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China को ‘Melodi’ लगी कड़वी, इटली ने किया BRI से किनारा

पीएम मोदी के साथ सेल्फी को लेकर सुर्खियों में आई इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने चीन को जोरदार झटका दिया है.  जॉर्जिया मेलोनी ने शी जिनपिंग के ड्रीम प्रोजेक्ट से अपने हाथ खींच लिए है. ये ड्रीम प्रोजेक्ट है बेल्‍ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई). इटली ने आधिकारिक तौर पर अब बीआरआई प्रोजेक्‍ट से बाहर होने का ऐलान कर दिया है.

मेलोनी का फैसला, चीन में हड़कंप
जॉर्जिया मेलोनी के बीआरआई से अलग होने के फैसले से चीन में हड़कंप मच गया है. जॉर्जिया मेलोनी हमेशा से बीआरआई का विरोध करती रही हैं. पिछले साल जब मेलोनी ने इटली के पीएम के तौर पर गद्दी संभाली तभी संकेत दे दिए थे कि बीआरआई से इटली अलग होना चाहता है. इसके पीछ इटली ने तर्क ये दिया था कि प्रोजेक्ट से इटली को कोई फायदा नहीं हो रहा. सितंबर के महीने में इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने भी बीजींग दौर पर एक बयान में कहा था कि चीन के साथ बेल्ट एंड रोड पहल में इटली शामिल हुआ था लेकिन इसमें शामिल होने के बाद भी चीन और इटली के बीच व्यापार में उम्मीद के मुताबिक बढ़त नहीं मिली. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की अगुवाई वाली एक एग्जिक्‍यूटिव टीम ने चीन की सरकार को औपचारिक जानकारी दे दी है. इटली ने 2019 में बीआरआई में शामिल होने का फैसला किया था. इस पहल के तहत चीन दुनिया भर में सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश कर रहा है. पर अब 4 साल बाद इटली की राह चीन से अलग हो गई है. हालांकि इटली और चीन के बीच बीआरआई को लेकर कई राउंड की बातचीत भी हुई थी. इटली ने समझौते की शर्तों को बदलने की मांग की थी. लेकिन चीन की सरकार ने इन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था.

बीआरआई से किनारा, मिडिल ईस्‍ट-यूरोप कॉरिडोर से नजदीकी
इस साल सितंबर में जब भारत ने जी-20 की मेजबानी की थी तो उस समय ही इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने बीआरआई से पल्ला झाड़ लिया था. जॉर्जिया मेलोनी ने चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग को दिल्ली में ही बता दिया था कि अब इटली बीआरआई का हिस्‍सा नहीं बना रहना चाहता. उसी समय इटली ने भारत की भागीदारी वाले मिडिल ईस्‍ट-यूरोप कॉरिडोर  में शामिल होने का ऐलान कर दिया था. जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, अमेरिका, इटली, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी और यूरोपीय संघ ने एक साथ मिलकर आईएमईसी प्रोजेक्‍ट पर सहमति जताते हुए एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए थे . मेलोनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि इटली को बीआरआई परियोजना छोड़ने के लिए चीन के साथ संबंधों से समझौता नहीं करेगा. हालांकि उस वक्त मौखिक तौर पर बीआरआई से दूरी बनाई थी पर अब इसे ऑफिशियल तौर पर ऐलान कर दिया गया है.

मेलोनी ने क्यों दिया जिनपिंग को झटका?
इटली के इस फैसले के पीछे कई वजह हैं, जॉर्जिया मेलोनी ने सत्ता संभालने से पहले चुनाव प्रचार के दौरान बीआरआई को लेकर इटली के पूर्व पीएम ग्यूसेप कोंटे पर हमला किया था. मेलोनी ने हमेशा से कहा है कि बीआरआई राष्ट्र हितों के अनुरूप नहीं हैं. बीआरआई परियोजना के तहत इटली को चीन से भारी कर्ज लेना पड़ रहा था, जिससे इटली पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा था. इसके अलावा जब 4 साल पहले तत्कालीन पीएम ग्यूसेप कोंटे ने चीन के साथ हाथ मिलाया था तो अमेरिका ने भी इटली से फैसले को लेकर नाराजगी जताई थी, अब स्थितियां बदल गई हैं. 


क्या है शी जिनपिंग की बीआरआई योजना ?
बीआरआई चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना है. नए सिल्क रूट के नाम से मशहूर चीन ने 2013 में बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी.  बेल्‍ट एंड रोड इनीशिएटिव का उद्देश्य कई देशों को सड़कों, रेलवे, और पोर्ट्स के साथ जोड़ना था. इस योजना के जरिए शी जिनपिंग जिसके चीन को व्यापार के लिए एशिया, यूरोप, अफ्रीका से जोड़ना चाहते हैं. इस प्रोजेक्ट में बड़े बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए चीन भारी खर्च कर रहा है.

मेलोनी के फैसले के बाद चीन ने अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इटली के इस फैसले का चीन पर क्या असर होगा. पर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इटली अब भारत के साथ व्‍यापारिक रिश्‍तों को नई ऊंचाई देना चाहता है. भारत की उभरती शक्ति और पीएम मोदी से दोस्ती की वजह से मेलोनी मिडिल ईस्‍ट-यूरोप कॉरिडोर से जुड़ चुकी हैं.


मोदी और मेलोनी की ‘मेलोडी’ के हैं चर्चा

इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जबरदस्त केमिस्ट्री है. दोनों एक दूसरे से बेहद आत्मीयता से मिलते हैं. दोनों हंसी-मजाक करते हुए भी दिखाई पड़ जाते हैं. मेलोनी जब सितंबर के महीने में जी-20 समिट में हिस्सा लेने आई थी तो उनकी पीएम मोदी के साथ तस्वीरें और वीडियो जबरदस्त तरीके से वायरल हुई थी. ऐसे में जब हाल ही में दुबई में आयोजित कॉप-28 सम्मेलन में दोनों एक बार फिर से मिले तो मेलोनी ने पीएम मोदी के साथ सेल्फी लेकर अपने ट्विटर (एक्स) अकाउंट पर ‘मेलोडी’ (मेलोनी + मोदी) कैप्शन के साथ डाल दी दो इंटरनेट ब्रेक हो गया और सोशल मीडिया पर दोनों के अलग-अलग तरह के ‘मिम’ बनने लगे. हालांकि, दोनों की निकटता दर्शाती है कि भारत और इटली दोनों ही संबंधों के मामले में काफी करीब आ रहे हैं. दरअसल, वर्ष 2012 में इटली के दो मरीन कमांडो ने अरब सागर में भारत के दो मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. भारत ने दोनों मरीन कमांडो को गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद से ही दोनों देशों के संबंधों में तल्खी आ गई थी. वर्ष 2020 में इंटरनेशनल ट्राइब्य़ूनल ने दोनों मरीन्स को हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया था. इससे पहले ही भारत ने दोनों आरोपियों को वापस इटली भेज दिया था. वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद मामले में भ्रष्टाचार और घूसखोरी के आरोपों से भी दोनों देशों के संबंधों में थोड़ी खटास आ गई थी. लेकिन मोदी और मेलोनी ने एक बार फिर दोनों देशों के रिश्तों को पटरी पर लाने की दिशा में बड़ा योगदान दिया है. 

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