मालदीव भले ही भारत को अपने देश से आउट करने की फिराक में है लेकिन पड़ोसी देश श्रीलंका ने चीन को आउट कर भारत के युद्धपोत को कोलंबों में स्वागत किया है. कोलंबो में हुए एक समारोह में आईएनएस काबरा ( युद्धपोत) द्वारा श्रीलंका नौसेना और वायु सेना के लिए आवश्यक कलपुर्जे और भंडार सौंपे गए. आईएनएस काबरा ऐसे समय में कोलंबो पहुंचा है जब हाल ही में श्रीलंका ने चीन के युद्धपोतों को एक साल तक आने पर रोक लगा दी है.
कोलंबो पहुंचा आईएनएस काबरा
सौहार्द और मित्रता का संकेत देते हुए भारतीय नौसेना का फास्ट अटैक क्राफ्ट, आईएनएस काबरा कोलंबो पहुंचा है. आईएनएस काबरा का श्रीलंका की नेवी ने जोरदार स्वागत किया. आईएनएस काबरा का कोलंबों में पहुंचना पीएम के विजन ‘सागर’ की कड़ी थी. आईएनएस काबरा की भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक पोर्ट कॉल थी. श्रीलंका के तटरक्षक जहाज ‘सुरक्षा’ के कल-पुर्जों की भारत में मरम्मत के बाद श्रीलंका को सौंप दिया गया. श्रीलंका का पहला ओपीवी ‘एसएलसीजीएस सुरक्षा’ पहले भारतीय तटरक्षक बल का हिस्सा था और अक्टूबर 2017 में आधिकारिक तौर पर श्रीलंकाई नौसेना को सौंप दिया गया था. रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री के ‘सागर’ के दृष्टिकोण से भारत-श्रीलंका दोनों ही देशों की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करती है.
भारत अपने पड़ोसी मित्रों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहता है. चाहे वो श्रीलंका और बांग्लादेश हो या भूटान हो. जिसने भी मदद मांगी संकट-मोचक हनुमान बनकर भारत मित्र देशों की मदद के लिए समंदर पार करके पहुंच गया. हिंद महासागर क्षेत्र के पड़ोसी देशों के लिए भारत एक ऐसा भरोसेमंद साथी है जिस पर दूसरे देश आंख बंद करके भरोसा कर सकते हैं. लेकिन कई ऐसे देश भी हैं जिन्हें भारत की उभरती वैश्विक छवि से चिढ़ मच रही है. दो मित्र देशों के बीच दरार बढ़ाने में लगे हुए हैं.
जिनपिंग के मंसूबों को श्रीलंका ने दिया जोरदार झटका
भारत के पड़ोसी मित्र श्रीलंका ने पीएम मोदी की सलाह के बाद चीन को एक बड़ा झटका दिया है. हिंद महासागर में जासूसी करने वाले चीन के जहाज अब श्रीलंका के बंदरगाह पर अब रुक नहीं पाएंगे. दरअसल चीन से कर्ज लिए श्रीलंका के तट पर चीनी जहाज रिसर्च के नाम के कई कई दिनों तक हिंद महासागर में रुकते थे और जासूसी करते थे. भारत ने अलग अलग माध्यमों से कई बाद चीनी जहाजों को श्रीलंका के तटों पर रुकने का विरोध किया है. पीएम मोदी समेत भारत सरकार ने श्रीलंका से साफ- साफ कह दिया था कि चीन के जहाज रिसर्च के नाम पर विशाल हिंद महासागर में जासूसी कर रहे हैं. भारत के विरोध के बाद श्रीलंका की सरकार ने 1 जनवरी से चीनी जहाजों के श्रीलंका के तटों पर रुकने पर बैन लगा दिया है. श्रीलंका ने इस प्रतिबंध का फैसला तब लिया है जब चीन इसी महीने जनवरी में एक और जासूसी जहाज को कोलंबो भेजने की साजिश रच रहा था. इस चीनी जहाज का नाम शियांग यांग होंग 3 है.
भारत को घेरने का चीनी प्लान बेनकाब
चीन की नौसेना भारत को घेरने पाकिस्तान के ग्वादर, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका में अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ा रही है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समंदर में चीन की उपस्थिति पर चिंता जताई है. एस जयशंकर ने एक बयान में कहा था- चीन की नौसेना का आकार और तैनाती भी तेजी से बढ़ रही है. सिर्फ भारत में समंदर से जासूसी नहीं कर रहा चीन बल्कि अमेरिका में भी चीनी जासूसी का पिछले साल खुलासा हुआ था. जब चीन ने बस के आकार का गुब्बारा अमेरिका में भेजा था. अमेरिका ने दावा किया था कि चीन उस गुब्बारे की मदद से रिसर्च के नाम पर यूएस के सैन्य ठिकानों की जासूसी कर रहा है. बाद में अमेरिका ने फाइटर जेट की मदद से चीनी गुब्बारे को तबाह कर दिया था.
हिंदुस्तान की बढ़ी समंदर में शक्ति
अभी तक देशों में जमीनी जंग देखी गई है, हवाई जंग भी देखी गई है. पर हाल के दिनों में समंदर में भी दुश्मन देश एक दूसरे से जोर आजमाइश कर रहे हैं. लाल सागर से लेकर अरब सागर तक में लुटेरों और विद्रोहियों के अटैक बढ़े हैं. ऐसे में भारत ने अपनी ताकत चौगुनी कर दी है. हाल ही में सोमालियाई लुटेरों से जहाज को भारतीय नौसेना ने बचाया. नेवी चीफ एडमिरल आर हरिकुमार ने भी कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के विजन ‘सागर’ से 2047 तक भारत पूरी तरह से सशक्त हो जाएगा. भारत हर समस्या से निपटने को हरदम तैयार है. सोमालियाई समुद्री लुटेरों और दूसरे खतरों को देखते हुए भारतीय नौसेना ने अपने दस युद्धपोतों को अरब सागर में तैनात किया है.
हिंद महासागर में पारंपरिक तौर पर भारत का दबदबा रहा है लेकिन अब चीन भी हिंद महासागर में अपनी पैठ बढ़ाने की फिराक में है. लिहाजा चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अलग अलग जगहों पर अपनी उपस्थिति दिखाता रहता है. और चीनी खतरे को देखते हुए भारत सागर योजना के जरिए हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ अपने संबंध और मजबूत कर रहा है. सागर योजना के तहत ही भारत हिंद महासागर में अपने सहयोगी देशों के साथ आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत कर रहा है, कोरोना महामारी के दौरान भी भारत ने सागर योजना के तहत मालदीव, मॉरीशस, मैडागास्कर, कोमोरोस और सेशेल्स को मदद पहुंचाई थी. और इसी योजना के तहत कोलंबों में भारत का आईएनएस काबरा पहुंचा और कोलंबो की मदद की.
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