ताइवान को सैन्य मदद दिए जाने से भड़के चीन ने अमेरिका की सात (07) बड़ी डिफेंस और एयरोस्पेस कंपनियों पर बैन लगा दिया है. इन कंपनियों में लॉकहीड मॉर्टिन, जनरल डायनेमिक्स और इंसटू जैसी बड़ी कंपनियां हैं. चीन ने ताइवान को हथियार बेचने की वजह से ये फैसला लिया है. एक सप्ताह के अंदर चीन ने अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ दूसरी बड़ी कार्रवाई की है.
जिन कंपनियों ने ताइवान को बेचे हथियार, उनपर चीन का चाबुक
चीन के वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि लॉकहीड मार्टिन, जनरल डायनेमिक्स और रेथियॉन की सहायक कंपनियों को चीन की अविश्वसनीय यूनिट्स की सूची में जोड़ा गया है. जिन कंपनियों पर रोक लगाई गई है, उन सैन्य-औद्योगिक कंपनियों में बोइंग की सहायक कंपनी इंसिटू भी शामिल है. हाल ही में अमेरिका ने ताइवान को एक बड़ी सैन्य मदद की घोषणा की है. इस घोषणा के कुछ ही दिनों में चीन ने अपना विरोध जताते हुए अमेरिकी कंपनियों पर एक्शन लिया है.
अमेरिकी कंपनियां नहीं कर सकती निवेश, अधिकारियों की चीन में एंट्री पर रोक
चीन के मुताबिक, जिन कंपनियों पर रोक लगाई गई है, उन्होंने ताइवान को हथियार बेचा था, जिसका चीन हमेशा से विरोध करता है. चीन ने अपने आदेश में कहा है कि- इन अमेरिकी सैन्य कंपनियों के आयात और निर्यात गतिविधियों में शामिल होने या नए निवेश करने से रोका जाएगा. साथ ही कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधकों को देश में प्रवेश की भी अनुमति नहीं होगी.
चीन ने पहले भी कई अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. खासकर वो जो ताइवान को हथियार बेचने में अपना हिस्सा रखती थीं. पिछले हफ्ते शुक्रवार को भी चीन की तरफ से अमेरिकी सैन्य-औद्योगिक कंपनियों को बैन किया गया था.
ताइवान को अपना हिस्सा मानता है चीन, जिनपिंग ने दिया बड़ा बयान
अमेरिका, ताइवान को राजनयिक रूप से मान्यता नहीं देता है. पर चीन के खिलाफ ताइवान को मजबूती देने के लिए सबसे बड़ा रणनीतिक और सैन्य सहयोगी है. इसी बात से चीन को मिर्ची लगती है. चीन का मानना है कि अमेरिका जानबूझकर ताइवान के जरिए युद्ध जैसी स्थिति को जन्म दे रहा है.
न्यू ईयर के मौके पर भी शी जिनपिंग ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि ताइवान और चीन एक ही परिवार के लोग हैं और चीन-ताइवान के विलय को कोई नहीं रोक सकता.