By Nalini Tewari
नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी लॉबिंग करने में जुटे हुए हैं. खुद पुरस्कार करने वाले देश नार्वे के मंत्री से हाल ही में बात की थी, तो अब कनाडा को अपने साथ खड़ा करने की कोशिश की है. अमेरिका पहुंचे कनाडाई पीएम मार्क कार्नी ने ट्रंप की तारीफों के पुल बांध डाले हैं.
मार्क कार्नी ने ट्रंप को एक परिवर्तनकारी राष्ट्रपति बताते हुए भारत-पाकिस्तान, अजरबैजान-अर्मेनिया, ईरान को कमजोर बनाने का श्रेय दिया. साथ ही गाजा में ट्रंप की शांति योजना की सराहना की है.
कनाडाई पीएम ने की ट्रंप की तारीफ, बोलने से पहले ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई तो जान लेते कार्नी
व्हाइट हाउस पहुंचे कनाडाई पीएम ने ट्रंप की सराहना की है. कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की धमकी देने वाले ट्रंप की शान में मार्क कार्नी ने खूब कसीदे पढ़े हैं. कार्नी ने कहा है कि, “ट्रंप एक परिवर्तनकारी और स्पेशल राष्ट्रपति हैं. अर्थव्यवस्था में बदलाव, रक्षा खर्च के लिए नाटो साझेदारों की अभूतपूर्व प्रतिबद्धताएं, भारत, पाकिस्तान से अजरबैजान, आर्मेनिया तक शांति, ईरान को आतंक की ताकत के रूप में अक्षम करने में आपकी अहम भूमिका रही. नाटो का रक्षा बजट बढ़वाया.”
भारत-पाकिस्तान को बीच में लाने और ट्रंप की हां में हां मिलाने से पहले मार्क कार्नी देख तो लेते कि सच्चाई है क्या. ऑपरेशन सिंदूर से पिटे पाकिस्तान ने खुद गिड़गिड़ाकर भारत से एक्शन रोकने की मांग की थी. ट्रंप की मध्यस्थता के बिना भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका गया था, वो दूसरी बात ही मार खा रहा पाकिस्तान बार-बार अमेरिका और सऊदी अरब के प्रिंस की चरण वंदना कर रहा था और कह रहा था कि कोई भारत को रोक लो.
जब यूरोपीय नेताओं ने भरी महफिल में उड़ाया ट्रंप का मजाक
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव समेत यूरोप के कई बड़े राष्ट्राध्यक्ष मौजूद थे. मौका कोपेनहेगन में यूरोपियन पॉलिटिकल कम्युनिटी की मीटिंग का था. इस दौरान अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के सामने ट्रंप का मजाक उड़ाया.
अल्बानिया के पीएम रामा ने मजाक में मैक्रों से कहा, “आपको हमसे माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि ट्रंप ने अल्बानिया और अजरबैजान के बीच हुई शांति डील पर हमें बधाई नहीं दी.’ यह सुनकर अलीयेव हंस पड़े और मैक्रों ने भी मजाकिया अंदाज में ‘सॉरी’ कहा.”
दरअसल ट्रंप ने कई बार ये कहा कि उन्होंने अल्बानिया और अजरबैजान के बीच युद्ध रुकवाया. दरअसल वो अल्बानिया नहीं अर्मेनिया था.
ट्रंप ने मीडिया के सामने बार-बार कहा कि “अजरबैजान और अल्बानिया’ के बीच चल रहे युद्ध को खत्म कराया. यह संघर्ष कई सालों से चल रहा था और दोनों देशों के नेताओं को अपने ऑफिस में बुलाकर खत्म करा दिया.”
कुछ भी दावे, बार-बार यूटर्न, ट्रंप को कोई नहीं लेता है सीरियसली
ट्रंप बार-बार दावे कर रहे हैं कि उन्होंने 07-07 युद्ध रुकवा दिए. इतना काम किया है कि उन्हें कई बार नोबेल शांति पुरस्कार मिल जाता. लेकिन सच्चाई ये है कि ट्रंप के बार-बार बदलते बयानों और कुछ भी बोल देने की आदत से दुनिया ने उन्हें अब गंभीरता से लेना बंद कर दिया है.
हाल ही में उन्होंने कहा कि सर्बिया-कॉसोवो और मिस्र-इथियोपिया के बीच युद्ध रुकवाया, लेकिन अमेरिकी मीडिया ने ही खुलासा कर दिया कि हालिया कोई युद्ध हुआ ही नहीं. ये दूसरी बात है कि छोटे मोटे विवाद और संघर्षों को ही ट्रंप युद्ध बताकर अपनी तारीफ कर रहे हो.
ट्रंप को भले ही पाकिस्तान, इजरायल, कंबोडिया सरीखे देशों पर दबाव बनाकर खुद को नोबेल के लिए नॉमिनेट करवाया हो, लेकिन बताया जा रहा है कि नॉर्वे में चल रही पुरस्कार की प्रक्रिया में मतभेद है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की शांति के लिए किए गए कामों में सच्चाई कम, विवाद ज्यादा हैं.