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चीन ने भी माना 04 विवादित इलाकों में हुआ Disengagement

विदेश मंत्री एस जयशंकर के 75 प्रतिशत बयान और एनएसए अजीत डोवल की चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद चीन का बड़ा बयान सामने आया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने भी मान लिया है कि पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चार विवादित इलाकों से डिशइंगेजमेंट हो चुका है. हालांकि, ये वो चार इलाके हैं जहां गलवान घाटी की झड़प (जून 2020) के बाद विवाद शुरू हुआ था.

शुक्रवार को चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इस बात को स्वीकार किया कि चार विवादित इलाकों से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट चुकी हैं. मिंग ने कहा कि रूस में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने पर भी जोर दिया. क्योंकि गलवान घाटी की झड़प के बाद से ही दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.

जिन चार विवादित इलाकों से डिश इंगेजमेंट हो चुका है, उनमें गलवान घाटी, हॉट-स्प्रिंग, गोगरा और फिंगर एरिया शामिल है. इन चारों विवादित इलाकों से भारत और चीन की सेनाएं, दोनों देशों के मिलिट्री कमांडर्स स्तर की मीटिंग के बाद हटी थी. पिछले चार सालों में यानी गलवान घाटी की झड़प के बाद, दोनों देशों के कोर कमांडर स्तर की 21 बैठक हो चुकी हैं.

भारत का मानना है कि पूर्वी लद्दाख में जो ‘लीगेसी’ यानी पुराने विवादित इलाके हैं, इसका भी समाधान जल्द से जल्द होना चाहिए. एलएसी पर मुख्य रुप से तीन लीगेसी इलाके हैं जहां अभी दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनातनी बनी हुई है. इनमें डेपसांग प्लेन्स (अप्रैल 2013) सहित चुमार और डेमचोक शामिल हैं.

गुरुवार को एनएसए डोवल ने वांग यी से मुलाकात के दौरान एलएसी के बाकी बचे विवादित इलाकों के हल को लेकर खास चर्चा की थी.

गुरुवार को ही जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में एक कार्यक्रम में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि एलएसी पर 75 प्रतिशत विवाद निपटा लिया गया है.

 

 

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