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चीन की आक्रामकता रहेगी जारी, 2024 जाते-जाते ताइवान को चेतावनी

साल के आखिरी दिनों में ताइवान के खिलाफ ज्यादा आक्रामक हो गया है चीन. 23 चीनी मिलिट्री एयरक्राफ्ट और छह नौसैनिक जहाजों ने मध्य रेखा को पार करके ताइवान के क्षेत्र में प्रवेश किया है. ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने चीनी घुसपैठ की पुष्टि करते हुए तैनाती और सतर्कता और बढ़ा दी है.

कुछ दिनों पहले नाटो महासचिव मार्क रूटे ने भी चीन के रुख की आलोचना करते हुए कहा था कि ‘हमें चीन के विस्तारवाद नीति के बारे में सोचना चाहिए.’ वहीं ताइवान को मिल रही अमेरिकन सैन्य मदद से चीन भड़का हुआ है. चीन ने रविवार को अमेरिकी की ओर से ताइवान को दिए गए डिफेंस सपोर्ट पैकेज का विरोध करते हुए कहा, ‘ताइवान को मदद पहुंचाकर अमेरिका आग से खेल रहा है.’ ताइवान ने हालांकि कहा है कि ‘अमेरिका, मदद करके हमारी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता जाहिर कर रहा है.’ 

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने क्या जानकारी दी

चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए ताइवान ने ऐलान किया है कि वो अगली पीढ़ी के प्रशिक्षण विधियों और गियर के साथ सेना के पैराट्रूपर्स और विशेष वॉर फाइटर्स और उनकी क्षमताओं को बढ़ा रहा है. दरअसल चीन ने ताइवानी क्षेत्र में लगातार दो दिन घुसपैठ की है.

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट करके लिखा, “ताइवान के आसपास 23 पीएलए विमान और 6 पीएलएएन जहाजों को सुबह 6 बजे देखा गया है. 16 विमानों ने मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के उत्तरी, दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी एडीआईजेड में प्रवेश किया. हमने स्थिति की निगरानी की है और उसके अनुसार प्रतिक्रिया दी है.”

एमएनडी ने रविवार को द्वीप के पास पांच चीनी सैन्य विमानों और पांच नौसैनिक जहाजों की मौजूदगी की सूचना दी थी. शनिवार को भी सैन्य गतिविधि की सूचना मिली थी, जब सात चीनी सैन्य विमान और पांच नौसैनिक जहाज उसके क्षेत्र के आसपास थे. 

अमेरिका के डिफेंस पैेकेज से भड़का हुआ है चीन

शुक्रवार को अमेरिका ने ताइवान के लिए 4.85 हजार करोड़ रु के डिफेंस सपोर्ट पैकेज का ऐलान किया था. इसके अलावा अमेरिकी रक्षा विभाग, पेंटागन ने भी ताइवान के लिए 2.50 हजार करोड़ के सैन्य बिक्री की मंजूरी दी है. अमेरिका की इसी सैन्य मदद से चीन भड़क गया है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “अमेरिका, ताइवान की मदद करके चाइना वन पॉलिसी का उल्लंघन कर रहा है.” चीन ने ताइवान को रेडलाइन बताते हुए अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि- “चीन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए जो जरूरी होगा वो करेगा.” 

ताइवान को हथियार देना बंद करे अमेरिका: चीन

ताइवान की मदद को लेकर चीन ने कहा है कि “अमेरिका को ताइवान को हथियार देना बंद कर देने चाहिए, क्योंकि अमेरिका के इस कदम से इलाके की शांति और स्थिरता खतरे में पड़ सकती है.” चीन स्टेट काउंसिल के प्रवक्ता जू फेंगलियान ने कहा, “हम ताइवान को हथियार देने का विरोध करते हैं.”

चीन की विस्तारवाद नीति के बारे में सोचना होगा: नाटो

हाल ही में नाटो महासचिव मार्क रूटे ने भी चीन के रुख की आलोचना करते हुए कहा था कि “हमें चीन की महत्वाकांक्षाओं के बारे में स्पष्ट रूप से सोचना चाहिए. चीन अपने परमाणु हथियारों सहित अपनी सेना का काफी निर्माण कर रहा है. इसमें न कोई पारदर्शिता है और न ही कोई सीमा है.”

बहरहाल चीन-ताइवान में तनातनी बढ़ गई है. आशंका इस बात की है कि कहीं नए साल के शुरुआत में चीन-ताइवान के बीच भी रूस-यूक्रेन की तरह जंग ना शुरु हो जाए. एक्सपर्ट्स इस बात की चेतावनी दे चुके हैं कि चीन, ताइवान पर जबरन कब्जा करने की फिराक में हैं, बस वो एक मौका तलाश रहा है कि ताइवान कब चीन के खिलाफ कोई तगड़ा एक्शन ले तो चीन पलटवार करके ताइवान पर अधिकार जमा ले. 

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