भारत की सख्ती के बाद भी सुधर नहीं रहा है पाकिस्तान. लगातार फायरिंग की आड़ में पाकिस्तान आतंकियों को घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान की चालबाजी से वाकिफ भारतीय जवान मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं.
पाकिस्तानी सेना की चौकियों से भारत के जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर के आसपास के इलाकों में छोटे हथियारों से गोलीबारी की है. इस बीच जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया गया है. सूरनकोट के जंगलों में आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ हुआ है, मौके से कई हथियार और संदिग्ध सामग्रियां बरामद की गई हैं.
लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, 11 वें दिन भी सीजफायर का उल्लंघन
पाकिस्तान ने 4-5 मई की रात एक बार फिर से भारत की ओर फायरिंग की है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लगातार 11वां दिन है जब पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर सीजफायर तोड़ा है. पाकिस्तान की फायरिंग का जवाब भारत ने उसी की भाषा में दिया है.
आशंका जताई जा रही है कि फायरिंग की आड़ में एक बार फिर से आतंकियों को घुसपैठ कराने की कोशिश है, लेकिन एलओसी हो या इंटरनेशनल बॉर्डर, भारत लगातार चौकस है और आतंकियों की घुसपैठ पर पैनी नजर रख रहा है. वहीं भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गांवों में आम नागरिकों ने बंकर्स की सफाई की है ताकि जरूरत पड़ने पर जनता उन बंकर्स में शरण ले सके.
सूरनकोट में आतंकी ठिकाने का पर्दाफाश, संदिग्ध उपकरण बरामद
जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया है. सिक्योरिटी फोर्सेस ने सोमवार को पुंछ से 5 आईईडी के अलावा वायरलेस सेट और कपड़ों को भी बरामद किया है. सेना ने सूरनकोट के जंगलों में बसे गांव मारहोट के इलाके में कार्रवाई की है, जहां एक आतंकी ठिकाने को ढूंढ निकाला है.
माना जा रहा है कि जिस जगह का भंडाफोड़ किया गया है, वो आतंकियों के छिपने की जगह है. पहलगाम नरसंहार के बाद लगातार सर्च ऑपरेशन जारी है और आतंकी घुसपैठ और साजिश के चलते सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस हाईअलर्ट है.
आतंकियों के मददगारों की तलाश, पंजाब में पकड़े गए जासूस
पहलगाम नरसंहार को लेकर अबतक हजारों स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा चुकी है. आतंकियों के कई ग्राउंड वर्कर्स को पकड़ा गया है. एनआईए लगातार जम्मू-कश्मीर में डेरा डाले हुए है. वहीं पंजाब के अमृतसर में 2 जासूसों को पकड़ा गया है, जो आईएसआई के लिए काम कर रहे थे.
पुलिस के मुताबिक आईएसआई के दोनों जासूस फलक शेर मसीह और सूरज मसीह केवल पांच से दस हजार रुपये की रकम के बदले देश की संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेज रहे थे. दोनों आरोपी बार्डर के आस-पास के गांव, जहां पर कंटीली तार लगी हुई थी, वहां तक जाते हैं और मोबाइल फोन से वीडियो बनाते और फोटो क्लिक कर लेते थे, इसके बाद व्हाट्सएप के जरिए यह फोटो और वीडियो आईएसआई को भेज देते थे. दोनों आरोपी पिछले एक साल से इस काम में लगे हुए थे.
बीएसएफ-सेना पर रखते थे नजर, आईएसआई को देते थे सूचना
अमृतसर से पकड़े गए दोनों जासूस सेना और बीएसएफ की एक्टिविटी पर नजर रखते थे. बॉर्डर पर कहां पर कौन-कौन सी चौकी है. कंटीले तारों के पास किस जगह पर कितने जवान खड़े है. आर्मी कैंट में सेना के कितने ट्रक आ-जा रहे है या फिर कुछ अन्य सामान आ रहा है या जा रहा है. क्या-क्या मूवमेंट हो रही है, सबकी फोटो और वीडियो बनाते और पाकिस्तान को भेज देते थे.
पाकिस्तान को सूचना देने के फौरन बाद जासूस फोटो और वीडियो डिलीट कर देते थे. अब जांच एजेंसियां जासूसों के फोन का डाटा रिकवर करा रही है, ताकि ये पता किया जा सके कि दोनों ने कौन-कौन सी सूचनाएं आईएसआई को भेजी है.