तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा का नाम सुनते ही चीन भड़क जाता है. चीन ने चेक रिपब्लिक से अपने सभी संबंधों को तोड़ दिया है, क्योंकि चेक रिपब्लिक के राष्ट्रपति ने भारत आकर दलाई लामा से मुलाकात की थी. चेक रिपब्लिक के राष्ट्रपति पेट्र पावेल ने पिछले में दलाई लामा से आशीर्वाद लिया था.
इसी बात से चीन इस कदर नाराज हुआ कि मंगलवार को चीन ने अपने सारे संबंधों को खत्म कर दिया है.
आपको बता दें कि पेट्र पावेल नाटो के पूर्व जनरल थे और साल 2023 में चेक रिपब्लिक में राष्ट्रपति का पद संभाला है.
मना करने के बाद भी पावेल ने की विवादास्पद व्यक्ति से मुलाकात: चीनी विदेश मंत्रालय
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने दलाई लामा को विवादास्पद व्यक्ति बताते हुए एक बयान में कहा, “चीन के बार-बार विरोध और कड़े विरोध के बावजूद, पावेल ने दलाई लामा से मुलाकात की. पावेल ने 27 जुलाई को भारत के लद्दाख क्षेत्र में, जो चीन की सीमा से लगा हुआ है, इस तिब्बती विवादास्पद व्यक्ति से मुलाकात की.”
चेक राष्ट्रपति ने दलाई लामा से मुलाकात कर भड़काऊ कार्रवाई की: चीनी विदेश मंत्रालय
लिन जियान ने कहा, पावेल का दलाई लामा से मिलना, चेक सरकार की ओर से चीनी सरकार के प्रति की गई राजनीतिक प्रतिबद्धता का गंभीर उल्लंघन है और चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाता है. चीन इसकी कड़ी निंदा करता है और इसका कड़ा विरोध करता है. चीन, चेक राष्ट्रपति से सभी तरह के संबंध खत्म करने का फैसला किया है.
दलाई लामा ने दिया था चेक राष्ट्रपति को न्योता, लद्दाख में हुई थी मुलाकात
चेक गणराज्य के राष्ट्रपति ने दलाई लामा से 27 जुलाई को लद्दाख में मुलाकात की थी. उस वक्त दलाई लामा लद्दाख के प्रवास पर थे. दलाई लामा की ओर से राष्ट्रपति पावेल को आमंत्रित किया गया था. दलाई लामा से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति पावेल ही अकेले थे. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति पावेल ने जापान की यात्रा से लौटते वक्त व्यक्तिगत तौर पर दलाई लामा से मुलाकात की थी.
दलाई लामा ने खुद उस वक्त एक्स पर पोस्ट में बताया था कि चेक गणराज्य के राष्ट्रपति ने मिलकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी.
चीन-चेक गणराज्य में तल्खी वाले संबंध, चेक ने हाल ही में लगाया था साइबर अटैक का आरोप
27 जुलाई को हुई मुलाकात के बाद भी चीन ने चेक गणराज्य के राष्ट्रपति को चेतावनी दी थी कि वो राजनीतिक प्रतिबद्धता का पालन करें और चीन से अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करे. लेकिन इस वॉर्निंग के बाद मंगलवार को चीन से सारे संबंध तोड़ने की घोषणा कर दी है.
हालांकि चेक रिपब्लिक और चीन के बीच संबंध बहुत अच्छे कभी नहीं रहे हैं, लेकिन इस साल मई के महीने से चेक और चीन में तनाव बढ़ गया था, क्योंकि चेक रिपब्लिक ने उनके देश में बड़े साइबर अटैक करने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था.
ये साइबर अटैक चेक गणराज्य के विदेश मंत्रालय पर हुआ था. जिसके बाद दोनों देशों में जुबानी जंग शुरु हुई थी.
चेक गणराज्य, यूरोपीय यूनियन (ईयू) का हिस्सा है. और इस देश का दृष्टिकोण लोकतंत्र और मानवाधिकार के मुद्दे पर यूरोपीय देशों के साथ दिखता है. इस कारण से भी चीन अक्सर चेक गणराज्य से चिढ़ा रहता है.