थीं. यह दौरा उस वक्त हुआ जब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लंदन में ऋषि सुनक समेत ब्रिटेन के दूसरे नेताओं से मुलाकात कर रहे थे. भारत ने ब्रिटेन की राजनियक के पीओके दौरे की निंदा की है और कहा है कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन अस्वीकार्य है.

पीओके क्यों पहुंची ब्रिटेन का राजदूत ?
पाकिस्तान में ब्रिटिश उच्चायुक्त ने भारत को नागवार गुजरने वाला एक दौरा किया है. यह दौरा मीरपुर का था, जो भारत के कश्मीर का हिस्सा है, लेकिन इसे अवैध रूप से पाकिस्तान ने कब्जाया हुआ है. मैरिएट ने 10 जनवरी को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मीरपुर की यात्रा की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्‍स पर पोस्ट की, मैरिएट ने लिखा, ‘मीरपुर से सलाम, ब्रिटेन और पाकिस्तान के लोगों के बीच संबंधों का केंद्र! 70 फीसदी ब्रिटिश पाकिस्तानियों की जड़ें मीरपुर से हैं. हमारे साथ मिलकर काम करना प्रवासी हितों के लिए महत्वपूर्ण है. आपके आतिथ्य के लिए धन्यवाद.

अमेरिका और ब्रिटेन ने भारत को भड़काया
जेन मैरियट पाकिस्तान में पहली महिला ब्रिटिश उच्चायुक्त हैं. पाकिस्तान में ब्रिटेन की राजदूत ने यात्रा ठीक उस दिन की थी, जिस दिन राजनाथ सिंह और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक में मुलाकात हुई थी. जेन मैरिएट ने मीरपुर का जिक्र किया. ब्रिटिश और पाकिस्तान के लोगों के दिलों की बात करते हुई मजबूत संबंधों को लेकर पोस्ट डालकर भारत को भड़काने की कोशिश की. पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका ने भी ब्रिटेन की तरह ही भारत के पीठ में खंजर घोंपने का काम किया था. पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने 3 महीने पहले पीओके के गिलगित बाल्टिस्तान का दौरा किया था. डोनाल्ड ब्लोम ने जिस इलाके का दौरा किया था वो भी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा है. सिर्फ दौरा ही नहीं ऐसी बयानबाजी की थी जिसका भारत ने विरोध किया था. डोनाल्ड ब्लोम ने इलाके को पाकिस्तान के आजाद कश्मीर का हिस्सा बताया था.

क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन, कतई बर्दाश्त नहीं: भारत
भारत ने ब्रिटेन की राजदूत की पीओके की यात्रा को बेहद गंभीरता से लिया है. विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने इस उल्लंघन को लेकर भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन अस्वीकार्य है. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेंगे.” अमेरिकी राजदूत के दौरे पर भी विदेश मंत्रालय ने कहा था, “हम उम्मीद करेंगे कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता और पीओके का सम्मान करेगा. हम इस पूरे क्षेत्र को भारत का अभिन्न अंग मानते हैं.” जिस पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के काउंसलर डेरेक चॉलेट ने कहा था कि दौरा एक “अन-ऑफिशियल और व्यक्तिगत दौरा था.”

क्या है अमित शाह का पीओके प्लान ?
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह हमेशा से कहते रहे हैं पीओके हमारा है. पिछले साल दिसंबर 2023 में संसद में बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लिए 24 सीटें आरक्षित की गई हैं. दिसंबर के महीने में संसद सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो विधेयक पेश किए गए थे. एक था जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023. बिल पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कड़ा मैसेज देते हुए बता दिया कि पीओके को लेकर मोदी सरकार की नीति कड़ी है. पाक अधिकृत कश्‍मीर के लिए 24 सीटें आरक्षित की गई हैं. क्योंकि “पीओके हमारा है.”

अमित शाह के बयान ने पीओके को लेकर मोदी सरकार की मंशा साफ कर दी है. इसके अलावा एस जयशंकर के उस बयान से भी विदेशी शक्तियों में हलचल मच गई है, जब उन्होंने पाकिस्तान से ये कह दिया था कि “370 अब हिस्ट्री बन चुका है जितनी जल्दी लोगों को यह एहसास हो जाएगा, उनके लिए उतना अच्छा होगा… बात तो अब पाकिस्तान से पीओके के लिए होगी.” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पीओके को लेकर जो बयान दिया था उससे पाकिस्तान में खलबली मच गई थी. 

 

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