भारत के साथ एलएसी पर चीन के साथ तनाव कम होने के बाद ताइवान ने भी शांति का आह्वान किया है. ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने कहा है कि चीन को युद्धाभ्यास से धमकाने के बजाए अपनी बाहें खोलनी चाहिए.
चीन के कट्टर विरोधी लाई चिंग ते ने अपनी पहली विदेश यात्रा में चीन को लेकर बड़ी बातें की हैं. इसी साल मई में लाई चिंग ते ने ताइवान के राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला है. लाई चिंग ते के राष्ट्रपति बनने के बाद से कई बार चीन डराने के लिए ताइवान को घेरकर युद्धाभ्यास कर चुका है. ऐसे में ताइवान के पक्ष में अमेरिका और कनाडा के आने से तनाव और बढ़ गया है.
किसी देश का सम्मान नहीं जीत पाएगा चीन: लाई चिंग ते
अपने पहले विदेश दौरे पर ताइवान के राष्ट्रपति प्रशांत द्वीप राष्ट्र पलाऊ पहुंचे थे. पलाऊ में लाई चिंग ते ने चीन पर खुलकर बात की. लाई चिंग ते ने कहा, पड़ोसी देश चीन चाहे कितना भी डराने की कोशिश करें, सैन्य अभ्यास करे, युद्ध और विमान का इस्तेमाल करे, लेकिन वो किसी का सम्मान नहीं जीत पाएंगे.
दरअसल लाई चिंग ते को चीन बिलकुल भी पसंद नहीं करता है, क्योंकि लाई चिंग के दृढ़ निश्चयी और चीन की खिलाफत वाले नेता हैं.
ताइवान-अमेरिका की डिफेंस डील, डरते-डरते हवाई पहुंचे ताइवानी राष्ट्रपति
लाई चिंग ते अपनी पहली विदेश यात्रा में अमेरिका के हवाई द्वीप के अलावा मार्शल, तुवालु और पलाऊ द्वीपों पर गए. बताया जा रहा है कि हवाई आइलैंड की यात्रा के दौरान ताइवान के राष्ट्रपति के एयरक्राफ्ट को ताइवानी एयर फोर्स के एफ-16 फाइटर जेट्स ने सुरक्षा दी हुई थी, क्योंकि ताइवान के आसपास चीन के लड़ाकू विमान मंडरा रहे थे.
चिंग-ते की हवाई यात्रा के बाद अमेरिका ने ताइवान को 385 मिलियन डॉलर के हथियारों की डील को मंजूरी दे दी है. इसमें लड़ाकू विमान एफ-16 के स्पेयर पार्ट्स और रडार सिस्टम के साथ-साथ कुछ संचार उपकरण भी शामिल हैं. जिसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका द्वारा ताइवान को हाल ही में हथियारों की बिक्री किये जाने की घोषणा के जवाब में 13 अमेरिकी कंपनियों और छह अधिकारियों पर गुरुवार को प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. चीन ने ताइवान की अमेरिका से डिफेंस डील को गलत फैसला बताते हुए धमकी भी दी है.
अमेरिकी द्वीप पर लाई चिंग ते का स्वागत, भड़का चीन
अमेरिका के हवाई में लाई चिंग ते के रेड कार्पेट स्वागत से चीन बुरी तरह से भड़क गया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर लाई चिंग-ते के हवाई में रुकने की कड़ी निंदा की है. साथ ही चीन ने कहा है कि उसने इस मामले में अमेरिका के सामने मजबूत तरीके से विरोध दर्ज कराया है. चीन ने कहा है कि, ‘ताजा हालात पर वह बारीकी से नज़र बनाए हुए हैं और अपने देश की क्षेत्रीय संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए जरूरी और कड़े कदम उठाएगा.
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वु कियान ने कहा है कि हम चीन के ताइवानी क्षेत्र के साथ किसी भी तरह की आधिकारिक वैचारिक आदान-प्रदान का दृढ़ता से विरोध करते हैं. हम ताइवान की आजादी के किसी भी प्रयास को दृढ़तापूर्वक कुचलने का प्रण लेते हैं.
माना जा रहा है कि ताइवान के राष्ट्रपति के दौरे के बाद चीन एक बार फिर भड़क सकता है. ताइवान को धमकाने के लिए एक बार फिर चीन युद्धाभ्यास कर सकता है. दरअसल चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है तो ताइवान अपनी संप्रभुता के लिए चीन से लड़ रहा है. इसमें गौर करने की बात ये है कि ताइवान के राष्टपति ने जिन तीनों द्वीप की यात्रा की है वो पैसिफिक क्षेत्र के उन 12 देशों में शामिल हैं जिन्होंने ताइवान को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दी है. हालांकि दुनिया के ज्यादातर देशों की तरह अमेरिका ने भी ताइवान को मान्यता नहीं दी है पर चीन के खिलाफ ताइवान को अमेरिका मजबूती से समर्थन दे रहा है.