भारत-पाकिस्तान के बीच स्वयंभू मध्यस्थ बने अमेरिका ने आशंका जताई है कि किसी भी वक्त दोनों देशों के बीच सीजफायर टूट सकता है. अमेरिका के विदेश सचिव (मंत्री) मार्को रूबियो ने कहा कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच हो रही गतिविधियों पर ‘हर रोज नजर रखता है’, क्योंकि दोनों देशों के बीच संघर्ष-विराम बहुत जल्द टूट सकता है.
भारत-पाकिस्तान पर हमारी नजर है: मार्को रुबियो
मार्को रुबियो ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि “हम भारत-पाकिस्तान और कंबोडिया-थाईलैंड जैसे देशों के बीच हालात पर हर दिन नजर रखते हैं. युद्ध-विराम का एकमात्र तरीका यह है कि संघर्षरत पक्ष एक-दूसरे पर गोलीबारी बंद करने पर सहमत हों और रूस अभी तक इस पर सहमत नहीं हुआ है. हमारा लक्ष्य सिर्फ अस्थायी शांति नहीं, बल्कि एक स्थायी शांति समझौता है ताकि भविष्य में भी युद्ध न हो. हम हर रोज इस बात पर नजर रखते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच क्या हो रहा है, कंबोडिया और थाईलैंड के बीच क्या हो रहा है.”
हमें शांति बहाली के लिए ट्रंप का आभारी होना चाहिए:मार्को रुबियो
मार्को रुबियो ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि हम बहुत भाग्यशाली हैं और हमें एक ऐसे राष्ट्रपति के लिए आभारी होना चाहिए, जिन्होंने शांति बहाली को अपने प्रशासन की प्राथमिकता बनाया है. हमने इसे कंबोडिया और थाईलैंड में देखा है. हमने इसे भारत-पाकिस्तान में देखा है. हमने इसे रवांडा और डीआरसी में देखा है और हम दुनिया में शांति लाने के लिए हर संभव अवसर का लाभ उठाते रहेंगे.”
भारत खारिज कर चुका है अमेरिका के सीजफायर कराने का दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनसे सिपाहसालार बार-बार यह दावा करते रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम कराने का श्रेय ट्रंप को ही जाता है. 30 से ज्यादा बार ट्रंप क्रेडिट लेने की कोशिश कर चुके हैं.
लेकिन भारत सरकार ने ट्रंप के सारे दावों को खारिज कर दिया है. भारत का कहना है कि “पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे द्विपक्षीय रूप से निपटाए जाते हैं और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होती.”
खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी संसद में खड़े होकर बयान दिया था कि “किसी भी वैश्विक नेता ने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा.”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा था कि “सैन्य कार्रवाई रोकने के फैसले का किसी व्यापार वार्ता से भी कोई संबंध नहीं था.” जबकि ट्रंप ये दावा करते हैं कि व्यापार के बदले उन्होंने दोनों देशों में सीजफायर करवाया था.
तेल के चक्कर में पाकिस्तान से दोस्ती गांठ रहा अमेरिका
पीएम मोदी के इस बयान के बाद कि दुनिया के किसी नेता ने संघर्ष विराम में कोई भूमिका नहीं निभाई, भड़के ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लाद दिया था. लेकिन जब भारत दबाव में नहीं झुका, तो अब अमेरिका, पाकिस्तान के करीब जा रहा है. पाकिस्तान और अमेरिका ने मिलकर तेल की संभावनाएं तलाशन के लिए समझौता किया है. असीम मुनीर दो बार अमेरिका का चक्कर लगा चुके हैं और अमेरिका ने न्यूक्लियर धमकी दे चुके हैं.
लेकिन भारत ने साफ तौर पर कह दिया है कि न्यूक्लियर धमकी से नहीं डरते हैं, पाकिस्तान ने हिमाकत की तो छोड़ेंगे नहीं. लालकिले से भी पीएम मोदी ने कहा था, पाकिस्तान सुधरा नहीं है. भारत के इसी क्लियर मैसेज के बाद अमेरिका को सीजफायर टूटने का डर लगा हुआ है.