July 5, 2024
XYZ 123, Noida Sector 63, UP-201301
Alert Breaking News Conflict Geopolitics India-China LAC

मोदी को चुनावी झटका, चीन की खिली बांछें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पूर्ण बहुमत न मिलने से चीन की बांछे खिल गई है. ड्रैगन ने कहा है कि अब न तो भारत में आर्थिक सुधार होंगे और ना ही चीन के साथ संबंध सुधरेंगे. चीन ने तो भविष्यवाणी कर दी है कि भारत की विदेश नीति अब ज्यादा ‘आक्रामक’ हो जाएगी. 

भारत के चुनावों के नतीजों पर पहली विदेशी प्रतिक्रिया चीन से आई है. चीन के मुताबिक, गठबंधन के साथ मामूली बहुमत पाकर तीसरी बार भारत की कमान संभालने के बावजूद पीएम मोदी का “चीन को मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र और बिजनेस में टक्कर देने थोड़ा मुश्किल होगा.” 

चीन के मुताबिक, मोदी अब ‘राष्ट्रवाद’ का कार्ड खेलेंगे और आर्थिक सुधार करना मुश्किल हो जाएगा. चीन ने कहा कि मोदी अब भारत में ‘हिन्दू राष्ट्रवाद’ को मजबूत करने में जुट जाएंगे. 

चीन ने अपने एक्सपर्ट की राय के जरिए अपने सरकारी मुखपत्र में लिखा कि भारत और चीन के बीच संबंधों में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा. साथ ही कहा कि मोदी की विदेश नीति अब ज्यादा ‘हॉकिस’ यानी आक्रामक हो जाएगी. 

भारत के आम चुनावों में बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं (वोटों की गिनती का काम जारी है. ऐसे में सीट थोड़ी बहुत ऊपर नीचे हो सकती हैं). जबकि संसद में पूर्ण बहुमत के लिए 272 सीटों की जरुरत होती है. बीजेपी ने हालांकि, चुनावों से पहले ही क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर लिया था. बीजेपी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) गठबंधन को हालांकि 290 सीटें मिल चुकी हैं. 

भारत के चीन के साथ ’62 के युद्ध से ही खराब रहे हैं. लेकिन पिछले चार सालों में ये संबंध बेहद खराब हो चुके हैं. वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख से सटे विवादित बॉर्डर (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी) पर हुए झड़प (गलवान घाटी) के बाद से तनाव चरम पर है. भारतीय सेना ने चीन की पीएलए सेना की घुसपैठ पर लगाम लगा दी थी. पिछले चार सालों से एलएसी पर दोनों देशों के एक-एक लाख सैनिक आमने सामने हैं. तनाव के चलते भारत ने चीन के एप और कंपनियों तक पर बैन लगा दिया है. 

चुनाव से पहले बीजेपी ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का ऐलान किया था. इसी से चीन को बेचैनी थी. क्योंकि चीन दूसरे नंबर पर है. कूटनीति के क्षेत्र में भी भारत ने चीन को चेकमेट कर रखा है. ऐसे में जब पीएम मोदी को घरेलू राजनीति में थोड़ा झटका लगा तो चीन फिर से भारत पर हावी होने की कोशिश करने लगा. 

Leave feedback about this

  • Rating