जिस दिन से तीसरी बार पीएम मोदी प्रधानमंत्री बने हैं. ईवीएम के बाद सबसे हॉट विषय है ‘अग्निपथ’. अग्निपथ योजना को लेकर तरह तरह की चर्चाएं चल रही हैं. कहीं कहा जा रहा है कि सरकार ने अग्निपथ स्कीम को लेकर समीक्षा करने के बाद योजना बंद कर रही है तो कहीं इस तरह की खबरें प्रसारित की गईं कि योजना को बढ़ाकर सात साल कर दिया गया है. लेकिन टीएफए आपको बता रहा है कि अभी तक सरकार ने अग्निवीर को लेकर कोई भी फैसला नहीं किया है.
अग्निवीर का एक लेटर सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि अग्निवीरों का कार्यकाल 4 साल से बढ़ाकर सात साल कर दिया गया है. पर ये लेटर पूरी तरह से फर्जी है, गलत है और गुमराह करने वाला है.
फर्जी है व्हाट्सएप संदेश: पीआईबी
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने अग्निपथ योजना को लेकर वायरल हो रहे मैसेज को फर्जी करार दिया है. पीआईबी फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है,”एक फर्जी व्हाट्सएप संदेश में दावा किया गया है कि अग्निपथ योजना को समीक्षा के बाद ‘सैनिक सम्मान योजना’ के रूप में फिर से शुरू किया गया है, जिसमें ड्यूटी अवधि को 7 साल तक बढ़ाया गया है, 60% स्थायी कर्मचारी और आय में वृद्धि शामिल है.” पीआईबी ने लिखा, “सरकार ने ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया है.”
आ गई अग्निवीर भर्ती की तारीख
अग्निवीर को लेकर तमाम तरह की चर्चाओं के बीच अग्निवीर भर्ती रैली का शेड्यूल जारी कर दिया गया है. अगल-अलग श्रेणी के लिए अलग-अलग दिन तय किए गए हैं. 24 जून को ट्रेड्स मैन 10वीं पास के लिए भर्ती है. 24 जून को ही 8वीं पास श्रेणी के लिए भर्ती है. अंबेडकरनगर, अमेठी, बस्ती, कौशांबी और कुशीनगर में ये भर्ती होगी. महाराजगंज, प्रयागराज और रायबरेली में भी ये भर्ती होगी. 24 से 30 जून तक यूपी के अलग-अलग जगहों पर भर्ती परीक्षा होगी. तो 1 और 2 जुलाई को मेडिकल परीक्षण किया जाएगा.
लोकसभा सत्र में उठेगा अग्निवीर मुद्दा
18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू हो रहा है. एनडीए सरकार में शामिल बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू ने अग्निपथ में बदलाव को लेकर नई चर्चा छेड़ दी है. जेडीयू के नेता के सी त्यागी ने एनडीए सरकार के जीतने के बाद अग्निपथ स्कीम को लेकर दोबारा विचार करने की बात की थी. करीब 2 साल पहले लाई गई इस स्कीम को लेकर विपक्षी दल हमेशा से ही आक्रामक रहा है. माना जा रहा है कि इस बार जब सत्र चलेगा तो अग्निवीर ही एक अहम मुद्दों में से एक होगा, जिस पर विपक्ष सरकार को घेरेगी. पूर्व सेनाध्यक्ष एम एम नरवणे ने भी अपनी किताब ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में अग्निपथ योजना पर सवाल उठाए थे (हालांकि, पुस्तक के प्रकाशन पर रोक लग गई है). कहीं ना कहीं बीजेपी के हरियाणा, यूपी में कम सीटें आने के पीछे भी अग्निपथ स्कीम को माना गया है क्योंकि विपक्ष में चाहे राहुल गांधी हों या अखिलेश यादव हर रैली में अग्निपथ योजना की बात की, अग्निवीरों के हक की बात की. योजना को खत्म करने की पैरवी की थी.
विपक्ष में बैठे-बैठे रद्द करवाएंगे योजना: राहुल गांधी
चुनाव जीतने के बाद पिछले हफ्ते रायबरेली पहुंचे राहुल गांधी ने अपनी जनसभा में एक बार फिर से अग्निवारों की बात की. राहुल गांधी ने दावा किया कि “संसद में अब हमारे पास सेना बैठी है.भले ही हम विपक्ष में हों पर विपक्ष में बैठे-बैठ ही अग्निवीर को रद्द कराएंगे.”
बहरहाल सरकार की सहयोगी पार्टी ने खुद अग्निपथ पर विचार करने की मांग की है. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि बदलाव पर विचार किया जाएगा.
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सल्ंस
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