कंबोडिया और थाईलैंड के बीच मई के महीने में शुरु हुए ताजा सीमा विवाद को लेकर तनातनी बढ़ती ही जा रही है. भारत के दोनों पड़ोसी देशों ने अपनी सैन्य ताकतों को दिखाना शुरु कर दिया है. कंबोडिया ने नागरिकों की सेना में भर्ती अनिवार्य कर दी है, तो थाईलैंड की सेना ने भी हर स्थिति से निपटने का ऐलान कर दिया है.
दोनों देशों में सीमा विवाद को लेकर पिछले महीने थाईलैंड की पीएम पैंटोगटार्न शिनावात्रा को भी इसलिए सस्पेंड कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने कंबोडिया के स्पीकर और पूर्व पीएम को अंकल कहकर संबोधित करते हुए अपने ही सैन्य अधिकारी को गलत ठहरा दिया था.
कंबोडियाई नागरिकों की सेना में अनिवार्य भर्ती, पीएम ने किया सैन्य प्रशिक्षण सेंटर का दौरा
थाईलैंड के साथ चल रहे विवाद को देखते हुए कंबोडिया ने ऐलान किया है कि वह नागरिकों की सेना में अनिवार्य भर्ती शुरू करने जा रहा है. कंबोडिया के पीएम हुन मानेट ने कहा, सेना में नागरिकों की अनिवार्य भर्ती अगले साल से शुरू हो जाएगी.
कंबोडिया के पीएम हुन मैनेट ने एक सैन्य प्रशिक्षण सेंटर में कहा, “टकराव का यह दौर कंबोडिया के लिए एक सबक की तरह से है. यह हमारी सेना की समीक्षा, आकलन और अपने लक्ष्य स्थापित करने के लिए एक मौका है.”
थाईलैंड-कंबोडियाई सैनिकों में हुई झड़प, थाईलैंड की पीएम की बातचीत लीक से मचा बवाल
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच ताजा विवाद 28 मई हो हुआ था. विवादित सीमा पर झड़प के बाद गोलीबारी में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा को बंद कर दिया गया और कंबोडिया ने थाईलैंड से हर तरह का आयात पर रोक लगा दी. साथ ही कंबोडिया ने इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में एक याचिका दायर की है.
इस विवाद को लेकर थाईलैंड में जमकर बवाल हुआ था, क्योंकि झड़प को लेकर थाईलैंड की पीएम शिनावात्रा ने कंबोडिया के स्पीकर हुन सेन से फोन पर बात की थी. 17 मिनट की इस बातचीत को हुन सेन ने इंटरनेट पर लीक कर दिया था, जिसमें पीएम शिनावात्रा हुन सेन को अंकल कहती हैं और अपने ही सेना के अफसर को गलत ठहराती हैं.
बातचीत लीक होने के बाद राष्ट्रवादियों ने पीएम शिनावात्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और कहा था कि उनके कारण थाईलैंड का सिर कंबोडिया के आगे झुक गया. मामला कोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद कोर्ट ने शिनावात्रा को सस्पेंड कर दिया,
कंबोडिया को चीन का बैकअप, थाईलैंड-कंबोडिया में किसकी सेना भारी
कंबोडिया में चीन ने हाल ही में एक नेवल बेस बनाया है साथ ही चीन, कंबोडिया में अपनी उपस्थिति और प्रभाव बढ़ा रहा है. कंबोडिया को चीन हथियारों की सप्लाई भी करता है.
वहीं कंबोडिया और थाईलैंड की सेना की बात की जाए तो आंकड़ों के मुताबिक थाईलैंड के पास 3 लाख से ज्यादा सैनिक हैं वहीं कंबोडिया के पास 2 लाख सैनिक हैं. अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के लिए कंबोडिया की संसद ने साल 2006 में एक कानून लागू किया था जिसमें कहा गया था कि 18 से 30 साल के सभी कंबोडियाई युवकों को सैन्य प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा. यह प्रशिक्षण 18 महीने का होगा. लेकिन ये कानून लागू नहीं किया गया था, परंतु थाईलैंड के साथ ताजा विवाद के बाद घोषणा कर दी गई है कि नागरिकों को सैन्य ट्रेनिंग लेनी होगी ताकि जरूरत पड़ने पर लोग देश की रक्षा कर सकें.